दमोह। इस साल हुई आफत की बारिश ने जहां किसानों की कमर को तोड़ दी है. वहीं दीपक बनाकर जग को रोशन करने वाले कारीगर भी मौसम की बाहर से मार से अछूते नहीं हैं. एक तरफ फसल चौपट होने से त्योहारों की रंगत फीकी नजर आ रही है. वहीं दीपावली के लिए दिए बनाने वाले कारीगरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे दिए बना तो रहे हैं, लेकिन उन्हें सुखाने के लिए सूर्य देवता दर्शन ही नहीं दे रहे हैं.
कारीगरों का कहना है कि पर्याप्त धूप न मिलने से मिट्टी के दिए सूख नहीं पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनको नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा चाइना के दीयों के चलते भी मिट्टी के दीयों की बिक्री कम हो गई है.
आधुनिकता और प्रतियोगिता की होड़ में मिट्टी के दिए बनाकर अपना घर चलाने वालों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. कारीगरों ने सरकार से अपील की है कि प्रशासन को उनकी तरफ ध्यान देना चाहिए. देश में जहां आर्थिक मंदी का दौर देखा जा रहा है. वहीं त्योहारों पर इस मंदी का असर भी साफ झलक रहा है. यही कारण है कि जहां त्योहार के चलते भी बाजार में रंगत कुछ फीकी नजर आ रही है. तो वहीं मौसम की मार के चलते सामग्री का निर्माण करना इन कारीगरों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी है