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रेंजर ने मुख्य वन संरक्षक को भेजा अपना त्याग पत्र, माफियाओं से बताया जान का खतरा

सेवड़ा रेंजर ने मुख्य वन संरक्षक को अपना त्याग पत्र भेजा हैं, जिसमें उन्होंने खुद को रेत माफियाओं से जान का खतरा बताया हैं.

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Published : May 6, 2021, 8:11 PM IST

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रेंजर ने मुख्य वन संरक्षक को भेजा अपना त्याग पत्र

दतिया। सेवड़ा में इन दिनों रेत का अवैध उत्खनन चरम पर हैं. अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर अधिकारियों और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही हैं, जिससे उनके हौंसले बुलंद हैं. इन्हीं समस्याओं को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर को अपना पीड़ा भरा त्याग पत्र भेजा हैं. वन रेंजर ने खुद को रेत माफियाओं से जान का खतरा बताया हैं.

वन रेंजर ने पत्र में क्या लिखा ?

वन रेंजर ने पत्र में लिखा है कि विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने के कारण मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा हूं. मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं. मेरी जान खतरे में हैं. मेरा त्याग पत्र स्वीकृत कर मुझे शासकीय सेवा से मुक्त करने की कृपा करें. अन्यथा मेरी जान जा सकती हैं, जिसका विभाग जिम्मेदार रहेगा.

रेंजर ने यह भी लिखा कि सेवड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत केपी सिंह भदौरिया दबंग भाजपा नेता ने रेत का ठेका लिया हैं. ठेकेदार द्वारा बिना स्वीकृत खदानों से रेत उत्खनन किया जा रहा हैं, जिसमें वन क्षेत्र भी शामिल हैं.

प्रशासन की टीम ने तोड़ा उत्खनन के लिए बनाया गया अस्थाई पुल

वन रेंजर ने बताया कि बीट वन परिक्षेत्र उत्खनन के लिए संवेदनशील हैं. क्षेत्र की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा करवाई गई, जिसमें मुझे और मेरे स्टॉफ को निर्दोश पाया गया. इसके बावजूद भी डीएफओ द्वारा कार्रवाई कर स्टॉफ और मेरे ऊपर लाखों रुपए की वसूली लगा दी गई. इस कार्रवाई से सभी मानसिक रूप से परेशान हैं.

दतिया। सेवड़ा में इन दिनों रेत का अवैध उत्खनन चरम पर हैं. अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर अधिकारियों और पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही हैं, जिससे उनके हौंसले बुलंद हैं. इन्हीं समस्याओं को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर को अपना पीड़ा भरा त्याग पत्र भेजा हैं. वन रेंजर ने खुद को रेत माफियाओं से जान का खतरा बताया हैं.

वन रेंजर ने पत्र में क्या लिखा ?

वन रेंजर ने पत्र में लिखा है कि विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने के कारण मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा हूं. मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं. मेरी जान खतरे में हैं. मेरा त्याग पत्र स्वीकृत कर मुझे शासकीय सेवा से मुक्त करने की कृपा करें. अन्यथा मेरी जान जा सकती हैं, जिसका विभाग जिम्मेदार रहेगा.

रेंजर ने यह भी लिखा कि सेवड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत केपी सिंह भदौरिया दबंग भाजपा नेता ने रेत का ठेका लिया हैं. ठेकेदार द्वारा बिना स्वीकृत खदानों से रेत उत्खनन किया जा रहा हैं, जिसमें वन क्षेत्र भी शामिल हैं.

प्रशासन की टीम ने तोड़ा उत्खनन के लिए बनाया गया अस्थाई पुल

वन रेंजर ने बताया कि बीट वन परिक्षेत्र उत्खनन के लिए संवेदनशील हैं. क्षेत्र की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा करवाई गई, जिसमें मुझे और मेरे स्टॉफ को निर्दोश पाया गया. इसके बावजूद भी डीएफओ द्वारा कार्रवाई कर स्टॉफ और मेरे ऊपर लाखों रुपए की वसूली लगा दी गई. इस कार्रवाई से सभी मानसिक रूप से परेशान हैं.

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