दमोह । जिले के सरखड़ी गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के चलते गांव की करीब एक हजार की आबादी सड़क, पानी, नालियों, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छता मिशन के तहत बनने वाले शौचालय, वृद्धा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को गांवों में मूलभूत सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए का खर्च तो कर दिया, लेकिन आज भी कई गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.
पथरिया से 15 किलोमीटर दूर सरखड़ी गांव के लुहर्रा के ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चुनाव के बाद से ना कोई जन प्रतिनिधि आया है और ना ही कोई प्रशासनिक अमला इस ओर ध्यान देता है. गांव में कुछ भी विकास नहीं होने से लोगों का जीवन स्तर काफी पीछे है. ग्रामीणों ने बताया कि चुनावी माहौल पर प्रशासनिक अधिकारी और प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था, कि चुनाव के बाद गांव की सभी परेशानियों को दूर किया जाएगा, लेकिन चुनाव के बाद ना तो विधायक ने ग्रामीणों से संपर्क करने की कोशिश की और ना ही अधिकारियों ने ग्रामीणों की परेशानी का समाधान किया.
सचिन अहिरवार ने बताया कि योजना के मुताबिक उनके घर शौचालय बनवाया जा रहा था, जो आधा बनाकर छोड़ दिया गया. वहीं बुजुर्ग प्रेमरानी ने बताया कि 2 साल से उन्हें पेंशन नहीं मिली है, पेशन के कागज जमा करा लिए गए हैं, लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. गांव में आने जाने के लिए लोगों को कच्ची सड़क से गुजरना पड़ता है. बारिश में कच्ची सड़क पर कीचड़ हो जाती है और पानी भर जाता है, जिससे आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव से लेकर अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सबकी मिलीभगत से गांव में विकास कोषों दूर हैं.