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पीएम मोदी के सपनों को साकार करता ये स्मार्ट गांव, पूरे देश के लिए बना मिसाल - साफ सफाई

युवाओं की सोच ने इस गांव को स्मार्ट बना दिया है, जहां की हर दीवार पर संदेश देती पेंटिंग की गई है, जबकि प्लास्टिक बैन के साथ ही साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान दिया जाता है और पूरा गांव वाई-फाई से कनेक्ट है.

युवाओं की पहल से बना स्मार्ट गांव
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Published : Nov 17, 2019, 12:04 PM IST

दमोह। विदेश में रहने वाले युवाओं की पहल पर जबेरा विधानसभा क्षेत्र का पड़रिया थोवन गांव स्मार्ट बन गया है. इस गांव में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है, ग्रामीणों ने खुद ही यहां हर घर को बेहद खूबसूरती से बनाया है. यही वजह है कि इस गांव को स्मार्ट गांव फाउंडेशन स्मार्ट गांव का तमगा दिया है. इस स्मार्ट गांव की लांचिंग केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की थी.

युवाओं की पहल से बना स्मार्ट गांव

अमेरिका में रहने वाले यहां के कुछ युवाओं ने स्मार्ट गांव की परिकल्पना की थी और पैसों का सहयोग कर गांव को स्मार्ट बनाने का काम शुरू किया. जिसमें ग्रामीणों ने भी अथक मेहनत की. 250 लोगों की आबादी वाला ये स्मार्ट गांव पूरी तरीके से खेती पर ही निर्भर है. केंद्रीय मंत्री ने इस गांव में घूमकर तारीफ किए और गांव के लोगों को शुभकामनाएं भी दी थी.

खास बात ये है कि इस गांव के सभी लोग खुद अपने घरों और गांव की गलियों की रोजाना साफ-सफाई करते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है. इतना ही नहीं इस गांव के सभी घरों की दीवारों पर पेंटिंग बनाई गई है. जो स्वयं एक संदेश देती हैं, जो साफ-सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य नशा मुक्ति और रोजगार से प्रेरित होती है. गांव के युवाओं का कहना है कि जल्द ही गांव में वाई-फाई सुविधा भी उपलब्ध है.

गांव को स्मार्ट बनाने से पहले युवाओं ने स्कूल को स्मार्ट बनाया. यहां बच्चों के लिए आधुनिक फर्नीचर मुहैया कराया गया है, जो सुंदरता के साथ-साथ बच्चों को स्कूल के लिए भी प्रेरित करता है. इतना ही नहीं इस गांव में सभी बच्चे स्कूल भी जाते हैं. साथ ही यहां के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा भी दी जाती है.

दमोह। विदेश में रहने वाले युवाओं की पहल पर जबेरा विधानसभा क्षेत्र का पड़रिया थोवन गांव स्मार्ट बन गया है. इस गांव में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है, ग्रामीणों ने खुद ही यहां हर घर को बेहद खूबसूरती से बनाया है. यही वजह है कि इस गांव को स्मार्ट गांव फाउंडेशन स्मार्ट गांव का तमगा दिया है. इस स्मार्ट गांव की लांचिंग केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की थी.

युवाओं की पहल से बना स्मार्ट गांव

अमेरिका में रहने वाले यहां के कुछ युवाओं ने स्मार्ट गांव की परिकल्पना की थी और पैसों का सहयोग कर गांव को स्मार्ट बनाने का काम शुरू किया. जिसमें ग्रामीणों ने भी अथक मेहनत की. 250 लोगों की आबादी वाला ये स्मार्ट गांव पूरी तरीके से खेती पर ही निर्भर है. केंद्रीय मंत्री ने इस गांव में घूमकर तारीफ किए और गांव के लोगों को शुभकामनाएं भी दी थी.

खास बात ये है कि इस गांव के सभी लोग खुद अपने घरों और गांव की गलियों की रोजाना साफ-सफाई करते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है. इतना ही नहीं इस गांव के सभी घरों की दीवारों पर पेंटिंग बनाई गई है. जो स्वयं एक संदेश देती हैं, जो साफ-सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य नशा मुक्ति और रोजगार से प्रेरित होती है. गांव के युवाओं का कहना है कि जल्द ही गांव में वाई-फाई सुविधा भी उपलब्ध है.

गांव को स्मार्ट बनाने से पहले युवाओं ने स्कूल को स्मार्ट बनाया. यहां बच्चों के लिए आधुनिक फर्नीचर मुहैया कराया गया है, जो सुंदरता के साथ-साथ बच्चों को स्कूल के लिए भी प्रेरित करता है. इतना ही नहीं इस गांव में सभी बच्चे स्कूल भी जाते हैं. साथ ही यहां के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा भी दी जाती है.

Intro:दमोह जिले का एक गांव बना जिले का पहला स्मार्ट गांव

दमोह जिले की तहसील जबेरा के गांव पड़रिया थोबन को मिली नई पहचान

Anchor. विदेश में रहने वाले युवा की पहल पर दमोह जिले की जबेरा विधानसभा की एक गांव को स्मार्ट गांव बना दिया गया. इस गांव में जहां साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. वहीं हर घर को खूबसूरत बनाने के लिए भी गांव के लोगों ने स्वयं प्रयास करके काम किया है, और इसमें सहयोग किया है. विदेश में रहने वाले कुछ युवाओं के स्मार्ट गांव फाउंडेशन के द्वारा इस फाउंडेशन की पहल पर अब एक गांव स्मार्ट गांव की ओर कदम बढ़ाया है. जिसकी तारीफ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल स्वयं कर चुके हैं.


Body:Vo. दमोह जिले के जबेरा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पड़रिया धोवन को स्मार्ट गांव फाउंडेशन की मदद से स्मार्ट गांव का तमगा मिल गया है. केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने भी इस गांव का निरीक्षण कर स्मार्ट गांव की लॉन्चिंग की थी. साथ ही गांव के लोगों के प्रयास की सराहना करते हुए इसी प्रकार से और भी गांव के स्मार्ट बनाए जाने की आशा भी जताई. दरअसल अमेरिका में रहने वाले इस विधानसभा के कुछ युवाओं के द्वारा स्मार्ट गांव की परिकल्पना की गई. उन्होंने अपने पैसों का सहयोग देकर इस गांव को स्मार्ट गांव बनाने का उपक्रम शुरू किया, और तैयार हो गया ढाई सौ की आबादी वाला यह गांव स्मार्ट गांव. पूरी तरीके से खेती पर ही निर्भर है और इस स्मार्ट गांव को बनाने के लिए इन युवाओं ने जो मेहनत की है. केंद्रीय मंत्री ने इस गांव की हर गली को घूमा और पाया कि और भी गांव इस तरह से स्मार्ट बन सकते हैं. उन्होंने गांव के लोगों को शुभकामनाएं भी दी थी. साथ ही संदेश भी दिया था कि और भी गांव स्मार्ट गांव की ओर बढ़े.

बाइट - पप्पू सिंह स्मार्ट गांव सजाने वाले
बाइट - जितेंद्र बाजपाई स्मार्ट ग्राम परिकल्पना दाता



Conclusion:Vo. स्मार्ट गांव में सभी लोग स्वयं के द्वारा अपने घर और अपने गांव की गली को रोज साफ सफाई करते हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है. गांव में कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक का उपयोग नहीं करता है. खासतौर से सिंगल यूज़ प्लास्टिक तो इस गांव में मिलता ही नहीं है. सभी घरों की दीवाल पर पेंटिंग बनाई गई है. यह पेंटिंग भी एक संदेश देती हैं. जो साफ-सफाई शिक्षा स्वास्थ्य नशा मुक्ति और रोजगार से प्रेरित होती हैं. यहां के युवाओं का कहना है कि जल्दी इस गांव में वाईफाई भी उपलब्ध होगा. इस गांव में सभी बच्चे स्कूल जाते हैं. और सबसे अच्छी बात गांव की है कि गांव स्मार्ट बनाने से पहले यहां के युवाओं ने यहां के स्कूल को स्मार्ट बनाया. यह बच्चों के लिए आधुनिक फर्नीचर दिया जो सुंदरता के साथ-साथ बच्चों को स्कूल के लिए भी प्रेरित करता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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