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दीपावली को रोशन करने वालों के घरों में अंधेरा, रोजी-रोटी तक के संकट

दमोह में भारी बारिश के चलते दीपावली में मिट्टी की सामग्री बनाने वाले कारीगरों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

दीपक बेचते हुए महिला
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Published : Oct 23, 2019, 7:13 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 10:18 PM IST

दमोह। इस साल हुई आफत की बारिश ने जहां किसानों की कमर को तोड़ दी है. वहीं दीपक बनाकर जग को रोशन करने वाले कारीगर भी मौसम की बाहर से मार से अछूते नहीं हैं. एक तरफ फसल चौपट होने से त्योहारों की रंगत फीकी नजर आ रही है. वहीं दीपावली के लिए दिए बनाने वाले कारीगरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे दिए बना तो रहे हैं, लेकिन उन्हें सुखाने के लिए सूर्य देवता दर्शन ही नहीं दे रहे हैं.

दीपावली को रोशन करने वालों के घरों में अंधेरा


कारीगरों का कहना है कि पर्याप्त धूप न मिलने से मिट्टी के दिए सूख नहीं पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनको नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा चाइना के दीयों के चलते भी मिट्टी के दीयों की बिक्री कम हो गई है.
आधुनिकता और प्रतियोगिता की होड़ में मिट्टी के दिए बनाकर अपना घर चलाने वालों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. कारीगरों ने सरकार से अपील की है कि प्रशासन को उनकी तरफ ध्यान देना चाहिए. देश में जहां आर्थिक मंदी का दौर देखा जा रहा है. वहीं त्योहारों पर इस मंदी का असर भी साफ झलक रहा है. यही कारण है कि जहां त्योहार के चलते भी बाजार में रंगत कुछ फीकी नजर आ रही है. तो वहीं मौसम की मार के चलते सामग्री का निर्माण करना इन कारीगरों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी है

दमोह। इस साल हुई आफत की बारिश ने जहां किसानों की कमर को तोड़ दी है. वहीं दीपक बनाकर जग को रोशन करने वाले कारीगर भी मौसम की बाहर से मार से अछूते नहीं हैं. एक तरफ फसल चौपट होने से त्योहारों की रंगत फीकी नजर आ रही है. वहीं दीपावली के लिए दिए बनाने वाले कारीगरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे दिए बना तो रहे हैं, लेकिन उन्हें सुखाने के लिए सूर्य देवता दर्शन ही नहीं दे रहे हैं.

दीपावली को रोशन करने वालों के घरों में अंधेरा


कारीगरों का कहना है कि पर्याप्त धूप न मिलने से मिट्टी के दिए सूख नहीं पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनको नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा चाइना के दीयों के चलते भी मिट्टी के दीयों की बिक्री कम हो गई है.
आधुनिकता और प्रतियोगिता की होड़ में मिट्टी के दिए बनाकर अपना घर चलाने वालों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. कारीगरों ने सरकार से अपील की है कि प्रशासन को उनकी तरफ ध्यान देना चाहिए. देश में जहां आर्थिक मंदी का दौर देखा जा रहा है. वहीं त्योहारों पर इस मंदी का असर भी साफ झलक रहा है. यही कारण है कि जहां त्योहार के चलते भी बाजार में रंगत कुछ फीकी नजर आ रही है. तो वहीं मौसम की मार के चलते सामग्री का निर्माण करना इन कारीगरों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी है

Intro:मौसम की मार के बीच दिए की दास्तान

पहले किसान और अब दिया बनाने वाले कारीगर को रुला रहा मौसम

दीपावली का दीपक बनाने वाला कारीगर हो रहा उपेक्षा का शिकार

Anchor. इस साल हुई बारिश ने जहां किसानों की कमर को तोड़ दिया है. वहीं दीपक बनाने वाले कारीगर भी इस मौसम की बाहर से मार से अछूते नहीं है. यही कारण है कि जहां किसानों की फसलें चौपट होने से त्योहारों की रंगत फीकी नजर आ रही है. वहीं दीपावली के लिए बिकने वाले दिए भी बनाने के लिए कारीगरों के सामने मुश्किल पेश आ रही है.


Body:Vo. दमोह जिले के अनेक अंचलों में दीया सहित दीपावली के लिए करीब आधा दर्जन वस्तुओं का निर्माण कारीगर करते हैं. इन कारीगरों का कहना है कि जहां मौसम की मार के चलते मिट्टी सूख नहीं पा रही. जिस कारण से उनका धंधा मंदा हो गया है. वही लाइट का प्रयोग ज्यादा होने तथा चाइना आदि स्थानों से दीपावली की सामग्री बाजारों में बिकने के कारण मिट्टी के धंधे पर बहुत मार पड़ी है. बीते कई वर्षों से भी लोग इस मार् को सहन करते आ रहे हैं. वहीं अब यह व्यापार की मार के साथ मौसम की मार उनके लिए घातक साबित हो रही है. यह लोग मानते हैं कि सरकार को उनकी तरफ ध्यान देना चाहिए. लेकिन इस ओर सरकार का ध्यान नहीं दिया जाना उनकी बदहाली का प्रमुख कारण है.

बाइट - अनंतराम चक्रवर्ती कारीगर


Conclusion:Vo. देश में जहां आर्थिक मंदी का दौर देखा जा रहा है. वहीं त्योहारों पर इस मंदी का असर भी साफ झलक रहा है. यही कारण है कि जहां त्यौहार के चलते भी बाजार में रंगत कुछ फीकी नजर आ रही है. तो वहीं मौसम की मार के चलते सामग्री का निर्माण करना इन कारीगरों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी पेश कर रहा है. कारीगरों का मानना है कि जिस मदद की दरकार उन लोगों को है वह मदद उन्हें नहीं मिल रही. यही कारण है कि इस मौसम की मार के साथ सरकारी मार एवं किस्मत की मार भी उनके धंधे को चौपट कर रही है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Oct 23, 2019, 10:18 PM IST
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