दमोह। प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर में अनौपचारिक तौर पर पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ शनिवार से हो चुका है लेकिन मुख्य समारोह 16 फरवरी से शुरू होगा, जो 23 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी रविवार को कुंडलपुर सिद्धक्षेत्र समिति ने दी. आयोजन को विश्व में जैन समाज का अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम बताते हुए कमेटी ने बताया कि विदेशों से आनेवाली कई प्रतिमाओं की भी यहां प्राण प्रतिष्ठा होगी.
विश्व का सबसे बड़ा जैन मंदिर
कुंडलपुर कमेटी ने बताया कि करीब 500 फीट ऊंची पहाड़ी पर 189 फ़ीट ऊंचा विश्व का सबसे बड़ा जैन धर्म का मंदिर बनाया गया है. जिसमें देलवाड़ा एवं खजुराहो की तर्ज पर पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई है. जानकारी दी गई कि देश-विदेश से बड़ी संख्या में प्रतिमाएं लाई गई है. जिनकी प्राण प्रतिष्ठा आचार्य श्री एवं मुनि संघ द्वारा की जाएगी. पंच कल्याणक की दौरान आचार्य श्री द्वारा प्रतिमाओं में सूर्य मंत्र से प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसमें से करीब 11 सौ प्रतिमाएं कुंडलपुर मंदिर में एवं करीब 400 प्रतिमाएं घरों एवं देश के अन्य मंदिरों में स्थापित की जाएंगी.
क्या-क्या होंगे कार्यक्रम
कमेटी ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 फरवरी को श्रेष्ठता, 15 फरवरी को इंद्र प्रतिष्ठा, 16 और 17 को गर्भ कल्याणक, 18 फरवरी को जन्म कल्याणक, 19 और 20 फरवरी को तप कल्याणक 21 और 22 फरवरी को ज्ञान कल्याणक तथा 23 फरवरी को मोक्ष कल्याणक एवं गजरथ फेरी होगी. उसके बाद 24 फरवरी से महामस्तकाभिषेक प्रारम्भ होगा. इस आयोजन को विश्व में अब तक हुए तमाम पंचकल्याणको से अलग बताते हुए कहा गया कि पंचकल्याणक में केवल एक इंद्र, एक सौधर्म इंद्र-इंद्राणी तथा 1-1 माता-पिता बनते हैं. जबकि इस आयोजन में 24 तीर्थंकरों के लिए 24-24 इंद्र-इंद्राणी तथा उन सभी के 1-1 माता-पिता बनाए गए हैं.
(Panchkalyanak Maha Mahotsav Kundalpur)