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दमोह के किसान को खेत में मिला लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू, देखें वीडियो - Leptothyrus Scorpion

दमोह में एक किसान को अपने खेत मे दुर्लभ प्रजाति का बिच्छू दिखाई दिया है. यह बिच्छू लेप्टोथीरस प्रजाति का है, जो उत्तर भारत में कम ही दिखने को मिलता है.

Leptothyrus Scorpion
लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू
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Published : Mar 9, 2020, 9:29 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 9:44 AM IST

दमोह। पन्ना टाइगर रिजर्व के मड़ियादों बफर क्षेत्र के बंदवास हार इलाके में एक किसान को अपने खेत में लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू दिखाई दिया. केंकड़े के आकार के काले रंग के इस जहरीले बिच्छू को देख पहले तो किसान राजेन्द्र साहू कुछ घबरा गए, बाद में इसे एक बाल्टी में रखकर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबन्धन को सूचना दी.

किसान को मिला लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू

किसान के खेत में खतरनाक बिच्छू मिलने की सूचना पर वन विभाग की टीम मौका पर पहुंची. जहां से वन विभाग की टीम ने बिच्छू को ले जाकर जंगल मे छोड़ दिया. वन अधिकारियों की माने तो लेप्टोथीरस प्रजाति का यह बिच्छू विलुप्त होता जा रहा है. जो उत्तर भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है. यह बेहद जहरीला और खतरनाक होता है.

9 सेंटीमीटर है बिच्छू की लंबाई

इन प्रजातियों के बिच्छू की लंबाई 9 सेंटीमीटर और वजन 100 से 150 ग्राम तक होता है. किसान राजेन्द्र साहू का कहना है कि, इसे 'केकड़ा जुड़र' बिच्छू कहा जाता है जो उन्होंने सुना था, लेकिन आज पहली बार देखने से आश्चर्यचकित हो गए.

दमोह जिले के आसपास के जंगलों में पहले भी दुर्लभ प्रजाति के जानवर मिल चुके हैं. दुर्लभ प्रजाति के जहरीले जीव-जन्तु की प्रजातियों का मिलना निश्चित ही दमोह जिले वन्यजीवों के लिए मुफीद माना जा सकता है.

दमोह। पन्ना टाइगर रिजर्व के मड़ियादों बफर क्षेत्र के बंदवास हार इलाके में एक किसान को अपने खेत में लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू दिखाई दिया. केंकड़े के आकार के काले रंग के इस जहरीले बिच्छू को देख पहले तो किसान राजेन्द्र साहू कुछ घबरा गए, बाद में इसे एक बाल्टी में रखकर पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबन्धन को सूचना दी.

किसान को मिला लेप्टोथीरस प्रजाति का बिच्छू

किसान के खेत में खतरनाक बिच्छू मिलने की सूचना पर वन विभाग की टीम मौका पर पहुंची. जहां से वन विभाग की टीम ने बिच्छू को ले जाकर जंगल मे छोड़ दिया. वन अधिकारियों की माने तो लेप्टोथीरस प्रजाति का यह बिच्छू विलुप्त होता जा रहा है. जो उत्तर भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है. यह बेहद जहरीला और खतरनाक होता है.

9 सेंटीमीटर है बिच्छू की लंबाई

इन प्रजातियों के बिच्छू की लंबाई 9 सेंटीमीटर और वजन 100 से 150 ग्राम तक होता है. किसान राजेन्द्र साहू का कहना है कि, इसे 'केकड़ा जुड़र' बिच्छू कहा जाता है जो उन्होंने सुना था, लेकिन आज पहली बार देखने से आश्चर्यचकित हो गए.

दमोह जिले के आसपास के जंगलों में पहले भी दुर्लभ प्रजाति के जानवर मिल चुके हैं. दुर्लभ प्रजाति के जहरीले जीव-जन्तु की प्रजातियों का मिलना निश्चित ही दमोह जिले वन्यजीवों के लिए मुफीद माना जा सकता है.

Last Updated : Mar 9, 2020, 9:44 AM IST
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