दमोह। जिले की लोकसभा सीट पर 6 मई को चुनाव होना है. बीते विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से नाराज हुए नेता अब दूसरी पार्टी के खासमखास बन गए हैं. ऐसे में ये नेता पुरानी पार्टी के घोटालों और नेताओं पर खुलकर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं.
दमोह जिले के हटा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई. दरअसल इस बैठक में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी पहुंचे थे, जिन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर लोकसभा चुनाव में पार्टी को विजय दिलाने की अपील की. वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विरोध में निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को हराने वाले प्रदीप खटीक भी इस बैठक में शामिल होकर कांग्रेस के झंडे के नीचे काम करते नजर आए.
कुसमरिया का दावा 'बीजेपी को सिंहासन से किया दूर'
सबसे अचरज वाला नाम डॉ रामकृष्ण कुसमरिया का है, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ा. उनका दावा है कि उन्होंने ही बीजेपी को सिंहासन से दूर किया है. वहीं इस बैठक में खास बात यह थी कि डॉ रामकृष्ण कुसमरिया जिन लोगों के साथ इस बैठक में शामिल थे, वे कुछ महीनों पहले तक डॉक्टर कुसमरिया के धुर विरोधी कहे जाते थे. बता दें कि कुसमरिया ने निर्दलीय चुनाव जीता था, लेकिन वे हार गए थे. बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी.
पहले थे कांग्रेस के विरोधी अब नहीं थक रहे तारीफ करते
राजनीतिक मजबूरी के चलते यह लोग अब एक ही झंडे के नीचे कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए संकल्प लेते नजर आए. डॉ कुसमरिया कुछ दिन पहले ही प्रताप सिंह लोधी को लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद शिकायत करने के लिए कंप्यूटर बाबा के पास पहुंचे थे. चंद दिन बाद ही बाबाजी प्रताप सिंह के लिए दमोह संसदीय क्षेत्र से सांसद बनाने का संकल्प लेते नजर आए. वहीं जिस शिवराज सरकार के गुणगान करते कुसमरिया थकते नहीं थे, उन्हें ही वे घोटालेबाज कहते नजर आए.