दमोह। कई बार छोटी-छोटी बातों और गलतफहमियों के कारण परिवारों में दरार पड़ जाती है और परिवार टूट जाते हैं. ऐसा ही एक ताजा मामला कुटुंब न्यायालय में सामने आया. जहां न्यायालय की समझाइश के बाद अलग हुए पति-पत्नी फिर से एक दूजे के हो गए. दरअसल समन्ना निवासी रानू की शादी देवपुर बकस्वाहा के गोवर्धन के साथ 2019 में हुई थी. लेकिन शादी के बाद किचिन में काम करते समय रानू एक अग्नि दुर्घटना का शिकार हो गई और उसके गले मे जलने के निशान आ गए.
ऐसे बढ़ा विवाद : गोवर्धन ने उसके जलने का इलाज तो करवाया लेकिन इस पूरी कवायद में गोवर्धन पर काफी कर्ज हो गया. वह कर्ज चुकाने की गरज से मेहनत मजदूरी करने दिल्ली चला गया. उधर, रानू को लगा कि उसके जलने के कारण पति अब उसे पसंद नहीं करता है. इसी गलतफहमी ने पति-पत्नी में दरार आ गई. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया. दोनों पक्षों के बीच पेशी का खेल शुरू हो गया. रानू ने गोवर्धन पर 25 हजार रुपये महीने भरण पोषण का केस लगाया तो बात दोनों की तलाक तक आ पहुंची.
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ऐसे कराया दोनों का मिलन : जब यह मामला कुटुंब न्यायालय में पहुंचा तो चीफ लीगल डिफेंस काउंसिल मनीष नगाइच ने दोनों के मिलन करने के प्रयास शुरू किए. नगाइच ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय की पीठासीन अंजनी नंदन जोशी ने दोनों पक्षों को समझाइश दी और कोर्ट कचहरी में पड़ने से होने वाले पहलुओं के बारे में बताया. इसके बाद दोनों पक्षों में थोड़ी आस जगी. दोनों पेशी के दौरान अपना सुख दुःख बांटने लगे. अंततः लोक अदालत के दिन दोनों पक्षो ने फिर से एक हो जाने की ठानी. दोनों ने फिर से एक दूसरे को माला पहनाकर गिले शिकवे मिटाए और प्रधान न्यायाधीश को बुके सौपकर हंसते-हंसते घर रवाना किया.