देवास। जिला प्रशासन ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए एक आश्रम से पांच मंदबुद्धि व दो सामान्य महिलाओं को मुक्त करवाया है. तंबू में संचालित कबीर आश्रम के नाम से इस फर्जी आश्रम में कुछ महिलाएं व युवतियां लंबे समय से रह रही थी. अधिकारियों को इनके साथ अनैतिक कृत्य होने की भी शंका है, जिसकी अब जांच की जा रही है. यह कबीर आश्रम चुना खदान व जामगोद के पास मौजूद है, जहां पुलिस प्रशासन, तहसीलदार, महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए महिलाओं को आजाद कराया है.
दरअसल कुछ दिनों पहले एक गर्भवती युवती को दो महिलाएं जिला अस्पताल में लावारिस अवस्था में छोड़कर चली गई थी. यह युवती मंदबुद्धि होने के साथ मुखबधिर भी थी, जिसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है. बच्ची के प्रति इस युवती का स्नेह और मातृत्व देखकर महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल व अन्य अधिकारी बहुत प्रभावित हुए.
आश्रम में 6 दिव्यांग महिलाओं को बनाया था बंधक
इस पर सभी युवती व उसकी बच्ची को उसके परिवार की तलाश कर उन तक पहुंचना चाहते थे, लेकिन युवती मंदबुद्धि होने के साथ बोल नहीं पाने की वजह से कुछ भी स्पष्ट नही बता पा रही थी. अधिकारियों ने युवती की काउंसलिंग करवाई, और उस स्थान पर पहुंचने की कोशिश की. युवती ने जो स्थान बताया, वह एक आश्रम निकला. अधिकारियों को इस आश्रम की गतिविधियों पर शक हुआ तो आगे तफ्तीश की गई, जिसमें पता चला कि आश्रम में 6 और महिलाओं और युवतियों को बंधक बनाया गया था.
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महिलाओं का रेस्क्यू कर भेजा वन स्टॉप सेंटर
जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने रेस्क्यू करते हुए आश्रम से इन सभी युवतियों को मुक्त करवाया और उन्हें वन स्टॉप सेंटर भेजा गया है. इन युवतियों की काउंसलिंग के बाद अधिकारियों को इनके साथ अनैतिक कृत्य होने की आशंका है, जिसकी जांच की जा रही है.
मामले में अज्ञात व्यक्ति पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज
वहीं एक मंदबुद्धि व मुखबधिर युवती के गर्भवती होने व बच्चे को जन्म देने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म व अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है. साथ ही शिशु व आश्रम संचालक के साथ आश्रम से जुड़े सभी पुरुषों का DNA जांच कराया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक डीएनए रिपोर्ट आने और जांच पूरी होने के बाद आश्रम के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.