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कोरोना के कहर से व्यापार चौपट, टेंट, लाइट, हलवाई, बर्तन व कपड़ा व्यवसाय को बड़ा झटका - देवास

कोरोना के कहर में आम आदमी से लेकर व्यवसायिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. 22 मार्च के बाद से कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने प्रदेश में शादी से जुड़े व्यवसाय की कमर ही तोड़ दी है.

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Published : May 1, 2020, 11:28 AM IST

देवास। अप्रैल से मई तक शादी का सीजन होने के कारण टेंट, लाइट, हलवाई के साथ कपड़े, बर्तन का व्यवसाय सबसे अधिक होता है. ऐसे समय में पूरे देश में लॉकडाउन के कारण देवास के हाटपीपल्या में भी पूरा व्यवसाय ठप पड़ा है. वैसे अब इन लोगों का मानना है कि, अब छह माह तक इस व्यवसाय में कोई हलचल नहीं होने वाली. व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने के कारण क्षेत्र के व्यापारियों को लाखों से अधिक का झटका लगा है.

अक्षय तृतीया जैसे पर्व पर शादी के खूब मुहूर्त होते हैं और इस मौके में बाजार भी गुलजार रहते थे. दिवाली के बाद अप्रैल, मई ये दो माह यह दूसरा अवसर होता है, जब यह व्यवसाय सर्वाधिक होता है. कपड़ा और बर्तन व्यापारियों ने तो सीजन के मद्देनजर खरीदी भी कर ली थी और ग्राहकी खुलने की बाट जोह रहे थे, लेकिन लॉकडाउन हो गया.

लॉकडाउन होने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय पर बड़ा असर पड़ा है बाहर के पेमेंट वालों का अब तकादा शुरू हो चुका है, जबकि वसूली बिल्कुल ठप है और व्यापार खुलने के बाद भी व्यापार में उधारी वसूली की रफ्तार धीमी रहेगी.

देवास। अप्रैल से मई तक शादी का सीजन होने के कारण टेंट, लाइट, हलवाई के साथ कपड़े, बर्तन का व्यवसाय सबसे अधिक होता है. ऐसे समय में पूरे देश में लॉकडाउन के कारण देवास के हाटपीपल्या में भी पूरा व्यवसाय ठप पड़ा है. वैसे अब इन लोगों का मानना है कि, अब छह माह तक इस व्यवसाय में कोई हलचल नहीं होने वाली. व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने के कारण क्षेत्र के व्यापारियों को लाखों से अधिक का झटका लगा है.

अक्षय तृतीया जैसे पर्व पर शादी के खूब मुहूर्त होते हैं और इस मौके में बाजार भी गुलजार रहते थे. दिवाली के बाद अप्रैल, मई ये दो माह यह दूसरा अवसर होता है, जब यह व्यवसाय सर्वाधिक होता है. कपड़ा और बर्तन व्यापारियों ने तो सीजन के मद्देनजर खरीदी भी कर ली थी और ग्राहकी खुलने की बाट जोह रहे थे, लेकिन लॉकडाउन हो गया.

लॉकडाउन होने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय पर बड़ा असर पड़ा है बाहर के पेमेंट वालों का अब तकादा शुरू हो चुका है, जबकि वसूली बिल्कुल ठप है और व्यापार खुलने के बाद भी व्यापार में उधारी वसूली की रफ्तार धीमी रहेगी.

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