दमोह। बॉलीवुड के सीनियर एक्टर इन दिनों दमोह में है, जो राष्ट्रीय नाट्य कार्यशाला में बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखा रहे हैं, नाम है गोविंद नामदेव. सागर में जन्मे गोविंद नामदेव फिल्मी जगत का एक ऐसा नाम है, जिसने सैकड़ों फिल्मों में किरदार निभाकर अपनी कला का लोहा मनवाया है. दमोह पहुंचे गोविंद नामदेव ने ईटीवी भारत से खास बात की और फिल्मी जगत और बुंदेली भाषा में फिल्मों की संभावना सहित कई विषयों पर बेबाकी से जवाब दिया.
नामदेव जी के बारे में बड़ी बात ये है कि बुंदेलखंड के लोगो को काफी समय तक पता ही नहीं चला कि यह शानदार कलाकर बुंदेलखंड का है. इस पर नामदेव जी ने कहा कि यह उनके स्वाभाव के कारण हुआ है क्योंकि उन्हें पब्लिकसिटी का कोई शौक नहीं था. लेकिन जब उनके इंटरव्यू हुए तो उन्होंने इसकी कीमत समझी.
बुंदेलखंडी भाषा बहुत ही खड़ी भाषा है, जिसके चलते इसे ज्यादा महत्व नहीं मिला. इस पर गोविंद नामदेव का कहना है कि बुंदेली भाषा बहुत मीठी और सुरीली भाषा है. प्रचलन न होने और फिल्म इंडस्ट्री का सपोर्ट नहीं होने से ये ज्यादा बढ़ी नहीं. आने वाले समय में बुंदेलखंडी का अच्छा भविष्य दिख रहा है. बुदेलखंड़ी फिल्मों की काफी संभावनाएं हैं और इस पर काम हो रहा है, जिसका वो सपोर्ट भी कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि आशीर्वाद सीरियल उनका पहला धारावाहिक था, जिसने उन्हें फेमस किया. इसी तरह पांच फिल्में बैंडिट क्वीन,विरासत,प्रेम ग्रंथ, सरफरोश, कच्चे धागे, सत्या और ओ माई गॉड फिल्में उनके दिल के करीब हैं.