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Cheating On Employees : बिजली कंपनी का काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों का 55 लाख रुपये हड़पकर भाग गई कंपनी

बिजली कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. संविदा पर कार्यरत एक कंपनी के गायब होने के बाद सैकड़ों कर्मचारियों का वेतन अटक गया है. ये कंपनी कर्मचारियों का 55 लाख रुपए वेतन हड़प कर गायब हुई. ये 460 कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. (Company ran away after grabbing 55 lakh) (Outsourced employees for power company)

Company ran away after grabbing 55 lakh
कर्मचारियों का 55 लाख रुपये हड़पकर भाग गई कंपनी
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Published : Jun 4, 2022, 7:19 PM IST

दमोह। महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में लोगों को काम मिलना मुश्किल हो रहा है. उस पर बिजली विभाग में कार्यरत एक कंपनी के गायब हो जाने से सैकड़ों कर्मचारी अब परेशान हैं. उन्हें न तो वेतन मिला है और न ही आगे ही वेतन मिलने के आसार दिख रहे हैं. दरअसल मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दमोह स्थित कार्यालय में संविदा आधार पर नियुक्त दिल्ली की ओरियन कंपनी काम कर रही थी. कंपनी ने काम करने के लिए करीब 460 कर्मचारियों को सात से लेकर दस हज़ार रुपए तक के मासिक वेतन पर नियुक्त किया था.

कंपनी के लिए ये कर्मचारी कई काम करते थे : इन आउटसोर्स कर्मचारियों से कंपनी मीटर रीडिंग करने, मीटर बदलने, नया मीटर लगाने शहद बिजली विभाग से संबंधित अन्य कार्य करा रही थी. यह कंपनी दमोह में लंबे समय से कार्यरत थी. कंपनी के अधीन काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष जुगेंद्र अहिरवार ने बताया कि कंपनी के अधिकारी अप्रैल के महीने में काम बंद करके अचानक चले गए. इन कर्मचारियों का करीब 55 लाख रुपए कंपनी के पास जमा है, जो नहीं दिया गया है.

दर-दर भटक रहे हैं कर्मचारी : कर्मचारी कभी श्रम विभाग, कभी विद्युत कंपनी के अधिकारियों तो कभी जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर वेतन दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन पंचायत चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण इन कर्मचारियों को प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पा रही है. संगठन का कहना है कि अब हम कर्मचारी आखिर कहां जाएं. संगठन अध्यक्ष का कहना है कि ओरियन कंपनी के दिल्ली स्थित कार्यालय में कई बार फोन लगाए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.

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अप्रैल का वेतन नहीं मिला, नई कंपनी आ गई : कर्मचारियों का अप्रैल का वेतन मिला नहीं है.अब नई कंपनी आई है. वह अपने अनुसार अपनी शर्तों पर काम कराएगी. ऐसे में सभी कर्मचारी काम करते रहेंगे, ये कहना मुश्किल है. विद्युत कंपनी की नियमानुसार आउट सोर्स कंपनी के लिए टेंडर जारी होते हैं. ओरियन कंपनी का ठेका इसी साल अप्रैल में खत्म हो गया. कंपनी को दूसरी बार ठेका नहीं मिला. उसके स्थान पर भोपाल की प्राइम वन कंपनी को आउट सोर्स का ठेका मिल गया है. ऐसे में संभव है की नई कंपनी कर्मचारियों की छंटनी भी कर दे या फिर भी परफार्मेंस के हिसाब से काम पर रखे. इस संबंध बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री ओपी सोनी का कहना है "आउट सोर्स कर्मचारी कंपनी के अधीन होते हैं. इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता, लेकिन कर्मचारियों की बात वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है." (Company ran away after grabbing 55 lakh) (Outsourced employees for power company)

दमोह। महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में लोगों को काम मिलना मुश्किल हो रहा है. उस पर बिजली विभाग में कार्यरत एक कंपनी के गायब हो जाने से सैकड़ों कर्मचारी अब परेशान हैं. उन्हें न तो वेतन मिला है और न ही आगे ही वेतन मिलने के आसार दिख रहे हैं. दरअसल मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दमोह स्थित कार्यालय में संविदा आधार पर नियुक्त दिल्ली की ओरियन कंपनी काम कर रही थी. कंपनी ने काम करने के लिए करीब 460 कर्मचारियों को सात से लेकर दस हज़ार रुपए तक के मासिक वेतन पर नियुक्त किया था.

कंपनी के लिए ये कर्मचारी कई काम करते थे : इन आउटसोर्स कर्मचारियों से कंपनी मीटर रीडिंग करने, मीटर बदलने, नया मीटर लगाने शहद बिजली विभाग से संबंधित अन्य कार्य करा रही थी. यह कंपनी दमोह में लंबे समय से कार्यरत थी. कंपनी के अधीन काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष जुगेंद्र अहिरवार ने बताया कि कंपनी के अधिकारी अप्रैल के महीने में काम बंद करके अचानक चले गए. इन कर्मचारियों का करीब 55 लाख रुपए कंपनी के पास जमा है, जो नहीं दिया गया है.

दर-दर भटक रहे हैं कर्मचारी : कर्मचारी कभी श्रम विभाग, कभी विद्युत कंपनी के अधिकारियों तो कभी जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर वेतन दिलाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन पंचायत चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण इन कर्मचारियों को प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पा रही है. संगठन का कहना है कि अब हम कर्मचारी आखिर कहां जाएं. संगठन अध्यक्ष का कहना है कि ओरियन कंपनी के दिल्ली स्थित कार्यालय में कई बार फोन लगाए लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.

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अप्रैल का वेतन नहीं मिला, नई कंपनी आ गई : कर्मचारियों का अप्रैल का वेतन मिला नहीं है.अब नई कंपनी आई है. वह अपने अनुसार अपनी शर्तों पर काम कराएगी. ऐसे में सभी कर्मचारी काम करते रहेंगे, ये कहना मुश्किल है. विद्युत कंपनी की नियमानुसार आउट सोर्स कंपनी के लिए टेंडर जारी होते हैं. ओरियन कंपनी का ठेका इसी साल अप्रैल में खत्म हो गया. कंपनी को दूसरी बार ठेका नहीं मिला. उसके स्थान पर भोपाल की प्राइम वन कंपनी को आउट सोर्स का ठेका मिल गया है. ऐसे में संभव है की नई कंपनी कर्मचारियों की छंटनी भी कर दे या फिर भी परफार्मेंस के हिसाब से काम पर रखे. इस संबंध बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री ओपी सोनी का कहना है "आउट सोर्स कर्मचारी कंपनी के अधीन होते हैं. इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता, लेकिन कर्मचारियों की बात वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है." (Company ran away after grabbing 55 lakh) (Outsourced employees for power company)

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