देवास। इन दिनों प्रदेश के कई जिलों में टिड्डी दल ने उत्पात मचा कर रखा है. जिससे ग्रामीण परेशान हो रहे हैं, ये टिड्डी दल फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. वहीं देवास जिले के खातेगांव में नर्मदा किनारे टिड्डी दल पर फायर बिग्रेड से कीटनाशक का छिड़काव किया गया. खातेगांव नर्मदा तट सहित क्षेत्र के आसपास के गांव में टिड्डी दल अभी भी डेरा डाले हुए है. अधिकांश टिड्डी हरदा जिले की ओर निकल गई. वहीं प्रशासन और ग्रामीणों की सजगता से फसल को नुकसान नहीं हुआ है. अधिकारियों और ग्रामीणों द्वारा दवा का छिड़काव करने के बाद भी टिड्डी दल अभी भी पेड़ों पर, खाली प्लांट में और मूंग की फसल में बैठा है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसान ने टिड्डी दल को भगाने के लिए खेतों में थाली बजाते रहे, धुआं किया, पटाखे फोड़े जिससे मूंग की फसल को कोई नुकसान ना हो.
नर्मदा किनारे खेतों पर मंडरा रहा खतरा
पीपल नेरिया, बिजल गांव, करौंद चीचली, अकावल्या, सहित नर्मदा किनारे के गांव में और कोलारी रोड पर खातेगांव क्षेत्र, ग्राम राजोर, साक्या, बागदा, दाउठा, खुड़गांव सहित अनेक गांव के खेतों में टिड्डी दल शनिवार शाम 5 बजे के लगभग आया था. पहले से ही किसानों ने धुआं समेत आवश्यक सुरक्षा के साधन कर रखे थे.
टिड्डी दल के आने की सूचना पहले ही मिल गई थी, जिसके चलते किसान पूरी तरह से सतर्क हो गया था. प्रशासन ने भी फायर ब्रिगेड से मूंग की फसल को सुरक्षित रखने के लिए दवा का छिड़काव किया. जिससे अधिकांश टिड्डियों की मौत हो गई और फसलें पूरी तरह सुरक्षित हैं. एसडीएम संतोष तिवारी पल-पल की खबर लेते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे, मौके पर तहसीलदार राधा महंत, नायब तहसीलदार चंद्रशेखर परमार, खातेगांव कृषि विस्तार अधिकारी एनएस गुर्जर, ग्राम सेवक पटवारी सहित प्रशासनिक अमला खेतों में पहुंचकर टिड्डी को भगाने में किसानों का सहयोग कर रहे हैं.
टिड्डी दल पेड़-पौधों को पहुंचा रहा है नुकसान
कृषि विस्तार अधिकारी एनएस गुर्जर ने किसानों से अपील की है कि, किसान भाई धुआं कम करें, क्योंकि धुंए से टिड्डी दिशा भटक जाती है, और फिर पुनः लौट कर आ जाती है. किसान अधिक से अधिक ध्वनि पर ध्यान दें, साउंड सिस्टम लगाएं, ट्रैक्टर से, ढोल ढमाकों से, थाली बजाकर टिड्डी को भगाने का प्रयास करें. मूंग की फसल पर भी खतरा है, लेकिन अभी तक अधिकांश टिड्डी पेड़ों पर ही होने के कारण पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचा रही हैं.
टिड्डी सप्ताह में एक बार देती है अंडे
सप्ताह में एक बार एक टिड्डी 5 सौ से 15 सौ तक अंडे देती है. अगर टिड्डी जमीन पर अंडे देती है, तो आने वाली फसल पर संकट पैदा हो जाएगा. सीहोर जिले से टिड्डियों का आगमन हो गया. दो दिनों से फायर बिग्रेड की मदद से कीटनाशक दवाओं का स्प्रे किया जा रहा है. कीट वैज्ञानिक डॉक्टर मनीष ने बताया कि, ये समय टिड्डी के अंडे देने का समय है, इसलिए किसान जो सक्षम हैं वे अपनी फसलों पर कीटनाशक दवा का स्प्रे भी कर सकते हैं. जिससे टिड्डी जमीन पर ना बैठे और अंडे ना दे पाए.
कृषि विभाग के एनएस गुर्जर ने बताया कि, देर रात से ही दवा के छिड़काव का कार्य जारी था, जो सुबह तक चला, साथ ही मूंग की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि, अलग-अलग दल बनाए गए हैं, जो पूरी तरह सतत निगरानी रखे हुए हैं. कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ-साथ ग्रामीण भी अभियान में सहयोग कर रहे हैं. कृषि अधिकारियों ने ग्रामीण अंचलों में खेतों में पहुंचे और किसानों से चर्चा की. एक दो दल और आने की सूचना है. किसान सजग रहें और अधिक से अधिक खेतों में ध्वनि कर इन्हें भगाएं.