देवास। देवास जिले की गिरजा कुमावत को वर्ष 2016 में डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. उस समय उनकी रीढ़ की हड्डी पर लगाए गए एक इंजेक्शन के चलते उनकी कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया, जो आज तक ठीक नहीं हो सका है. हालात यह हैं कि शौच से लेकर तमाम कामों के लिए पति विशाल कुमावत को मदद करना पड़ती है. पत्नी की बीमारी और छोटे बच्चों की जिम्मेदारी के चलते विशाल की नौकरी भी चली गई, खर्च बढ़े और आमदनी शून्य हो गई. इसी बीच विशाल के पिता ने कर्ज के चलते अपना मकान तक बेच दिया. अब एक किराए के कमरे में जैसे-तैसे गुजर बसर करने वाला विशाल का परिवार आज कलेक्ट्रेट पहुंचा और मदद की गुहार लगाई.
पत्नी को अस्पताल में छोड़कर भाग गया था विशाल
विशाल इतना परेशान हो गया कि पिछले दिनों जिला अस्पताल के बरामदे में पत्नी बच्चों को छोड़कर चला गया. कुछ घंटे अलग रहने के बाद उसका मन नहीं माना और वह अपनी जिम्मेदारी का बोझ उठाने का फैसला कर वापस लौट आया. विशाल की एक ही इच्छा है कि उसकी पत्नी का इलाज हो जाए और वह चलने फिरने लगे. हालांकि इसके लिए पिछले तीन चार साल से संघर्ष कर रहे विशाल को शासन-प्रशासन की तरफ से मदद तो मिली लेकिन वह इलाज के लिए पर्याप्त नहीं थी. विशाल ने एक बार फिर से अपनी पत्नी का इलाज कराने की गुहार लगाई है. विशाल का कहना है कि पहले भी जिला अस्पताल में कई बार गिरजा को भर्ती किया जा चुका है. यहां से उसे एमवायएच इंदौर रैफर कर दिया जाता है और दो चार दिन बाद एमवाय हॉस्पिटल इंदौर से फिर देवास भेज दिया जाता है. अगर विशाल की पत्नी को व्यवस्थित इलाज मिले तो वो कहीं भी इलाज कराने को तैयार है.
एक इंजेक्शन से तबाह हुई जिंदगी
जिले में दर-बदर की ठोकर खाता एक परिवार जिसकी कोई रात जिला अस्पताल के बरामदे में गुजरती है, तो कोई उस किराए के कमरे में. जिसकी बिजली कटी हुई है, किराया नहीं दे पाने के कारण मकान मालिक किराए का तकादा लगाता है. दो बच्चे उनमें भी एक दिव्यांग है, इन बच्चों की भूख मिटाने के लिए दूसरों पर आश्रित यह परिवार शुरू से ऐसा नहीं था. चार साल पहले सब कुछ ठीक था. हंसते खेलते इस परिवार की गृहणी को डिलीवरी के दौरान लगाए गए एक गलत इंजेक्शन ने सब कुछ तबाह कर दिया.