दमोह। हाल ही में संपन्न हुआ दमोह विधानसभा उपचुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ है. चुनाव की वजह से कई परिवारों ने अपनों को खोया. दरअसल कोरोना महामारी के दौर में हुए उपचुनाव ने कई जिंदगियां छीन ली. कई हंसते खेलते परिवारों बर्बाद हो गए. बीजेपी-कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने अब विधानसभा उपचुनाव पर सवाल उठाए हैं. उनका यह तक कहना है कि चुनाव के बाद से ही जिले की स्थिति खराब हुई है.
जीवन भर की सेवा का यह मिला सिला
विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करते हुए कोरोना संक्रमण की चपेट में आए भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव की मौत हो गई है. उनकी मौत के बाद उनकी इकलौती बेटी सोनाक्षी ने दमोह विधानसभा उपचुनाव पर ही सवाल खड़े कर दिए. सोनाक्षी ने कहा कि यदि यह चुनाव नहीं होते तो उनके पिता आज उनके बीच होते. इतना ही नहीं सोनाक्षी ने यह भी कहा कि जो मंत्री और नेता उनके घर आते थे, उन्होंने भी केवल शोक संवेदना प्रकट कर इतिश्री कर ली. इलाज के दौरान भी उनका काफी पैसा खर्च हो गया, बल्कि वह उल्टा कर्ज में आ गए हैं. सोनाझी ने आगे कहा कि अब पार्टी के नेता और बीजेपी सरकार के लोग उनकी मदद नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, पूर्व मंत्री जयंत मलैया उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया और महामंत्री रमन खत्री ने जरूर उनकी मदद की है. बाकी किसी ने भी कई बार फोन लगाने के बाद भी कोई मदद नहीं की. सोनाक्षी आगे कहती हैं कि उनके पिता ने पूरे जीवन भाजपा की सेवा की समर्पण से काम किया लेकिन अंत में क्या सिला मिला. आज वह परेशान हैं खराब आर्थिक हालातों से जूझ रही हैं.
पिता, भाई और कई साथी चले गए
सिविल वार्ड-4 से कांग्रेस पार्षद आशीष पटेल कहते हैं कि इस चुनाव ने उनके बड़े भाई राजेश पटेल की भी मौत हो गई, वह कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष थे. उन्होंने कहा, अस्पताल में राजेश पटेल न तो उनकी ठीक तरह से जांच हुई, न उपचार हुआ और न ही उनकी मौत के बाद उन्हें कोविड-19 से मौत का सर्टिफिकेट दिया गया. राजेश पटेल की मृत्यु के कुछ दिन पूर्व ही उनके पिता गोकुल पटेल की भी मौत हो गई थी. आशीष कहते हैं कि उनके भाई की तरह ही इस चुनाव ने उनके कई साथियों को उनसे जुदा कर दिया, जो भाजपा या कांग्रेस में थे. आशीष ने कहा कि न यह चुनाव होता न कोरोना की स्थिति विस्फोटक होती.
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दोनों दलों के दर्जनभर नेताओं की मौत
दमोह उपचुनाव के पहले तक दमोह में कोरोना के 5 से 6 केस रोजाना निकलते थे. लेकिन चुनावी सभाओं और रैलियों ने स्थिति को विस्फोटक बना दिया. लिहाजा कोरोना संक्रमण तेजी से फैला और उसकी चपेट में आए निवाड़ी विधायक बृजेंद्र राठौर, कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान, कांग्रेस आईटी सेल के मार्तंड परिहार, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष यादव, कांग्रेस नेता लालचंद राय की पत्नी वंदना राय, भाजपा कार्यकर्ता महेश साहू, महेंद्र राय, सुनील सोनी, श्रीमती अनीता खटीक सहित कई अन्य भाजपा-कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता संक्रमित हुए और उनका निधन हो गया.