दमोह। आखिरकार लंबी कशमकश के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया आज पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे. इस मौके पर भार्गव ने उनकी और मलैया की जोड़ी को जय वीरू की जोड़ी बताया.
पिछले कई दिनों से चल रही कशमकश आज जयंत मलैया के भाजपा कार्यालय पहुंचने के साथ ही खत्म हो गई. यह माना जा रहा था कि जयंत मलैया पार्टी के निर्णय से नाराज हैं और वह राहुल सिंह लोधी का चुनाव में काम नहीं करेंगे. इस आशय का एक बयान वह पहले दे भी चुके हैं. इन सबके बाद आज जयंत मलैया अपने साथी पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने पार्टी की चुनावी बैठक में हिस्सा लिया.
मीडिया से चर्चा करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि कोई कशमकश नहीं है. परिणाम दीवार पर स्पष्ट रुप से लिखा है. किसी को संदेह नहीं होना चाहिए. दमोह का यह उपचुनाव भाजपा भारी बहुमत से जीत रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और बीजेपी की ताकत, उसके कार्यकर्ताओं की ताकत के बारे में पूरा देश जानता है, भाजपा की नीति रीति बड़ी स्पष्ट है.
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मलैया के विकास को गति देंगे राहुल
गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारी स्पष्ट नीति है कि स्थानीय कार्यकर्ता आगे होकर काम करें. यह चुनाव दमोह के विकास के लिए है. पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने विकास को जो गति दी थी, वह गति निर्बाध रूप से बनी रहे. इसे भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह आगे बढ़ाएंगे. यदि कांग्रेस की सरकार 5 साल सत्ता में रह जाती तो विकास की गति और अवरुद्ध हो जाती.
भार्गव ने कहा कि खरीद-फरोख्त चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. इसके पहले 28 विधानसभा उपचुनाव में जनता इस मुद्दे पर जवाब दे चुकी है. उन्होंने कहा दमोह मेरे घर जैसा है और मैं यहां आता रहता हूं. बस लोगों को दिखता नहीं हूं. जयंत मलैया के संबंध में कहा कि शोले के जय और वीरू बन जाएंगे.
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अचानक बदले मलैया के सुर
भाजपा कार्यालय पहुंचने के बाद पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के स्वर अचानक बदल गए. कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने कहा किन किन परिस्थितियों में क्या हुआ इसे छोड़ दीजिए. आज राहुल सिंह लोधी भाजपा के उम्मीदवार हैं. इसलिए हम सब का कर्तव्य है कि उन्हें चुनाव जिताएं. मलैया ने कहा कि 1971 में मेरे पिताजी जनसंघ के टिकट पर पहला चुनाव लड़े थे, तब से लेकर आज तक मुझे याद नहीं आता है कि मैंने या मेरे परिवार ने पार्टी के घोषित उम्मीदवार के खिलाफ काम किया हो, उन्होंने कहा की इच्छाएं सबके मन में होती हैं. इच्छाएं होने दें इसमें बुरा क्या है, लेकिन हम सब मिलकर पार्टी प्रत्याशी को जिताएं. चुनाव तो 17 तारीख को होना है. अभी समय है. आप लोग मुझे बता दीजिए कि मुझे कहां जाना है. सब जगह जाऊंगा. उन्होंने कहा आप लोग मुगालते में न रहे, हम सबका चुनाव चिन्ह भारतीय जनता पार्टी का कमल है उसका बटन सबको दबाना है.
क्या है बयान के मायने
राजनीतिक विशेषज्ञ जयंत मलैया के बयान को अलग नजरिए से देखते हैं. पार्टी की नजर अभी भी जयंत मलैया और उनके परिवार की भूमिका पर है. जयंत मलैया नहीं चाहते कि चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी का ठीकरा उनके या उनके परिवार पर फोड़ा जाए. इसीलिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से पार्टी के प्रति बयान देकर अपनी निष्ठा जाहिर करने का प्रयास किया है.