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'बुंदेली भाषा महोत्सव' का आयोजन, संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

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Published : Jan 4, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 9:30 PM IST

देशभर के बुंदेली भाषा से जुड़े साहित्यकार ओरछा में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने ओरछा पहुंचे, इस दौरान बुंदेली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है.

Bundeli Bhasha Festival organized in Orchha
'बुंदेली भाषा महोत्सव' का आयोजन

टीकमगढ़। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ओरछा में शनिवार को बुंदेली भाषा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेला महाराज मधुकर साह शामिल हुए. कार्यक्रम में झांसी के पूर्व सांसद प्रदीप जैन भी पहुंचे. कार्यक्रम का आयोजन बुंदेली राजभाषा के अध्यक्ष कैलाश मड़वैया ने किया. आयोजन में कई सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई हैं.

'बुंदेली भाषा महोत्सव'


कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि केशव दास की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुआ. इसके बाद बुंदेली लोक नृत्यों का भी आयोजन किया गया. खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में देशभर से बुंदेली साहित्यकार शामिल होने ओरछा आए हैं.


कार्यक्रम के संचालक कैलाश मड़वैया ने बताया कि बुंदेली साहित्य और भाषा आज देश विदेश में विस्तार कर चुकी है. महाकवि तुलसीदास जी ने भी राम चरित्र मानस का लगभग 53 फीसदी हिस्सा बुंदेली में लिखा है. कार्यक्रम में पहुंचे सभी बुंदेली भाषा के साहित्यकार और जानकार सभी लोगों ने भारत सरकार से बुंदेली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग रखी है.

टीकमगढ़। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ओरछा में शनिवार को बुंदेली भाषा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेला महाराज मधुकर साह शामिल हुए. कार्यक्रम में झांसी के पूर्व सांसद प्रदीप जैन भी पहुंचे. कार्यक्रम का आयोजन बुंदेली राजभाषा के अध्यक्ष कैलाश मड़वैया ने किया. आयोजन में कई सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई हैं.

'बुंदेली भाषा महोत्सव'


कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि केशव दास की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुआ. इसके बाद बुंदेली लोक नृत्यों का भी आयोजन किया गया. खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में देशभर से बुंदेली साहित्यकार शामिल होने ओरछा आए हैं.


कार्यक्रम के संचालक कैलाश मड़वैया ने बताया कि बुंदेली साहित्य और भाषा आज देश विदेश में विस्तार कर चुकी है. महाकवि तुलसीदास जी ने भी राम चरित्र मानस का लगभग 53 फीसदी हिस्सा बुंदेली में लिखा है. कार्यक्रम में पहुंचे सभी बुंदेली भाषा के साहित्यकार और जानकार सभी लोगों ने भारत सरकार से बुंदेली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग रखी है.

Intro:ओरछा में आज बुंदेली भाषा महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बुंदेला महाराज मधुकर साह शामिल हुए. कार्यक्रम मैं झांसी के પૂર્વ संसद श्री प्रदीप जैन भी आए. कार्यक्रम का आयोजन बुंदेली राजभाषा के अध्यक्ष श्री कैलाश madvaiya जी ने किया. Body:कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि केशव दास के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया. इसके बाद बुंदेली लोक नृत्यों का भी आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पूरे भारत से बुंदेली साहित्यकार आए. Conclusion:कार्यक्रम के संचालक श्री कैलाश madvaiya जी ने बताया कि बुंदेली साहित्य एवं भाषा आज देश विदेश में विस्तार कर चुकी है. महाकवि तुलसीदास जी ने भी राम चरित्र मानस का लगभग 53% हिस्सा बुंदेली मैं लिखा है. आए हुए सभी लोगों ने भारत सरकार से बुंदेली भाषा को sambidhan की 8 बी अनुसूची में शामिल करने की मांग रखी है.
Last Updated : Jan 4, 2020, 9:30 PM IST
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