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44 साल से राम मंदिर के लिए मौन व्रत पर बैठे साधु का हठ, 22 को अयोध्या नहीं पहुंचाया तो त्याग दूंगा प्राण

Datia Mauni Baba on Ayodhya : दतिया के मौनी बाबा ने यह प्रण अपने गुरु पूज्य संत दामोदरदास बाबा से लिया था. लगभग 100 वर्ष पहले संत दामोदरदास ने प्रण लिया था कि जबतक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक के लिए अन्य अन्न का परित्याग कर फलाहारी और मौन रहेंगे.

Datia Mauni Baba on Ayodhya
44 साल से राम मंदिर के लिए मौन व्रत पर बैठे साधु
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 4:55 PM IST

दतिया. लगभग 500 वर्षों से भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए संघर्ष चला. कई साधु संत, राम भक्तों व कारसेवकों ने रामलला मंदिर के निर्माण के लिए अपनी कुर्बानी दी है. कई साधु संत ऐसे भी रहे जिन्होंने मंदिर का निर्माण नहीं होने तक कई चीजों का परित्याग किया. इन्हीं तपस्वियों में से एक हैं दतिया के मौनी बाबा जो 44 सालों से राम मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत पर हैं. वहीं अब इस साधु के एक और हठ से प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं.

22 को अयोध्या नहीं पहुंचाया तो त्याग दूंगा प्राण

दतिया के मौनी बाबा (Mauni Baba Datia) ने कलेक्टर व एसपी को साफ कह दिया है कि उन्हें 22 को अयोध्या नहीं पहुंचाया तो वे प्राण त्याग देंगे. दरअसल, मौनी बाबा ने यह प्रण अपने गुरु पूज्य संत दामोदरदास मोनी बाबा से लिया था. लगभग 100 वर्ष पहले उनाव बालाजी पर रहने वाले संत दामोदरदास उर्फ मौनी बाबा ने प्रण लिया था कि जबतक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक के लिए अन्य अन्न का परित्याग कर फलाहारी रहेंगे. पादुका त्याग करते हुए उन्होंने मौन व्रत धारण किया था. समय की गति के चलते दामोदर दास महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया और गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए उनके शिष्य मोहन गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा ने इस संकल्प को आगे बढ़ाया.

मौनी बाबा धरने पर क्यों बैठे?

इन दिनों गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा दतिया के प्रसिद्ध अनामय आश्रम पर निवास करते हैं. वे 1980 से मौन व्रत की साधना कर रहे हैं. लगभग 4 दशक से अधिक समय गुजर जाने के बाद वह शुभ अवसर भी आ गया जिसके लिए मोनी बाबा तपस्या कर रहे थे. 22 जनवरी को उनके आराध्य प्रभु श्री राम लला को पुनः अयोध्या के नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित किया जा रहा है लेकिन मौनी बाबा के सामने एक समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि उन्हें अयोध्या से किसी प्रकार का कोई आमंत्रण नहीं दिया गया. इसी के बाद से मौनी बाबा धरने पर बैठ गए हैं.

कलेक्टर एसपी ने दिया बाबा को आश्वासन

मौनी बाबा के धरने पर बैठेने के बाद दतिया कलेक्टर संदीप माकिन (Collector Sandeep Makin) ने अपने कर्मचारियों को बाबा को मनाने पहुंचाया. लेकिन मोनी बाबा अपने हठ पर अडिग रहे. उन्होंने लिखकर बताया कि या तो अयोध्या जाएंगे अन्यथा प्राणों को त्याग देंगे. शाम ढलने के बाद पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा (Sp Pradeep Sharma) ने बाबा को मनाने का प्रयास किया. फिलहाल बाबा एसपी के आश्वासन पर धरने से उठ गए हैं. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उन्हें अयोध्या पहुंचाया जाएगा. अब देखना ये होगा कि क्या मोहन गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा 22 जनवरी को अपना व्रत खोल पाएंगे? दतिया पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने इस मामले पर कहा, 'हम कलेक्टर साहब से बात करके अयोध्या प्रशासन तक मौनी बाबा की बात पहुंचाएंगे और बाबा को अयोध्या पहुंचाने का प्रबंध करेंगे जिससे उनकी वर्षों की तपस्या पूरी हो सके.'

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दतिया. लगभग 500 वर्षों से भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए संघर्ष चला. कई साधु संत, राम भक्तों व कारसेवकों ने रामलला मंदिर के निर्माण के लिए अपनी कुर्बानी दी है. कई साधु संत ऐसे भी रहे जिन्होंने मंदिर का निर्माण नहीं होने तक कई चीजों का परित्याग किया. इन्हीं तपस्वियों में से एक हैं दतिया के मौनी बाबा जो 44 सालों से राम मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत पर हैं. वहीं अब इस साधु के एक और हठ से प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं.

22 को अयोध्या नहीं पहुंचाया तो त्याग दूंगा प्राण

दतिया के मौनी बाबा (Mauni Baba Datia) ने कलेक्टर व एसपी को साफ कह दिया है कि उन्हें 22 को अयोध्या नहीं पहुंचाया तो वे प्राण त्याग देंगे. दरअसल, मौनी बाबा ने यह प्रण अपने गुरु पूज्य संत दामोदरदास मोनी बाबा से लिया था. लगभग 100 वर्ष पहले उनाव बालाजी पर रहने वाले संत दामोदरदास उर्फ मौनी बाबा ने प्रण लिया था कि जबतक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक के लिए अन्य अन्न का परित्याग कर फलाहारी रहेंगे. पादुका त्याग करते हुए उन्होंने मौन व्रत धारण किया था. समय की गति के चलते दामोदर दास महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया और गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए उनके शिष्य मोहन गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा ने इस संकल्प को आगे बढ़ाया.

मौनी बाबा धरने पर क्यों बैठे?

इन दिनों गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा दतिया के प्रसिद्ध अनामय आश्रम पर निवास करते हैं. वे 1980 से मौन व्रत की साधना कर रहे हैं. लगभग 4 दशक से अधिक समय गुजर जाने के बाद वह शुभ अवसर भी आ गया जिसके लिए मोनी बाबा तपस्या कर रहे थे. 22 जनवरी को उनके आराध्य प्रभु श्री राम लला को पुनः अयोध्या के नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित किया जा रहा है लेकिन मौनी बाबा के सामने एक समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि उन्हें अयोध्या से किसी प्रकार का कोई आमंत्रण नहीं दिया गया. इसी के बाद से मौनी बाबा धरने पर बैठ गए हैं.

कलेक्टर एसपी ने दिया बाबा को आश्वासन

मौनी बाबा के धरने पर बैठेने के बाद दतिया कलेक्टर संदीप माकिन (Collector Sandeep Makin) ने अपने कर्मचारियों को बाबा को मनाने पहुंचाया. लेकिन मोनी बाबा अपने हठ पर अडिग रहे. उन्होंने लिखकर बताया कि या तो अयोध्या जाएंगे अन्यथा प्राणों को त्याग देंगे. शाम ढलने के बाद पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा (Sp Pradeep Sharma) ने बाबा को मनाने का प्रयास किया. फिलहाल बाबा एसपी के आश्वासन पर धरने से उठ गए हैं. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उन्हें अयोध्या पहुंचाया जाएगा. अब देखना ये होगा कि क्या मोहन गोपाल दास उर्फ मौनी बाबा 22 जनवरी को अपना व्रत खोल पाएंगे? दतिया पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने इस मामले पर कहा, 'हम कलेक्टर साहब से बात करके अयोध्या प्रशासन तक मौनी बाबा की बात पहुंचाएंगे और बाबा को अयोध्या पहुंचाने का प्रबंध करेंगे जिससे उनकी वर्षों की तपस्या पूरी हो सके.'

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