ETV Bharat / state

ये कैसी सजा! 7 साल से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा एक परिवार

अंतरजातीय विवाह के एक मामले में पिछले 7 साल से सामाजिक बहिष्कार झेल रहे 2 दंपतियों ने एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल, एसपी ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

damoh crime news
7 साल से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा परिवार
author img

By

Published : Feb 10, 2022, 10:26 PM IST

दमोह। दमोह के मडियादो थाना क्षेत्र के पौड़ी वर्धा गांव के 2 दंपतियों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर उन्हें न्याय के लिए आवेदन दिया है. दरअसल, मामला अंतरजातीय विवाह का है, जिसमें दंपतियों का आरोप है कि, वह विवाह के बाद से लगातार सामाजिक बहिष्कार की मार झेल रहे हैं. लेकिन मडियादो पुलिस ने इसे सामाजिक मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया.

7 साल से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा परिवार

अंतरजातीय विवाह का मामला
मामला हटा अनुभाग के पौड़ी वर्धा ग्राम का है, जहां समाज के लोगों ने प्रेम विवाह के चलते सामाजिक बहिष्कार किया है. पीड़िता ज्योति प्रजापति ने बताया कि, साथ कॉलेज में पढ़ने वाले राजेश प्रजापति के साथ उसने अक्टूबर 2015 में अंतरजातीय विवाह किया था. ज्योति अनुसूचित वर्ग में अठ्या जाति से आती हैं, वहीं राजेश ओबीसी वर्ग से आता है.

समाज का बहिष्कार जारी
ज्योति की शादी के ठीक 3 महीने बाद जनवरी 2016 में ज्योति की सगी बहन भारती अठ्या ने ज्योति के पति राजेश के भतीजे वृंदावन से कोर्ट मैरिज की थी. इस घटना के बाद से दोनों बहनों का समाज के लोगों ने बहिष्कार कर दिया. वह काम करने के लिए क्षेत्र छोड़कर अन्य प्रदेशों को चले गए, लेकिन जब वह हाल ही में अपने घर लौट कर आए तब भी समाज के लोगों ने बहिष्कार जारी रखा और समाज में स्वीकार करने के लिए यह वाकायदा शर्त रखी.

समाज में शामिल होने की शर्तें
समाज में शामिल होने के लिए समाज के लोगों द्वारा में भागवत कथा कराने, 5 हज़ार लोगों को भोजन कराने और 2 लाख रुपए समाज को दान करने के लिए कहा गया. ज्योति का कहना हैं कि, वह भागवत कथा करा चुकी है साथ ही लोगों को भोजन भी करा दिया है. पर अभी तक समाज के कि लोग उन्हें स्वीकार नहीं किया गया. ना तो सार्वजनिक स्रोतों से पानी भरने दिया जाता है और ना ही उनके 5 वर्षीय बेटे अनुज के साथ समाज के बच्चों को खेलने दिया जाता है. यहां तक कि, जब वह आवेदन लेकर मडियादो थाना पहुंची तो पुलिस ने इसे सामाजिक मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया.

गुप्त दान की मांग
ज्योति की सगी बहन भारती का कहना है कि, समाज के कहने पर उन्होंने शर्तें मान ली और भागवत कथा तथा भोजन कराने के बाद ₹200000 भी दे दिए, लेकिन अब शर्तें और बढ़ा दी गई हैं. फिलहाल उनसे गुप्त रूप से ₹200000 की मांग की जा रही है क्योंकि हम छोटी जाति के हैं, इसलिए गांव के लोग हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

किया जाता है भेदभाव
भारती कहती हैं कि, खाना-पीना में भी भेदभाव किया जाता है. इतना ही नहीं हमारे सास-ससुर या कोई परिजन किसी के यहां कार्यक्रम में जाते हैं तो पंगत में से हाथ पकड़ कर उसे वहां से उठा दिया जाता है. इन सब बातों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

पुलिस कर रही जांच
वहीं, मामले में पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार का कहना है कि, राजेश प्रजापति और ज्योति ने प्रेम विवाह किया था. उन्होंने आवेदन दिया है कि, उनके साथ गांव में भेदभाव किया जा रहा है. इसके लिए संबंधित पुलिस अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि, हम बगैर जांच किए किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते. जांच कराएंगे तथा दोनों पक्षों को सुनेंगे तभी यह स्पष्ट होगा कि भेदभाव या सामाजिक बहिष्कार जैसी कोई बात है या नहीं.

दमोह। दमोह के मडियादो थाना क्षेत्र के पौड़ी वर्धा गांव के 2 दंपतियों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर उन्हें न्याय के लिए आवेदन दिया है. दरअसल, मामला अंतरजातीय विवाह का है, जिसमें दंपतियों का आरोप है कि, वह विवाह के बाद से लगातार सामाजिक बहिष्कार की मार झेल रहे हैं. लेकिन मडियादो पुलिस ने इसे सामाजिक मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया.

7 साल से सामाजिक बहिष्कार झेल रहा परिवार

अंतरजातीय विवाह का मामला
मामला हटा अनुभाग के पौड़ी वर्धा ग्राम का है, जहां समाज के लोगों ने प्रेम विवाह के चलते सामाजिक बहिष्कार किया है. पीड़िता ज्योति प्रजापति ने बताया कि, साथ कॉलेज में पढ़ने वाले राजेश प्रजापति के साथ उसने अक्टूबर 2015 में अंतरजातीय विवाह किया था. ज्योति अनुसूचित वर्ग में अठ्या जाति से आती हैं, वहीं राजेश ओबीसी वर्ग से आता है.

समाज का बहिष्कार जारी
ज्योति की शादी के ठीक 3 महीने बाद जनवरी 2016 में ज्योति की सगी बहन भारती अठ्या ने ज्योति के पति राजेश के भतीजे वृंदावन से कोर्ट मैरिज की थी. इस घटना के बाद से दोनों बहनों का समाज के लोगों ने बहिष्कार कर दिया. वह काम करने के लिए क्षेत्र छोड़कर अन्य प्रदेशों को चले गए, लेकिन जब वह हाल ही में अपने घर लौट कर आए तब भी समाज के लोगों ने बहिष्कार जारी रखा और समाज में स्वीकार करने के लिए यह वाकायदा शर्त रखी.

समाज में शामिल होने की शर्तें
समाज में शामिल होने के लिए समाज के लोगों द्वारा में भागवत कथा कराने, 5 हज़ार लोगों को भोजन कराने और 2 लाख रुपए समाज को दान करने के लिए कहा गया. ज्योति का कहना हैं कि, वह भागवत कथा करा चुकी है साथ ही लोगों को भोजन भी करा दिया है. पर अभी तक समाज के कि लोग उन्हें स्वीकार नहीं किया गया. ना तो सार्वजनिक स्रोतों से पानी भरने दिया जाता है और ना ही उनके 5 वर्षीय बेटे अनुज के साथ समाज के बच्चों को खेलने दिया जाता है. यहां तक कि, जब वह आवेदन लेकर मडियादो थाना पहुंची तो पुलिस ने इसे सामाजिक मामला बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया.

गुप्त दान की मांग
ज्योति की सगी बहन भारती का कहना है कि, समाज के कहने पर उन्होंने शर्तें मान ली और भागवत कथा तथा भोजन कराने के बाद ₹200000 भी दे दिए, लेकिन अब शर्तें और बढ़ा दी गई हैं. फिलहाल उनसे गुप्त रूप से ₹200000 की मांग की जा रही है क्योंकि हम छोटी जाति के हैं, इसलिए गांव के लोग हमें स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

किया जाता है भेदभाव
भारती कहती हैं कि, खाना-पीना में भी भेदभाव किया जाता है. इतना ही नहीं हमारे सास-ससुर या कोई परिजन किसी के यहां कार्यक्रम में जाते हैं तो पंगत में से हाथ पकड़ कर उसे वहां से उठा दिया जाता है. इन सब बातों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

पुलिस कर रही जांच
वहीं, मामले में पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार का कहना है कि, राजेश प्रजापति और ज्योति ने प्रेम विवाह किया था. उन्होंने आवेदन दिया है कि, उनके साथ गांव में भेदभाव किया जा रहा है. इसके लिए संबंधित पुलिस अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि, हम बगैर जांच किए किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते. जांच कराएंगे तथा दोनों पक्षों को सुनेंगे तभी यह स्पष्ट होगा कि भेदभाव या सामाजिक बहिष्कार जैसी कोई बात है या नहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.