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खेतों में ही नहीं घरों में भी पहुंचेगा सतधरू का पानी

दमोह में सतधरू सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों का जायजा लेने पूर्व मंत्री जयंत मलैया मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए खेतों में ही नहीं बल्कि घरों में भी पानी पहुंचेगा.

Satadhru Irrigation Project
सतधरू सिंचाई परियोजना
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Published : Feb 21, 2021, 8:49 PM IST

दमोह। जिले की महत्वकांक्षी सतधरू सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों की समीक्षा करने पूर्व मंत्री जयंत मलैया सतधरू पहुंचे. इस मौके पर अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस साल डैम का काम पूरा हो जाएगा और बारिश का पानी भरना उसमें शुरू हो जाएगा. इसके अलावा अगले साल तक नहरों के जरिए खेतों में भी पानी पहुंचने लगेगा.

पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने जानकारी दी कि परियोजना के पूरे होने पर सिर्फ खेतों में ही सिंचाई नहीं होगी बल्कि 665 ग्रामों के हजारों घरों में भी पीने का पानी पहुंचेगा. यहां से लगे हुए गांवों में अब भी पीने के पानी की समस्या है. लोगों को 2-3 किलोमीटर दूर के पहाड़ी क्षेत्रों से पानी लाना पड़ता है. उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना के पूर्ण होने पर करीब 19 हजार एकड़ भूमि सिंचित हो जाएगी. खेतों में नेहरों के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा.

40 हजार एकड़ जमीन होगी सिंचित

उन्होंने कहा इतना ही नहीं इस योजना से घरों में भी पानी पहुंचाना शामिल है, जिसके तहत 665 ग्रामों में नल जल योजना शुरू कर पाइप लाइन बिछाई जाएगी. बीच में सरकार बदल जाने के कारण काम की गति धीमी हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से काम तेजी से शुरू हो गया है. इस साल जून तक डैम का काम कंप्लीट हो जाएगा जबकि अगले एक साल में नहर बनकर तैयार हो जाएगी. उन्होंने कहा कि 315 करोड़ की यह परियोजना दमोह जिले के लिए वरदान साबित होगी, इसी तरह सीता नगर परियोजना से करीब 40 हजार एकड़ जमीन सिंचित होगी.

नर्मदा बड़ी या व्यापार ? जलभ परियोजना पर सवाल

दमोह भी आएगा पानी

पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि दमोह शहर में अभी जुझार घाट से पानी आता है. सतधरू सिंचाई परियोजना पूरी होने के बाद दमोह नगर से लगे हुए ग्राम आम चोपरा, रैयतवारी, हिरदेपुर मारुताल तथा आसपास के कुछ शहरी हिस्सों में भी पानी यहीं से सप्लाई किया जाएगा.

एक नजर में परियोजना

इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री एमके जाटव ने बताया कि 27 करोड़ की लागत से डैम और 97 करोड़ रुपए की लागत से नहरें तैयार की जा रही हैं. जबकि वन विभाग को 97 करोड़ रुपए दिए है. साथ ही भूमि के बदले 793 हेक्टेयर भूमि भी दी है. इसके अलावा 30 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों से अर्जित 212 हेक्टेयर जमीन के लिए दिया गया है. डैम में करीब 63 एमसीएम पानी भरेगा, जिसमें से 24 एमसीएम पानी सिचाई एवं 27 एमसीएम पानी पेयजल आपूर्ति के लिए प्रयोग किया जाएगा.

दमोह। जिले की महत्वकांक्षी सतधरू सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्यों की समीक्षा करने पूर्व मंत्री जयंत मलैया सतधरू पहुंचे. इस मौके पर अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस साल डैम का काम पूरा हो जाएगा और बारिश का पानी भरना उसमें शुरू हो जाएगा. इसके अलावा अगले साल तक नहरों के जरिए खेतों में भी पानी पहुंचने लगेगा.

पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने जानकारी दी कि परियोजना के पूरे होने पर सिर्फ खेतों में ही सिंचाई नहीं होगी बल्कि 665 ग्रामों के हजारों घरों में भी पीने का पानी पहुंचेगा. यहां से लगे हुए गांवों में अब भी पीने के पानी की समस्या है. लोगों को 2-3 किलोमीटर दूर के पहाड़ी क्षेत्रों से पानी लाना पड़ता है. उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना के पूर्ण होने पर करीब 19 हजार एकड़ भूमि सिंचित हो जाएगी. खेतों में नेहरों के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा.

40 हजार एकड़ जमीन होगी सिंचित

उन्होंने कहा इतना ही नहीं इस योजना से घरों में भी पानी पहुंचाना शामिल है, जिसके तहत 665 ग्रामों में नल जल योजना शुरू कर पाइप लाइन बिछाई जाएगी. बीच में सरकार बदल जाने के कारण काम की गति धीमी हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से काम तेजी से शुरू हो गया है. इस साल जून तक डैम का काम कंप्लीट हो जाएगा जबकि अगले एक साल में नहर बनकर तैयार हो जाएगी. उन्होंने कहा कि 315 करोड़ की यह परियोजना दमोह जिले के लिए वरदान साबित होगी, इसी तरह सीता नगर परियोजना से करीब 40 हजार एकड़ जमीन सिंचित होगी.

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दमोह भी आएगा पानी

पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि दमोह शहर में अभी जुझार घाट से पानी आता है. सतधरू सिंचाई परियोजना पूरी होने के बाद दमोह नगर से लगे हुए ग्राम आम चोपरा, रैयतवारी, हिरदेपुर मारुताल तथा आसपास के कुछ शहरी हिस्सों में भी पानी यहीं से सप्लाई किया जाएगा.

एक नजर में परियोजना

इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री एमके जाटव ने बताया कि 27 करोड़ की लागत से डैम और 97 करोड़ रुपए की लागत से नहरें तैयार की जा रही हैं. जबकि वन विभाग को 97 करोड़ रुपए दिए है. साथ ही भूमि के बदले 793 हेक्टेयर भूमि भी दी है. इसके अलावा 30 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों से अर्जित 212 हेक्टेयर जमीन के लिए दिया गया है. डैम में करीब 63 एमसीएम पानी भरेगा, जिसमें से 24 एमसीएम पानी सिचाई एवं 27 एमसीएम पानी पेयजल आपूर्ति के लिए प्रयोग किया जाएगा.

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