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हादसे का इंतजार: सड़कों पर दौड़ती रही ओवरलोड़ बसें, जिला परिवहन अधिकारी ने निभाई औपचारिकता

एक तरफ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सड़कों पर उतर कर वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं. वही दूसरी ओर अफसर शाही किस कदर सरकार पर हावी है यह देखने को भी मिल रहा है. दमोह जिले में निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता करते नजर आए जिला परिवहन अधिकारी.

Formality in the name of inspection
निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता
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Published : Feb 22, 2021, 7:26 AM IST

दमोह। सीधी जिले में हुए बस हादसे में आधा सैकड़ा लोगों की जान चली गई. इस घटना के शासन ने पूरे प्रदेश में ओवरलोड वाहन व कंडम वाहनों की जांच के निर्देश दिए थे. प्रदेश के साथ-साथ दमोह जिले में भी कार्रवाई शुरु की गई. लेकिय यहां परिवहन अधिकारी ने सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए कुछ वाहनों की जांच की. जबकि उनके सामने ही कंडम और ओवरलोड बसें सड़कों पर दौड़ती रहीं. जिला परिवहन अधिकारी छितिज सोनी ने चेकिंग अभियान में ना तो उन अनफिट बसों पर कार्रवाई की और न ही उन्हें रोका गया.

कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति !


एक तरफ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सड़कों पर उतर कर वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं. वही दूसरी ओर अफसर शाही किस कदर सरकार पर हावी है यह देखने को भी मिल रहा है. रविवार को हटा में जब जिला परिवहन अधिकारी छितिज सोनी ने चेकिंग अभियान शुरू किया. करीब दो घंटे तक चिरोल तिराहे पर आरटीओ अपनी स्कार्पियो में बैठै रहे और वहीं पर बस वालों को तलब करते रहे,लेकिन नीचे उतरकर या बसों मे चढ़कर ओवरलोडिंग या बस की फिटनेस या यात्री सुविधाएं देखने की जहमत नहीं उठाई. आरटीओ की जगह उनके चालक ड्राइवर और एक सहयोगी आरटीओ का कार्य करता रहा.

Chitij Soni District Transport Officer
छितिज सोनी जिला परिवहन अधिकारी

जिले में दौड़ रही जर्जर बसें, अधिकारी बेपरवाह

नगर में संचालित बसों में अनदेखी इस कदर है कि, बसों के आपातकालीन खड़की पूरी तरह से बंद है, किसी बस में खिड़की में कांच तक नहीं है. बस की खिड़कियों में कांच की जगह बोरिया बांध दी गई है. यही नहीं ज्यादा से ज्यादा सवारियां बैठाने के लिये आपातकालीन खिड़की के सामने सीट लगाकर भी यात्रियों को बैठाया जा रहा है. जिसके चलते कभी भी यह बसें सीधी जैसे हादसे का कारण बन कर बेकसूर यात्रियों की जान ले सकती है. मनमानी इस कदर है कि दमोह सागर पन्ना जबलपुर और छतरपुर सतना समेत आसपास के जिलों को जाने वाली बसें ओवरलोड सवारियां ढो रही है.

दमोह। सीधी जिले में हुए बस हादसे में आधा सैकड़ा लोगों की जान चली गई. इस घटना के शासन ने पूरे प्रदेश में ओवरलोड वाहन व कंडम वाहनों की जांच के निर्देश दिए थे. प्रदेश के साथ-साथ दमोह जिले में भी कार्रवाई शुरु की गई. लेकिय यहां परिवहन अधिकारी ने सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए कुछ वाहनों की जांच की. जबकि उनके सामने ही कंडम और ओवरलोड बसें सड़कों पर दौड़ती रहीं. जिला परिवहन अधिकारी छितिज सोनी ने चेकिंग अभियान में ना तो उन अनफिट बसों पर कार्रवाई की और न ही उन्हें रोका गया.

कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति !


एक तरफ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सड़कों पर उतर कर वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं. वही दूसरी ओर अफसर शाही किस कदर सरकार पर हावी है यह देखने को भी मिल रहा है. रविवार को हटा में जब जिला परिवहन अधिकारी छितिज सोनी ने चेकिंग अभियान शुरू किया. करीब दो घंटे तक चिरोल तिराहे पर आरटीओ अपनी स्कार्पियो में बैठै रहे और वहीं पर बस वालों को तलब करते रहे,लेकिन नीचे उतरकर या बसों मे चढ़कर ओवरलोडिंग या बस की फिटनेस या यात्री सुविधाएं देखने की जहमत नहीं उठाई. आरटीओ की जगह उनके चालक ड्राइवर और एक सहयोगी आरटीओ का कार्य करता रहा.

Chitij Soni District Transport Officer
छितिज सोनी जिला परिवहन अधिकारी

जिले में दौड़ रही जर्जर बसें, अधिकारी बेपरवाह

नगर में संचालित बसों में अनदेखी इस कदर है कि, बसों के आपातकालीन खड़की पूरी तरह से बंद है, किसी बस में खिड़की में कांच तक नहीं है. बस की खिड़कियों में कांच की जगह बोरिया बांध दी गई है. यही नहीं ज्यादा से ज्यादा सवारियां बैठाने के लिये आपातकालीन खिड़की के सामने सीट लगाकर भी यात्रियों को बैठाया जा रहा है. जिसके चलते कभी भी यह बसें सीधी जैसे हादसे का कारण बन कर बेकसूर यात्रियों की जान ले सकती है. मनमानी इस कदर है कि दमोह सागर पन्ना जबलपुर और छतरपुर सतना समेत आसपास के जिलों को जाने वाली बसें ओवरलोड सवारियां ढो रही है.

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