दमोह। मध्यप्रदेश में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह इस तरह फैली हुई है कि लोग जरा भी संदेह की स्थिति में किसी को भी बच्चा चोर समझ बैठते हैं. जहां भीड़ लोगों से मारपीट करने से भी नहीं चूकती. कुछ इसी तरह का मामला दमोह रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. दमोह स्टेशन पर रुकी हीराकुंड एक्सप्रेस की एक बोगी के यात्रियों ने एक व्यक्ति के पास रोते हुए बच्चे को देख जबरन पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि पुलिस की जांच में पता चला कि वह व्यक्ति ही बच्चे का पिता था.
दरअसल, विशाखापट्टनम-पुरी हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री के साथ रो रहे बच्चे को देखकर लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ लिया. यात्रियों ने आरपीएफ को मामले की जानकारी दी. ट्रेन जैसे ही दमोह स्टेशन पर पहुंची, लोगों ने उस यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया. बाद में पता लगा कि वह उस बच्चे का पिता है. जिसे यात्री बच्चा चोर समझ रहे थे.
यात्रियों ने बताया कि बच्चा स्कूली ड्रेस में था. उनके पास कोई सामान भी नहीं था और वह रो रहा था. बच्चा बार-बार यही कह रहा था कि उसे मम्मी के पास जाना है. ऐसे में उसके पिता को यात्रियों ने बच्चा चोर समझा था. मामले की जांच के बाद आरपीएफ थाने पहुंचे नगर पालिका के कर्मचारी सुनील ठाकुर दमोह के बिलवारी मोहल्ला ने बताया कि जिसे आरोपी समझा जा रहा है वह उनका बड़ा भाई नरेंद्र सिंह है.
जो किसी काम से सुबह स्कूल गए और 6 साल के अपने बच्चे को स्कूल से ही यूनिफॉर्म में लेकर खुरई चले गए थे. वह मानसिक रूप से टेंशन में चल रहे हैं. जिससे उन्हें कुछ याद नहीं रहा.