दमोह। पटाखा फैक्ट्री में हुए बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि करीब एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है. अब प्रशासन इस मामले में जांच करने की बात कह रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत आपको पूरी घटना की इनसाइड स्टोरी बता रहा है. दरअसल, दमोह नगर में आज दोपहर पटाखा फैक्ट्री कम गोदाम में हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. धमाका इतना जोरदार था कि आधा किलोमीटर से अधिक तक की दूरी पर इसे सुना गया. जिस मकान में यह धमाका हुआ, उसकी पक्की छत के परखच्चे उड़ गए.
मकान दरके: धमाके से आसपास के कई मकानों में दरारें आ गई. धमाके का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुकान गोदाम मालिक अभय गुप्ता का शव कई टुकड़े हो गए. उनके हाथ का पंजा अभी भी घटनास्थल पर ही पड़ा हुआ है. शव को बोरियों में समेटा गया. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने दो अन्य लोगों की भी मौत की पुष्टि की है. जबकि मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि कम से कम पांच लोग इस धमाके में मारे गए हैं. कई घंटे की मशक्कत के बाद जब मलबे को हटाया गया तो एक महिला मृत मिली, जबकि एक अन्य महिला घायल अवस्था में पाई गई.
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मृतक महिला की शिनाख्त पूजा उर्फ अपूर्वा (19 साल) पत्नी कैलाश खटीक के रूप में की गई. इसी तरह एक अन्य महिला की शिनाख्त रिंकी पुत्री शंकर लाल कोरी निवासी कछियाना मोहल्ला के रूप में की गई. सभी मृतकों के शव मर्चुरी में रखवाए गए हैं. जबकि घायलों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है. घटना में घायल उमा कोरी ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि कुछ देर के लिए तो कान में कुछ सुनाई देना भी बंद हो गया था. जिसको जहां जगह मिली वह वहां भगाने का प्रयास करने लगा. सबसे पहले एक पटाखे में विस्फोट हुआ और उसी के बाद वहां पर बोरियों में भरी हुई बारूद और अन्य पटाखो में जोरदार धमाका हुआ.
43 साल पहले पिता के समय भी मरे थे तीन: शहर में यह पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी ऐसी एक घटना हो चुकी है. जून 1981 में अभय गुप्ता के पिता कृष्ण कुमार गुप्ता जब पटाखा का लाइसेंस लेकर कारोबार चला रहे थे, उस समय घटनास्थल से कुछ दूरी पर उनके निवास पर भी ऐसा ही एक धमाका हुआ था. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.
अवैध रूप से संचालित हो रही थी फैक्ट्री: गवाहों का कहना है कि यह गोदाम पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित हो रही थी. यहां पर बारूद से संबंधी अवैध कारोबार लंबे समय से हो रहा था. इसकी शिकायत कई बार लोग प्रशासन को कर चुके हैं. 6 दिन पहले ही इस मामले में शिकायत की गई थी. उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. जिससे यह पड़ी घटना सामने आई है. कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि शहरी क्षेत्र में यह गोदाम और फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी. इसकी जांच कराई जा रही है. क्योंकि परमिशन केवल इमलाई गांव के लिए दी गई थी.
हादसे में हताहत लोग के नाम: इस हादसे का जो लोग शिकार हुआ हैं, उनमें पुरुषोत्तम कोरी, कमला प्रसाद अहरिवार, खेमचंद चक्रवर्ती, पुरुषोत्तम चक्रवर्ती, बालचंद कोष्टी, दिलीप चक्रवर्ती, घनश्याम चक्रवर्ती, सुख चक्रवर्ती, दुर्गादास अहरिवार, चंद्रभान सिंह राजपूत, शंकरलाल कोरी, कैलाश खटी, मुरली रैकवार और एक अज्ञात पुरुष है.
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दमोह की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की दुर्घटना हृदयविदारक है।
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परमपिता परमात्मा से इस दुर्घटना में असमय प्राण गंवाने वाले सभी दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।
जिला प्रशासन से…
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 31, 2023
परमपिता परमात्मा से इस दुर्घटना में असमय प्राण गंवाने वाले सभी दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।
जिला प्रशासन से…दमोह की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की दुर्घटना हृदयविदारक है।
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परमपिता परमात्मा से इस दुर्घटना में असमय प्राण गंवाने वाले सभी दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।
जिला प्रशासन से…
CM ने जताया शोक: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- "दमोह की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की दुर्घटना हृदयविदारक है. परमपिता परमात्मा से इस दुर्घटना में असमय प्राण गंवाने वाले सभी दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ.जिला प्रशासन से घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था एवं मृतकों व घायलों के परिजनों को नियमानुसार सहायता राशि उपलब्ध कराने की बात की है.दुःख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं."
घटना के बाद गरमाई सियासत: मौके पर पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी और दमोह विधायक अजय टंडन ने कहा, "शहर के बीचो-बीच इस घटना के लिए प्रशासन और जो यह फैक्ट्री चला रहा था वह स्वयं भी दोषी है. इस मामले में प्रशासन और शासन से मांग करता हूं कि जो भी घायल हैं, उनके समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए. मैं स्वयं भी अपनी ओर से प्रयास करूंगा. हैरानी की बात है कि शहर के बीचो-बीच इस तरह की घटना आखिर हुई कैसे?
इस पूरे मामले में प्रशासन की घोर लापरवाही भी सामने आई है. पिछले हफ्ते ही निर्वाचन संबंधी एक प्रेस वार्ता में इस मसले को उठाया गया था. लेकिन कलेक्टर अग्रवाल ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि जो भी गड़बड़ी करेगा उसके विरुद्ध हम कार्रवाई करेंगे. हम केवल थोक दुकानदारों की मॉनिटरिंग करते हैं, फुटकर व्यापारियों की नहीं.