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मोदी सरकार का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर रोडमैप तैयार, प्रहलाद पटेल ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

दमोह से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने पर प्रधानमंत्री की बातों को साझा किया.

प्रहलाद सिंह पटेल
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Published : Aug 17, 2019, 6:58 AM IST

Updated : Aug 17, 2019, 8:51 AM IST

दमोह। अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बारे में जो कहा है वह ब्रह्म सत्य है.

प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद लेह-लद्दाख में पर्यटन की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है. इन्हीं संभावनाओं को तलाशने के लिए वे सितंबर के महीने में लेह जाएंगे और वहां पर्यटन के विस्तार के लिए कार्य योजना को आगे बढ़ाया जाएगा.

प्रहलाद सिंह पटेल से ईटीवी भारत की खास बातचीत

उन्होंने कहा कि लेह शांति का टापू है और यहां पर सांस्कृतिक धरोहरों की प्रचुरता है, इसीलिए जो भी पर्यटक लेह आयेगा वह संतुष्ट होकर लौटेगा. सरकार के सामने चुनौती रहेगी कि अगर पर्यटकों की संख्या बढ़ती है तो, लेह में शांति पर कोई असर न पड़े और वहां की संस्कृति में भी कोई हस्तक्षेप नहीं हो.

दमोह। अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बारे में जो कहा है वह ब्रह्म सत्य है.

प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि अनुच्छेद-370 में बदलाव के बाद लेह-लद्दाख में पर्यटन की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है. इन्हीं संभावनाओं को तलाशने के लिए वे सितंबर के महीने में लेह जाएंगे और वहां पर्यटन के विस्तार के लिए कार्य योजना को आगे बढ़ाया जाएगा.

प्रहलाद सिंह पटेल से ईटीवी भारत की खास बातचीत

उन्होंने कहा कि लेह शांति का टापू है और यहां पर सांस्कृतिक धरोहरों की प्रचुरता है, इसीलिए जो भी पर्यटक लेह आयेगा वह संतुष्ट होकर लौटेगा. सरकार के सामने चुनौती रहेगी कि अगर पर्यटकों की संख्या बढ़ती है तो, लेह में शांति पर कोई असर न पड़े और वहां की संस्कृति में भी कोई हस्तक्षेप नहीं हो.

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Last Updated : Aug 17, 2019, 8:51 AM IST
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