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गाइडलाइन के बावजूद मूर्तिकारों को नहीं मिल रही राहत, मंडराया आर्थिक संकट

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Published : Oct 12, 2020, 7:03 AM IST

कोरोना काल में गणेशोत्सव के बाद अब नवरात्रि में भी मूर्तिकारों को ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. कोरोना संक्रमण काल ने देवी प्रतिमा कलाकारों के सामने संकट पैदा कर दिया है, जिससे मूर्तिकार परेशान हैं.

sculptor facing financial crisis
मूर्तिकारों को नहीं मिल रही राहत

दमोह। आगामी दिनों में आस्था, भक्ति और श्रद्धा का त्योहार नवरात्रि शुरु होने वाला है. शारदीय नवरात्रि के दौरान माता रानी की प्रतिमाओं की स्थापना पंडालों में की जाती है. प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन ने पहले गाइडलाइन जारी की थी, फिर संशोधन मूर्तिकारों को कुछ राहत दी गई है. लेकिन कलाकारों का मानना है कि इस बार भी उनको ज्यादा लाभ नहीं होने वाला क्योंकि प्रतिमाओं का निर्माण कम हो रहा है और उनके निर्माण की लागत ज्यादा आ रही है. ऐसे में गणेश पर्व के बाद नवरात्र पर्व के दौरान भी मूर्तियों पर आश्रित कलाकारों को इस साल घाटा ही उठाना पड़ेगा.

मूर्तिकारों को नहीं मिल रही राहत

गणेशोत्सव में उठाना पड़ा भारी नुकसान

जिले में कई ऐसे कलाकार हैं जो भगवान गणेश और माता रानी की प्रतिमाओं का भव्य तरीके से निर्माण करते हैं. इन प्रतिमाओं के निर्माण के कारण ही उनको जो लाभ होता है उससे उनके परिवार का भरण-पोषण साल भर चलता है. कोरोना संक्रमण काल के चलते इस साल गणेश पर्व के दौरान छोटी प्रतिमाओं का निर्माण ही हुआ और बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण नहीं होने से इन कलाकारों को नुकसान उठाना पड़ा.

नहीं हो रहा लाभ

अब माता रानी की प्रतिमाओं के निर्माण के लिए शासन ने राहत दी है, लेकिन इसके बावजूद कम प्रतिमाओं के बनाने के ऑर्डर मिलने के कारण कलाकारों को ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है. इन कलाकारों का कहना है कि प्रतिमा निर्माण के लिए जो सामग्री उपयोग होती है, वह सामग्री भी दोगुनी कीमत में मिल रही है. जिससे प्रतिमा की कीमत भी बढ़ गई है. इसके साथ ही प्रतिमाओं की संख्या कम हो जाने से परेशानी हो रही है. कुल मिलाकर यह कलाकार परेशान हैं और भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में मूर्तिकारों पर आर्थिक संकट, 30 फीसदी ही हुई बिक्री

मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश पर्व के दौरान वे अपना व्यापार खो चुके हैं. ऐसे में नवरात्र पर्व के दौरान भी इनको कुछ खास लाभ नहीं होने वाला है. ऐसे में इनका यह साल समस्याओं और संघर्ष में ही बीतने वाला है. कलाकारों का कहना है कि शासन द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद भी उनको ज्यादा फायदा नहीं होगा. जिससे उनके सामने आगामी दिनों में रोजी-रोटी का संकट पैदा होगा ही.

दमोह। आगामी दिनों में आस्था, भक्ति और श्रद्धा का त्योहार नवरात्रि शुरु होने वाला है. शारदीय नवरात्रि के दौरान माता रानी की प्रतिमाओं की स्थापना पंडालों में की जाती है. प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन ने पहले गाइडलाइन जारी की थी, फिर संशोधन मूर्तिकारों को कुछ राहत दी गई है. लेकिन कलाकारों का मानना है कि इस बार भी उनको ज्यादा लाभ नहीं होने वाला क्योंकि प्रतिमाओं का निर्माण कम हो रहा है और उनके निर्माण की लागत ज्यादा आ रही है. ऐसे में गणेश पर्व के बाद नवरात्र पर्व के दौरान भी मूर्तियों पर आश्रित कलाकारों को इस साल घाटा ही उठाना पड़ेगा.

मूर्तिकारों को नहीं मिल रही राहत

गणेशोत्सव में उठाना पड़ा भारी नुकसान

जिले में कई ऐसे कलाकार हैं जो भगवान गणेश और माता रानी की प्रतिमाओं का भव्य तरीके से निर्माण करते हैं. इन प्रतिमाओं के निर्माण के कारण ही उनको जो लाभ होता है उससे उनके परिवार का भरण-पोषण साल भर चलता है. कोरोना संक्रमण काल के चलते इस साल गणेश पर्व के दौरान छोटी प्रतिमाओं का निर्माण ही हुआ और बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण नहीं होने से इन कलाकारों को नुकसान उठाना पड़ा.

नहीं हो रहा लाभ

अब माता रानी की प्रतिमाओं के निर्माण के लिए शासन ने राहत दी है, लेकिन इसके बावजूद कम प्रतिमाओं के बनाने के ऑर्डर मिलने के कारण कलाकारों को ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है. इन कलाकारों का कहना है कि प्रतिमा निर्माण के लिए जो सामग्री उपयोग होती है, वह सामग्री भी दोगुनी कीमत में मिल रही है. जिससे प्रतिमा की कीमत भी बढ़ गई है. इसके साथ ही प्रतिमाओं की संख्या कम हो जाने से परेशानी हो रही है. कुल मिलाकर यह कलाकार परेशान हैं और भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं.

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मूर्तिकारों ने बताया कि गणेश पर्व के दौरान वे अपना व्यापार खो चुके हैं. ऐसे में नवरात्र पर्व के दौरान भी इनको कुछ खास लाभ नहीं होने वाला है. ऐसे में इनका यह साल समस्याओं और संघर्ष में ही बीतने वाला है. कलाकारों का कहना है कि शासन द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद भी उनको ज्यादा फायदा नहीं होगा. जिससे उनके सामने आगामी दिनों में रोजी-रोटी का संकट पैदा होगा ही.

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