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प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए पिता और बेटे की मैराथन, 900 किमी का सफर करेंगे तय

प्लास्टिक मुक्त भारत के संदेश के साथ जबलपुर से दिल्ली तक 900 किलोमीटर के सफर पर पिता और उनके बेटे हर्ष निकले हैं. ये दौड़कर ये सफर पूरा करेंगे. इस दौरान उनकी मैराथन दमोह पहुंची, जहां उनका स्वागत किया गया.

Father and son are running for plastic free India
प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए पिता और बेटे की मैराथन
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Published : Jan 29, 2020, 11:41 AM IST

Updated : Jan 29, 2020, 1:27 PM IST

दमोह। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए जबलपुर से दिल्ली तक 900 किलोमीटर की यात्रा पर पिता हिमांशु कुमार और उनके बेटे हर्ष निकले हैं. ये पूरा सफर वे मैराथन के जरिए पूरा करेंगे. उनका मकसद लोगों को प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देना है. मैराथन के जरिए वे प्रदूषण मुक्त भारत का भी संदेश देंगे.

जबलपुर के रहने वाले हिमांशु कुमार और उनके बेटे हर्ष कुमार ने जबलपुर से दिल्ली के इंडिया गेट तक 900 किलोमीटर की यात्रा शुरू की है. यह यात्रा दमोह पहुंची, जहां पर केंद्रीय विद्यालय के स्टाफ द्वारा उनका स्वागत किया गया.

प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए पिता और बेटे की मैराथन

बता दें कि हर्ष कुमार केंद्रीय विद्यालय के छात्र हैं. पिता-पुत्र देश को प्रदूषण मुक्त बनाने, प्लास्टिक मुक्त बनाने, पानी बचाने के लिए संदेश देते हुए इस मैराथन को कर रहे हैं, जिसमें वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित अन्य रिकॉर्ड भी कायम करना चाहते हैं.

दमोह। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए जबलपुर से दिल्ली तक 900 किलोमीटर की यात्रा पर पिता हिमांशु कुमार और उनके बेटे हर्ष निकले हैं. ये पूरा सफर वे मैराथन के जरिए पूरा करेंगे. उनका मकसद लोगों को प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देना है. मैराथन के जरिए वे प्रदूषण मुक्त भारत का भी संदेश देंगे.

जबलपुर के रहने वाले हिमांशु कुमार और उनके बेटे हर्ष कुमार ने जबलपुर से दिल्ली के इंडिया गेट तक 900 किलोमीटर की यात्रा शुरू की है. यह यात्रा दमोह पहुंची, जहां पर केंद्रीय विद्यालय के स्टाफ द्वारा उनका स्वागत किया गया.

प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए पिता और बेटे की मैराथन

बता दें कि हर्ष कुमार केंद्रीय विद्यालय के छात्र हैं. पिता-पुत्र देश को प्रदूषण मुक्त बनाने, प्लास्टिक मुक्त बनाने, पानी बचाने के लिए संदेश देते हुए इस मैराथन को कर रहे हैं, जिसमें वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित अन्य रिकॉर्ड भी कायम करना चाहते हैं.

Intro:गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने पिता पुत्र निकाल रहे मैराथन दौड़

जबलपुर से दिल्ली तक 900 किलोमीटर की मैराथन दौड़ कर रहे हैं पिता-पुत्र

Anchor. जबलपुर से दिल्ली तक 900 किलोमीटर की मैराथन दौड़ कर रहे पिता-पुत्र हिमांशु और हर्ष एक लक्ष्य को लेकर निकले हैं. इनका लक्ष्य है. इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आए, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में आए. इसके लिए उन्होंने यह निर्णय किया और दोनों निकल पड़े एक रिकॉर्ड कायम करने के लिए. एक लक्ष्य उन्होंने यह भी बनाया है कि पूरे देश में वे प्लास्टिक मुक्त भारत, प्रदूषण मुक्त भारत का संदेश भी देंगे.


Body:Vo. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए जबलपुर के रहने वाले हिमांशु कुमार और उनके पुत्र हर्ष कुमार ने जबलपुर से दिल्ली के इंडिया गेट तक 900 किलोमीटर की यात्रा शुरू की है. यह यात्रा दमोह पहुंची जहां पर केंद्रीय विद्यालय के स्टाफ द्वारा उनका स्वागत किया गया. दरअसल हर्ष कुमार केंद्रीय विद्यालय का छात्र है इस कारण से विद्यालय के परिवार के द्वारा इनका स्वागत किया गया. पिता पुत्र देश को प्रदूषण मुक्त बनाने, प्लास्टिक मुक्त बनाने, पानी बचाने के लिए संदेश देते हुए इस मैराथन को कर रहे हैं. जिसमें वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड सहित अन्य रिकॉर्ड भी कायम करना चाहते हैं दोनों ने अपने लक्ष्य भी बताएं.

बाइट हिमांशु कुमार निवासी जबलपुर

बाइट हर्ष कुमार छात्र केंद्रीय विद्यालय


Conclusion:Vo. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए निकले पिता-पुत्र ने देश को एक अनूठा संदेश देने की कोशिश की है. जिसमें सरकार के द्वारा काम नहीं करने पर स्वयं अपने विचार से देश को प्रदूषण और प्लास्टिक से मुक्त करने का संदेश दिया है. जो निश्चित ही काबिले तारीफ कहा जा सकता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
Last Updated : Jan 29, 2020, 1:27 PM IST
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