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शरद पूर्णिमा की कंफर्म तिथि पर व्रत, दान को लेकर दूर करें कंफ्यूजन, 6 जरुरी उपाय

शरद पूर्णिमा पर तिथि और मुहूर्त का कंफ्यूजन करें दूर. जानें 16 अक्टूबर को सर्वोत्तम मुहूर्त कब है? खीर, दान और व्रत का सटीक महत्व.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

Sharad Purnima Vrat Tithi Muhurt
शरद पूर्णिमा पर खीर का है विशेष महत्व (ETV Bharat)

Sharad Purnima Vrat Tithi Muhurt: शरद पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व होता है. ज्योतिष आचार्य कि माने, तो शरद पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन खीर का विशेष महत्व होता है. साथ ही कई ऐसे उपाय किए जाते हैं, जिससे विशेष लाभ में मिलता है. धन लाभ के योग होते हैं और किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होती है. इस बार शरद पुर्णिमा को लेकर सटीक तिथि पर लोग कंफ्यूज हैं. मगर इस लेख में हम आपको सटीक तारीख, मुहूर्त और टाइम बता रहे हैं.

कब है शरद पूर्णिमा?

ग्रह वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि "शरद पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस बार शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर दिन बुधवार को है. इस दिन खीर का विशेष महत्व होता है. शरद पूर्णिमा के दिन शाम को 8:00 बजे चावल की खीर तैयार करें और उसे चंद्रमा की रोशनी के नीचे रात भर रखें जिससे चंद्रमा की रोशनी के माध्यम से उस खीर में अमृत वर्षा हो सके और सुबह स्नान करके भगवान की पूजा करके उस खीर का प्रसाद खुद ग्रहण करें और दूसरों को भी खिलाएं. इससे विशेष लाभ मिलेगा, धन लाभ के योग बनेंगे और निरोगता आएगी."

शरद पूर्णिमा के दिन करें 6 उपाय

ग्रह वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि "शरद पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. साथ ही इन बातों का विशेष ख्याल भी रखना चाहिए."

  1. शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी के नीचे चावल की खीर रखें और सुबह उसे खाएं. इससे सभी लोग निरोगता को प्राप्त होंगे और सभी शारीरिक रोग मिट जाएंगे. इसके अलावा धन लाभ के योग बनेंगे.
  2. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा को अर्घ दें और चंद्रमा की पूजा करें. इससे विशेष लाभ होगा. धन वर्षा के योग बनेंगे, आर्थिक परेशानी दूर होगी और मन शांत होगा.
  3. शरद पूर्णिमा के दिन जो खीर बना रहे हैं, वो देसी गाय के शुद्ध दूध से ही बनाएं.
  4. शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. मां लक्ष्मी की भी इस दिन विशेष पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
  5. शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने महारास रचाया था. इसलिए इस पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और घर की आर्थिक स्थितियां विशेष रूप से सुधरती हैं.
  6. शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने से तथा खीर का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है.

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र से जुड़ी ये खबरें जरुर पढ़ें.

शरद पूर्णिमा व्रत से चंद्रमा होगा बलवान

शरद पूर्णिमा पर व्रत करने से कई लाभ होते हैं. सबसे पहले तो जिनका चंद्रमा कमजोर है उन्हे इस खास दिन पर खुले में चांद के नीचे बैठ योग तप करना चाहिए. साथ ही चंद्रमा नीच की राशी में विचरण कर रहा हो तो मंदिर में पूजा भी करनी चाहिए. इससे दिमागी रुप से इंसान मजबूत होता है. देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से धन की कमी भी दूर होती है.

शरद पूर्णिमा पर ना करें इन चीजों का दान

ज्योतिषाचार्य शिवधर द्विवेदी कहते हैं कि, "पूर्णिमा के दिन शहद और अमृत की वर्षा होती है, इसलिए खासकर जब तक यह घड़ी निकल नहीं जाती लोगों को दही और नमक का दान बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही लोहे की वस्तुओं का दान भी वर्जित है. इससे शनि रुष्ट हो सकते हैं.

Sharad Purnima Vrat Tithi Muhurt: शरद पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व होता है. ज्योतिष आचार्य कि माने, तो शरद पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन खीर का विशेष महत्व होता है. साथ ही कई ऐसे उपाय किए जाते हैं, जिससे विशेष लाभ में मिलता है. धन लाभ के योग होते हैं और किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होती है. इस बार शरद पुर्णिमा को लेकर सटीक तिथि पर लोग कंफ्यूज हैं. मगर इस लेख में हम आपको सटीक तारीख, मुहूर्त और टाइम बता रहे हैं.

कब है शरद पूर्णिमा?

ग्रह वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि "शरद पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस बार शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर दिन बुधवार को है. इस दिन खीर का विशेष महत्व होता है. शरद पूर्णिमा के दिन शाम को 8:00 बजे चावल की खीर तैयार करें और उसे चंद्रमा की रोशनी के नीचे रात भर रखें जिससे चंद्रमा की रोशनी के माध्यम से उस खीर में अमृत वर्षा हो सके और सुबह स्नान करके भगवान की पूजा करके उस खीर का प्रसाद खुद ग्रहण करें और दूसरों को भी खिलाएं. इससे विशेष लाभ मिलेगा, धन लाभ के योग बनेंगे और निरोगता आएगी."

शरद पूर्णिमा के दिन करें 6 उपाय

ग्रह वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित शिवधर द्विवेदी बताते हैं कि "शरद पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. साथ ही इन बातों का विशेष ख्याल भी रखना चाहिए."

  1. शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी के नीचे चावल की खीर रखें और सुबह उसे खाएं. इससे सभी लोग निरोगता को प्राप्त होंगे और सभी शारीरिक रोग मिट जाएंगे. इसके अलावा धन लाभ के योग बनेंगे.
  2. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा को अर्घ दें और चंद्रमा की पूजा करें. इससे विशेष लाभ होगा. धन वर्षा के योग बनेंगे, आर्थिक परेशानी दूर होगी और मन शांत होगा.
  3. शरद पूर्णिमा के दिन जो खीर बना रहे हैं, वो देसी गाय के शुद्ध दूध से ही बनाएं.
  4. शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. मां लक्ष्मी की भी इस दिन विशेष पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
  5. शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने महारास रचाया था. इसलिए इस पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और घर की आर्थिक स्थितियां विशेष रूप से सुधरती हैं.
  6. शरद पूर्णिमा के दिन खीर खाने से तथा खीर का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है.

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र से जुड़ी ये खबरें जरुर पढ़ें.

शरद पूर्णिमा व्रत से चंद्रमा होगा बलवान

शरद पूर्णिमा पर व्रत करने से कई लाभ होते हैं. सबसे पहले तो जिनका चंद्रमा कमजोर है उन्हे इस खास दिन पर खुले में चांद के नीचे बैठ योग तप करना चाहिए. साथ ही चंद्रमा नीच की राशी में विचरण कर रहा हो तो मंदिर में पूजा भी करनी चाहिए. इससे दिमागी रुप से इंसान मजबूत होता है. देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से धन की कमी भी दूर होती है.

शरद पूर्णिमा पर ना करें इन चीजों का दान

ज्योतिषाचार्य शिवधर द्विवेदी कहते हैं कि, "पूर्णिमा के दिन शहद और अमृत की वर्षा होती है, इसलिए खासकर जब तक यह घड़ी निकल नहीं जाती लोगों को दही और नमक का दान बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही लोहे की वस्तुओं का दान भी वर्जित है. इससे शनि रुष्ट हो सकते हैं.

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