दमोह। अभी तक लोग मकान, दुकान या वाहन ही किराए पर लेते थे, लेकिन अब तो चोरी के लिए किराए के लोग भी मिलने लगे हैं. ये मामला दमोह जनपद में सामने आया है. दमोह पुलिस ने एक अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये गिरोह भाड़े के लोगों को डेली बेसिस के आधार पर रुपये देकर चोरियां कराता था.
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मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में किया. कोतवाली पुलिस ने दमोह में किराए के मकान पर रह रहे लोगों को जब संदेह के आधार पर पकड़ा तो पुलिस को भी यह उम्मीद नहीं थी कि पकड़े गए लोग अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सदस्य निकलेंगे.
इन राज्यों में की है चोरी: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के ग्राम नंदला ऊसल के रहने वाले गिरोह के सदस्य आनंद बहेलिया, रोहित कुमार, सनी बहेलिया, प्रीतम बहेलिया, पाटीदार बहेलिया, रवि कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पकड़े गए चोरों के पास से चांदी की थाली, सोने का रानी हार, एक छोटा हार, सोने-चांदी का वजन करने वाली स्केल सहित बड़ी मात्रा में मोर पंख बरामद किया.
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गिरोह का सरगना अभी फरार: पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चोरों ने कबूल किया कि उनका कई लोगों का एक बड़ा गिरोह है, जो अलग-अलग स्थानों पर चोरी की वारदातों को अंजाम देता है. यह लोग चोरी करने के लिए भाड़े के लोगों को 500 रुपये से 700 रुपये दिन के हिसाब से नियुक्त करते थे और उनसे चोरियां करवाने के बाद उस माल को बड़े सदस्य आपस में बांट लेते हैं. हालांकि इस गिरोह का सरगना अभी फरार है. यह अपने आप में पहला ऐसा मामला है जहां चोरी के लिए भी किराए पर लोग रखे जाते हैं.
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि यह लोग मोर पंख बेचने के बहाने से लोगों को बस अड्डा, रेलवे स्टेशन आदि जगह पर लोगों को निशाना बनाते थे. उसके बाद संदेह पुख्ता हो जाने पर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. इसी तरह मोहल्लों में घूम-घूम कर रेकी करते थे और उसके बाद चोरी किया करते थे.