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खरीफ फसल के लिए भंडारण की हो रही व्यापक व्यवस्था, करीब 46 हजार मीट्रिक टन खरीदने का लक्ष्य

पिछले साल की तरह ही इस साल भी प्रशासनिक तौर पर खरीफ की फसल का भंडारण करने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अधिकारी बताते हैं कि जिस हिसाब से बीते वर्ष का अनुमान था उसी हिसाब से इस साल भी खरीफ की फसल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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Published : Aug 7, 2020, 5:20 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 3:10 PM IST

Kharif crop storage
खरीफ फसल का भंडारण

दमोह। जिले में विशेष रूप से खरीफ की फसल के मामले में धान की पैदावार ज्यादा होती है और इस फसल की खरीद नागरिक आपूर्ति निगम ही करता है. पिछले साल की तरह ही इस साल भी प्रशासनिक तौर पर खरीफ की फसल का भंडारण करने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अधिकारी बताते हैं कि जिस हिसाब से बीते वर्ष का अनुमान था उसी हिसाब से इस साल भी खरीफ की फसल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

खरीफ फसल का भंडारण

पिछले साल 46 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. इस साल भी इतना ही अनुमान है. हालांकि यह अनुमान कृषि विभाग के द्वारा दिया जाता है, क्योंकि बारिश ना होने के कारण इस बार फसलों के हाल बेहाल हैं. तो ऐसे में कृषि विभाग द्वारा अभी तक कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई है, लेकिन बीते वर्ष की खरीदी की अनुमान लगाकर तैयारियां जारी हैं.

जिला महाप्रबंधक बीएम सिंह राठौर का कहना है कि धान का भंडारण कैंप में किया जाता है, मतलब धान का भंडारण खुले में होता है और उसको पूरी तरह से ढक कर सुरक्षित रखा जाता है. उसके लिए उनके पास जबेरा और तेंदूखेड़ा में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं. पूर्व का भंडारण खाली करने का काम चल रहा है. तो आगामी खरीदी समय तक वह पूरा हो जाएगा. ऐसे में उनके पास वर्तमान में 15 हजार मीट्रिक टन का स्थान खाली हो चुका है. जो आगामी दिनों में करीब 46 मीट्रिक टन का हो जायेगा.

नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कहते हैं कि इस बारदाने की कमी आने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि इस बार गेहूं 17,5000 मीट्रिक टन ज्यादा खरीद लिया गया है. ऐसे में शासन के द्वारा राशन दुकानों को निर्देश दिए गए हैं, जो भी खाद्यान्न खाली होता है. उसके वारदाने को सुरक्षित रखा जाए जो आगामी दिनों में काम आएगा. वहीं खरीदी के लिए पूर्व की तरह ही व्यवस्थाएं जारी है. जिससे खरीदी करने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी.

खरीफ की फसल जहां खेतों में है तो वहीं बारिश नहीं होने से कुछ परेशानियां किसानों को हो रही हैं. वहीं शासन के द्वारा खरीफ की फसल की खरीदी और उसके भंडारण के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. ऐसे हालात में इस बार भी लगता है कि दमोह में भंडारण ठीक ही होगा. हालांकि गेहूं की खरीदी इस बार बहुत ज्यादा होने के कारण बाढ़ आने की दिक्कत की बात सामने आ रही है. जिसका समाधान करने के लिए प्रशासन तौर पर प्रयास जारी है. देखना होगा खरीफ की फसल की खरीद के वक्त किस तरह के हालात दिखाई देते हैं.

दमोह। जिले में विशेष रूप से खरीफ की फसल के मामले में धान की पैदावार ज्यादा होती है और इस फसल की खरीद नागरिक आपूर्ति निगम ही करता है. पिछले साल की तरह ही इस साल भी प्रशासनिक तौर पर खरीफ की फसल का भंडारण करने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अधिकारी बताते हैं कि जिस हिसाब से बीते वर्ष का अनुमान था उसी हिसाब से इस साल भी खरीफ की फसल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

खरीफ फसल का भंडारण

पिछले साल 46 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. इस साल भी इतना ही अनुमान है. हालांकि यह अनुमान कृषि विभाग के द्वारा दिया जाता है, क्योंकि बारिश ना होने के कारण इस बार फसलों के हाल बेहाल हैं. तो ऐसे में कृषि विभाग द्वारा अभी तक कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई है, लेकिन बीते वर्ष की खरीदी की अनुमान लगाकर तैयारियां जारी हैं.

जिला महाप्रबंधक बीएम सिंह राठौर का कहना है कि धान का भंडारण कैंप में किया जाता है, मतलब धान का भंडारण खुले में होता है और उसको पूरी तरह से ढक कर सुरक्षित रखा जाता है. उसके लिए उनके पास जबेरा और तेंदूखेड़ा में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं. पूर्व का भंडारण खाली करने का काम चल रहा है. तो आगामी खरीदी समय तक वह पूरा हो जाएगा. ऐसे में उनके पास वर्तमान में 15 हजार मीट्रिक टन का स्थान खाली हो चुका है. जो आगामी दिनों में करीब 46 मीट्रिक टन का हो जायेगा.

नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कहते हैं कि इस बारदाने की कमी आने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि इस बार गेहूं 17,5000 मीट्रिक टन ज्यादा खरीद लिया गया है. ऐसे में शासन के द्वारा राशन दुकानों को निर्देश दिए गए हैं, जो भी खाद्यान्न खाली होता है. उसके वारदाने को सुरक्षित रखा जाए जो आगामी दिनों में काम आएगा. वहीं खरीदी के लिए पूर्व की तरह ही व्यवस्थाएं जारी है. जिससे खरीदी करने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी.

खरीफ की फसल जहां खेतों में है तो वहीं बारिश नहीं होने से कुछ परेशानियां किसानों को हो रही हैं. वहीं शासन के द्वारा खरीफ की फसल की खरीदी और उसके भंडारण के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. ऐसे हालात में इस बार भी लगता है कि दमोह में भंडारण ठीक ही होगा. हालांकि गेहूं की खरीदी इस बार बहुत ज्यादा होने के कारण बाढ़ आने की दिक्कत की बात सामने आ रही है. जिसका समाधान करने के लिए प्रशासन तौर पर प्रयास जारी है. देखना होगा खरीफ की फसल की खरीद के वक्त किस तरह के हालात दिखाई देते हैं.

Last Updated : Aug 8, 2020, 3:10 PM IST
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