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निर्जन होती पहाड़ियां बढ़ती गर्मी के लिए जिम्मेदार, 3 दिनों से 47 के पार दमोह का तापमान - दमोह

पिछले तीन दिनों में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दमोह विश्व के उन 15 शहरों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था. जानकारों के मुताबिक दमोह के आसपास मौजूद पहाड़ियों पर हरियाली खत्म होने के चलते पहाड़ियां गर्मी से तप रही हैं.

गर्मी के चलते निर्जन होती दमोह जिले की पहाड़ियां
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Published : Jun 6, 2019, 7:56 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 10:51 PM IST

दमोह। इन दिनों पूरा मध्यप्रदेश प्रचंड गर्मी से जूझ रहा है. करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी दमोह का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं पहुंच रहा है, बल्कि पिछले तीन दिनों में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. बुधवार को दमोह का तापमान 47.4 डिग्री दर्ज किया गया था, एक रिपोर्ट के मुताबिक दमोह विश्व के उन 15 शहरों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था, जबकि दमोह जिला घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है.

गर्मी के चलते निर्जन होती दमोह जिले की पहाड़ियां

पर्यावरण के जानकारों की मानें तो दमोह के आसपास मौजूद पहाड़ियों पर हरियाली खत्म होने के चलते पहाड़ियां गर्मी से तप रही हैं और पेड़ नहीं होने की वजह से ही ये पहाड़ियां जल्दी गर्म हो जाती हैं और धूप खत्म होने के बहुत देर बाद ठंडी होती हैं. जिसके चलते तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है. हमारे सहयोगी ने इन पहाड़ियों का दौरा किया तो पाया कि हरी-भरी रहने वाली पहाड़ी इन दिनों वीरान हो गयी हैं. इनकी हरियाली पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर है.

दमोह के कांग्रेस विधायक कहते हैं कि बारिश के समय कार्य योजना बनाकर इन पहाड़ियों पर पौधारोपण किया जाएगा, जबकि उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर भी आरोप लगाया कि मिशन ग्रीन के तहत पौधे लगाए तो गए थे, लेकिन सही कार्ययोजना नहीं होने के चलते लोगों को उन पौधों के लगाए जाने का लाभ नहीं मिल सका. बीजेपी के समय जो मिशन ग्रीन के तहत लगाए गए पौधे लापता हुए हैं, उसकी जांच भी कराई जाएगी.

दमोह। इन दिनों पूरा मध्यप्रदेश प्रचंड गर्मी से जूझ रहा है. करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी दमोह का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं पहुंच रहा है, बल्कि पिछले तीन दिनों में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. बुधवार को दमोह का तापमान 47.4 डिग्री दर्ज किया गया था, एक रिपोर्ट के मुताबिक दमोह विश्व के उन 15 शहरों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था, जबकि दमोह जिला घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है.

गर्मी के चलते निर्जन होती दमोह जिले की पहाड़ियां

पर्यावरण के जानकारों की मानें तो दमोह के आसपास मौजूद पहाड़ियों पर हरियाली खत्म होने के चलते पहाड़ियां गर्मी से तप रही हैं और पेड़ नहीं होने की वजह से ही ये पहाड़ियां जल्दी गर्म हो जाती हैं और धूप खत्म होने के बहुत देर बाद ठंडी होती हैं. जिसके चलते तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है. हमारे सहयोगी ने इन पहाड़ियों का दौरा किया तो पाया कि हरी-भरी रहने वाली पहाड़ी इन दिनों वीरान हो गयी हैं. इनकी हरियाली पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर है.

दमोह के कांग्रेस विधायक कहते हैं कि बारिश के समय कार्य योजना बनाकर इन पहाड़ियों पर पौधारोपण किया जाएगा, जबकि उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर भी आरोप लगाया कि मिशन ग्रीन के तहत पौधे लगाए तो गए थे, लेकिन सही कार्ययोजना नहीं होने के चलते लोगों को उन पौधों के लगाए जाने का लाभ नहीं मिल सका. बीजेपी के समय जो मिशन ग्रीन के तहत लगाए गए पौधे लापता हुए हैं, उसकी जांच भी कराई जाएगी.

Intro:दमोह के आसपास मौजूद पहाड़ियों पर खत्म हो चुकी हरियाली पहाड़ियों के गर्म होने से तप रहा दमोह

लगातार तीन दिनों से 47 के पार पहुंच रहा दमोह का तापमान

वर्तमान सरकार के विधायक का आरोप पूर्ववर्ती सरकारों ने नहीं किया इस पर काम

Anchor. दमोह के चारों ओर मौजूद पहाड़ियों के लगातार तपने के कारण दमोह का तापमान तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि इन पहाड़ियों पर वीरानी छाई है. हरियाली के गायब होने एवं पेड़ पौधों के कम हो जाने के कारण यह पहाड़िया बहुत तेजी के साथ तपने के बाद ठंडी नहीं हो पाती. इस कारण से दमोह का तापमान लगातार 47 के पार बना हुआ है. ऐसे हालात में पहाड़ियों की रंगत बदलने की आवश्यकता है.


Body:Vo. नौतपा शुरू होने के साथ ही दमोह का तापमान 45 के पार बना हुआ है. करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी दमोह का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. बीते 3 दिनों से दमोह का तापमान 47 डिग्री से ऊपर दर्ज किया जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दमोह विश्व के उन 15 शहरों में शामिल है जो सबसे ज्यादा तापमान के लिए दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा तापमान के मामलों में दमोह का नंबर 12 वा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि आसपास घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध दमोह हो ऐसा क्यों तब रहा है. पर्यावरण के जानकारों की मानें तो दमोह के आसपास मौजूद पहाड़ियों पर हरियाली खत्म होने के कारण पहाड़िया तेजी से तप रही है. पहाड़िया शीघ्रता से ठंडी ना होने के चलते यह तपन बरकरार है. जब हमने इन पहाड़ियों का दौरा किया तो पाया की पहाड़ियों पर हरियाली पूरी तरह से नष्ट होने की कगार पर है. मतलब साफ है कि सूर्य की तेज रोशनी में यह पहाड़ियां गर्म हो जाती है, लेकिन ठंडी ना हो पाने के कारण तापमान बरकरार रहता है. दमोह के वर्तमान कॉन्ग्रेस विधायक इस मामले पर कहते हैं, कि बारिश के समय कार्य योजना बनाकर इन पहाड़ियों पर पौधारोपण किया जाएगा. वहीं उनका पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर भी आरोप है कि उनके द्वारा मिशन ग्रीन के तहत पौधे लगाए तो गए. लेकिन सही कार्ययोजना नहीं होने के चलते लोगों को उन पौधों के लगाए जाने का लाभ नहीं हो पाया.

बाइट राहुल सिंह कॉन्ग्रेस विधायक दमोह


Conclusion:Vo. दमोह के गर्म होने की वजह कुछ भी सामने आ रही हो लेकिन एक बात तो साफ है, कि लगातार तप रहे दमोह के कारण यहां रहने वाले लोगों को परेशानियां तो हो रहे हैं. आवश्यकता है की तपन के कारणों का पूरी तरह से विश्लेषण किया जाए. जिससे इस समस्या का समाधान आगामी दिनों में निकाला जा सके. क्योंकि लगातार 47 के पार बने रहने वाले तापमान से सभी प्रकार के जीवित प्राणियों को परेशानी तो हो ही रही है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Jun 6, 2019, 10:51 PM IST
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