दतिया। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार कांडो की बात करे सबसे पहले व्यापम कांड का नाम आता है. एक बार फिर व्यापम कांड का मामला दतिया के मेडिकल कालेज से बाहर आया है. व्यापम कांड में आरोपी रहे डॉ अमित यादव मेडिकल कालेज डीन की बदोलत मेडिकल कॉलेज में सह अधीक्षक के पद पर गैर कानूनी तरीके से पदस्थ रहे और अपनी सेवाएं पर रहते हुये शासकीय सुविधा भी पाते रहे है. फिलहाल आरोपी डॉ अमित यादव फरार हैं.
डॉ अमित यादव का व्यापम में आरोपी होने का खुलासा दतिया के युवा समाजसेवी जयेंद्र सिंह सोमवंशी ने अपने कुछ साथियों के साथ मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी को ज्ञापन सौपते किया है. सोमवंशी ने ज्ञापन में बताया है कि व्यापम घोटाला अपने आप मे मध्यप्रदेश के लिये एक काला धब्बा है और इस धब्बे को शासकीय सेवारत अधिकारी मेडिकल कालेज डीन डॉ राजेंश ने आरोपी का साथ देकर और ज्यादा काला बनाने में सहयोग किया है.
वर्तमान मेडिकल कॉलेज डीन डॉ राजेश गर द्वारा सभी नियमों को ताक पर डॉ अमित यादव पुत्र लाखन सिंह यादव को मैडिकल कॉलेज दतिया में सहायक प्राध्यापक के पद पर चयनित किया गया. इसके साथ डॉ अमित यादव को फॉरेंसिक विभाग में पदस्थ किया गया. कालेज डीन डॉ राजेश गौर द्वारा यह जानने के बाबजूद की डॉ अमित यादव वर्ष 2006 में फर्जी तरीके से व्यापम पीएमटी में प्रवेश लेने के आरोपी है और मामल दर्ज है. इसके बाद भी डीन द्वारा शासकीय नियमो के विरुद्ध एवं नियुक्ति में भ्रष्टाचार करते हुए व्यापम आरोपी डॉ अमित यादव की दतिया मेडिकल कालेज नियुक्ति कराई गई.
नियुक्ति की प्रकिया में पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र किसी प्रकार के आपराधिक प्रकरण में संलिप्त न होने का शपथ पत्र की शर्तों को दरकिनार कर शासकीय सेवा मुहैया कराई और व्यापम आरोपी डॉ अमित यादव डीन के सरक्षंण में कालेज में ड्यूटी कर शासकीय सेवा का लाभ लेते रहे.
मध्यप्रदेश का व्यापम घोटाला पकड़ में आने के बाद वर्ष 2006 में सुर्खियों में आया था. डॉ अमित यादव इसी व्यापम में आरोपी हैं. इन पर वर्ष 2006 में व्यापम पीएमटी में प्रवेश लेने के आरोप में झांसी रोड थाना ग्वालियर में अपराध क्रमांक 499/13 प्रकरण दर्ज है, जिसकी जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही थी और इसका खुलासा सीबीआई ने स्पेशल सीबीआई ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में फाइनल चार्जशीट प्रस्तुत करते हुए किया था.