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स्कूली ड्रेस में रो रहा था बच्चा, ट्रेन यात्रियों ने पिता को ही बना दिया बच्चा चोर

दमोह रेलवे स्टेशन पर एक बच्चे को रोता देख यात्रियों ने उसके पिता को ही बच्चा चोर समझकर पुलिस के हवाले कर दिया. हालांकि पुलिस की जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया. मध्यप्रदेश में इन दिनों बच्चा चोर की अफवाह इतनी ज्यादा है कि लोग जरा से संदेह की स्थिति में लोगों को बच्चा चोर समझ लेते है.

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Published : Aug 28, 2019, 6:10 PM IST

यात्रियों ने पिता को ही समझा बच्चा चोर

दमोह। मध्यप्रदेश में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह इस तरह फैली हुई है कि लोग जरा भी संदेह की स्थिति में किसी को भी बच्चा चोर समझ बैठते हैं. जहां भीड़ लोगों से मारपीट करने से भी नहीं चूकती. कुछ इसी तरह का मामला दमोह रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. दमोह स्टेशन पर रुकी हीराकुंड एक्सप्रेस की एक बोगी के यात्रियों ने एक व्यक्ति के पास रोते हुए बच्चे को देख जबरन पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि पुलिस की जांच में पता चला कि वह व्यक्ति ही बच्चे का पिता था.

ट्रेन यात्रियों ने पिता को ही बना दिया बच्चा चोर

दरअसल, विशाखापट्टनम-पुरी हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री के साथ रो रहे बच्चे को देखकर लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ लिया. यात्रियों ने आरपीएफ को मामले की जानकारी दी. ट्रेन जैसे ही दमोह स्टेशन पर पहुंची, लोगों ने उस यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया. बाद में पता लगा कि वह उस बच्चे का पिता है. जिसे यात्री बच्चा चोर समझ रहे थे.

यात्रियों ने बताया कि बच्चा स्कूली ड्रेस में था. उनके पास कोई सामान भी नहीं था और वह रो रहा था. बच्चा बार-बार यही कह रहा था कि उसे मम्मी के पास जाना है. ऐसे में उसके पिता को यात्रियों ने बच्चा चोर समझा था. मामले की जांच के बाद आरपीएफ थाने पहुंचे नगर पालिका के कर्मचारी सुनील ठाकुर दमोह के बिलवारी मोहल्ला ने बताया कि जिसे आरोपी समझा जा रहा है वह उनका बड़ा भाई नरेंद्र सिंह है.

जो किसी काम से सुबह स्कूल गए और 6 साल के अपने बच्चे को स्कूल से ही यूनिफॉर्म में लेकर खुरई चले गए थे. वह मानसिक रूप से टेंशन में चल रहे हैं. जिससे उन्हें कुछ याद नहीं रहा.

दमोह। मध्यप्रदेश में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह इस तरह फैली हुई है कि लोग जरा भी संदेह की स्थिति में किसी को भी बच्चा चोर समझ बैठते हैं. जहां भीड़ लोगों से मारपीट करने से भी नहीं चूकती. कुछ इसी तरह का मामला दमोह रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. दमोह स्टेशन पर रुकी हीराकुंड एक्सप्रेस की एक बोगी के यात्रियों ने एक व्यक्ति के पास रोते हुए बच्चे को देख जबरन पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि पुलिस की जांच में पता चला कि वह व्यक्ति ही बच्चे का पिता था.

ट्रेन यात्रियों ने पिता को ही बना दिया बच्चा चोर

दरअसल, विशाखापट्टनम-पुरी हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री के साथ रो रहे बच्चे को देखकर लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ लिया. यात्रियों ने आरपीएफ को मामले की जानकारी दी. ट्रेन जैसे ही दमोह स्टेशन पर पहुंची, लोगों ने उस यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया. बाद में पता लगा कि वह उस बच्चे का पिता है. जिसे यात्री बच्चा चोर समझ रहे थे.

यात्रियों ने बताया कि बच्चा स्कूली ड्रेस में था. उनके पास कोई सामान भी नहीं था और वह रो रहा था. बच्चा बार-बार यही कह रहा था कि उसे मम्मी के पास जाना है. ऐसे में उसके पिता को यात्रियों ने बच्चा चोर समझा था. मामले की जांच के बाद आरपीएफ थाने पहुंचे नगर पालिका के कर्मचारी सुनील ठाकुर दमोह के बिलवारी मोहल्ला ने बताया कि जिसे आरोपी समझा जा रहा है वह उनका बड़ा भाई नरेंद्र सिंह है.

जो किसी काम से सुबह स्कूल गए और 6 साल के अपने बच्चे को स्कूल से ही यूनिफॉर्म में लेकर खुरई चले गए थे. वह मानसिक रूप से टेंशन में चल रहे हैं. जिससे उन्हें कुछ याद नहीं रहा.

Intro:स्कूली ड्रेस में रोते हुए बच्चे को देखकर ट्रेन यात्रियों ने पिता को बना दिया बच्चा चोर

दमोह रेलवे स्टेशन पर परिजनों के पहुंचने के बाद हुआ मामले का खुलासा

दमोह. मध्य प्रदेश में इस समय बच्चा चोर गिरोह होने की अफवाह इस तरह फैल चुकी है कि लोग जरा सा संदेह होने पर किसी को भी बच्चा चोर समझ बैठते हैं, और मारपीट करने से नहीं चूकते. कुछ इसी तरह का मामला दमोह रेलवे स्टेशन पर देखने मिला है. दमोह से होकर निकलने वाली हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन जब स्टेशन पहुंची तो उसमें सवार यात्रियों ने एक यात्री को बच्चे के साथ पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस को यात्रियों ने बताया कि यह बच्चा चोर है.जो बच्चे की चोरी करके कहीं से भागकर आया है. लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो बच्चा चोर ही बच्चे का पिता निकला.


Body:दमोह से होकर निकलने वाली विशाखापट्टनम-पुरी हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री के साथ रो रहे एक बच्चे को देखकर लोगों ने उसे बच्चा चोर समझा. सागर से दमोह मार्ग पर आ रही ट्रेन जैसे ही दमोह पहुंची तो वहां पर आरपीएफ पुलिस के हवाले कर दिया. बाद में पता लगा कि वह उस बच्चे का पिता है. जिसे यात्री बच्चा चोर समझ रहे थे. रात हीराकुंड ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो पर आने के बाद किसी यात्री ने बताया कि एक बच्चा चोर को यात्रियों ने पकड़ लिया है. जिसकी सूचना पर स्टॉफ यात्रियों के बताए अनुसार व्यक्ति को आरपीएफ थाना लाए. इस बीच यात्रियों ने ट्रेन को चैन पुलिंग करके रोक रखा था. बच्चा स्कूल की ड्रेस पर था. उनके पास कोई सामान भी नहीं था, और बच्चा रो रहा था. वह बच्चा मुझे मम्मी के पास जाना कह रहा था. साथ वाले से पूछने पर वह सही जानकारी नहीं दे रहा था. इसलिए उसे यात्रियों ने बच्चा चोर समझा था. क्योंकि वह अपना नाम बगैरह भी नहीं बता रहे थे. मामले की जांच के बाद आरपीएफ थाना पहुंचे नगर पालिका के कर्मचारी सुनील ठाकुर निवासी बिलवारी मोहल्ला ने बताया कि जिसे आरोपी समझा जा रहा है वह उनके मझले भाई नरेंद्र सिंह हैं. जो किसी काम से सुबह स्कूल गए और 6 साल के अपने बच्चे को स्कूल से ही यूनीफार्म में लेकर खुरई चले गए थे. वह मानसिक रूप से टेंशन में चल रहे हैं. जिससे उन्हें कुछ याद नहीं रहा. बाद में जब वह हीराकुंड ट्रेन में बैठकर वापस आ रहे थे. जिन्हें लोगों ने बेबजह तूल देकर उन्हें बच्चा चोर बना दिया. वहीं पुलिस ने भी मामले का पटाक्षेप होने के बाद राहत की सांस ली.

बाइट- अनिल कुमार  RPF रेलवे थाना प्रभारी


Conclusion:बच्चा चोरी की अफवाहों के बीच अब लोग इतने दहशत में हैं कि बच्चे के पिता को ही चोर समझकर उसके साथ मारपीट कर रहे हैं. ऐसे हालात में लोगों के भय को समझा जा सकता है, कि किस तरह से तथाकथित लोग सोशल मीडिया का उपयोग कर लोगों में भय का माहौल बना रहे हैं. यह गनीमत रही कि जिस व्यक्ति को ट्रेन पर सवार यात्री बच्चा चोर समझ रहे थे वह व्यक्ति दमोह का रहने वाला था, और वह दमोह में भी आकर उतरा. यदि किसी और स्टेशन पर यह घटना बच्चे के पिता और बच्चे के साथ घटी होती तो कुछ भी हो सकता था, क्योंकि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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