दमोह। प्रदेश में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने आदेश जारी किया है कि चने की उपज में तेवड़ा का एक भी दाना निकले तो किसान का सैम्पल रिजेक्ट किया जाए, यही आदेश किसानों को अब नासूर बन गया है.
हटा कृषि उपज मंडी में 15 दिन पहले शुरू हुई चना खरीदी में सन्नाटा पसरा हुआ है. पहले ही दिन से तेवड़ा को लेकर दिखाई गई सख्ती के बाद अब किसानों ने केंद्रों पर पहुचना बंद कर दिया है.
ऐसे में 15 दिन बीतने के बाद भी एक भी किसान की खरीदी नही हो सकी है. किसानों के सैम्पल रिजेक्ट कर दिए गए हैं, ऐसे में किसानों ने खरीदी केंद्रों पर पहुंचना ही बंद कर दिया है.
हटा और गैसाबाद खरीदी केंद्रों पर कुछ किसान उपार्जन लेकर पहुंचे भी थे. लेकिन चना में नाममात्र तेवड़ा होने के बाद भी उसे रिजेक्ट किया जा रहा है, ऐसे में किसान अपनी फसल लेकर ही वापस लौट रहे हैं.
सरकार के नए आदेश से हो रही परेशानी
किसानों ने बताया कि हम अपनी फसल का सैंपल लेकर खरीदी केंद्र पर गए थे, जिनमें महज दो दाने तेवड़ा होने की वजह से हमारा सैंपल रिजेक्ट कर दिया गया है. सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं, जिससे हमारी समस्या और बढ़ गई है.
सरकार का आदेश हम सभी किसानों के लिए दुविधा बन गया है, ऐसे में हमारी सुनने वाला कोई नहीं है, हम अपनी फसल लेकर कहां जाएं. किसानों का कहना है कि क्षेत्र में चने की जितनी भी उपज हुई है, उसमें ऐसा संभव नहीं कि तेवड़ा के दाने ना निकलें.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
खरीदी केंद्र पर मौजूद सर्वेयर धर्मेंद्र लोधी ने बताया कि शासन स्तर पर निर्देश दिए गए हैं कि एक भी दाना चना के साथ तेवड़ा स्वीकार नहीं किया जाना है. इसीलिए छन्ना लगाकर जांच करने के बाद ही चना की खरीदी की जानी हैं.
जो किसान तेवड़ा मिला चना लेकर खरीदी केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. उन्हें वापस किया जा रहा है और फिर साफ करके लाने को कहा जा रहा है. तेवड़ा होने की वजह से सैंपल रिजेक्ट किया जा रहा है, हमारे द्वारा सैंपल के फोटो ग्रुप में भी शेयर किए जा रहे हैं.
जिनमें अधिकारियों का कहना है चना में तेवड़ा होने पर खरीदी नहीं करें. अब ऐसे हालात में सरकार को ही निर्णय लेना होगा ताकि खरीदी केंद्रों पर चने की खरीदी हो सके और किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सकें.