दमोह। कहते हैं कि जब दवा काम नहीं आती तो दुआ असर करती है. पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के कहर से जूझ रही है, इसी वक्त रमजान का पाक महीना चल रहा है, नमाजी दुआ कर रहे हैं. हर कोई इस महामारी से लड़ रहा है. लेकिन एक नन्हा सा सिपाही रोजा रखकर पूरे विश्व कल्याण के लिए इबादत कर रहा है. ये है दमोह के फुटेरा कला गांव का मासूम आतिफ हुसैनी, इसकी उम्र महज साढ़े तीन साल है लेकिन हौसला ऐसा है कि एक दिन 15 घंटे का रोजा रखकर खुदा से इस मुल्क की सलामती के लिए दुआ मांगी है, इस मासूम की आजकल पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.
घरवालों से जिद कर रखा रोजा
आतिफ हुसैनी के दादा अकबर खान ने बताया कि आतिफ, रोजा रखने की जिद कर रहा था. लेकिन हम लोग उसकी उम्र देखकर उसे मना कर देते थे. लेकिन जब वो ज्यादा जिद करने लगा और उसने कहा कि हम अल्लाह से दुआ मांगना चाहते हैं कि कोरोना भाग जाए, तो हम लोग अचंभित हो गए, और उसे रोजा रखने की इजाजत दे दी.
फुटेरा जामा मस्जिद के इमाम हाफिज नईम मदारी ने बताया कि रमजान के पाक महीने में की गई इबादत का फल बाकी के महीनों से 70 गुना अधिक मिलता है, और छोटे बच्चों की दुआएं तो खुदा कबूल करता ही है..
कबूल हो मासूम की दुआ
नवरात्रि बीत गई, गुड फ्राइडे भी निकल गया, अब रमजान मुबारक का पवित्र महीना चल रहा है. लेकिन ये पहला मौका है जब लोग सभी त्यौहार घर पर ही मना रहे हैं, ऐसे में तो बस यही दुआ है कि ऊपर वाला इस मासूम की इबादत कबूल करे और कायनात पर बरपा कहर जल्द से जल्द खत्म हो जाए.