दमोह। जबेरा से भाजपा के विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी के जन्मदिन कार्यक्रम के बाद ग्राम बनवार में हुई घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है. हालांकि पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है. भारी संख्या में पुलिस बल के बीच दोनों मृतकों के शव, परीक्षण के उपरांत उनके परिजनों को सौंप दिए हैं. पूरे मामले में सबसे अधिक सवाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही खड़े हो रहे हैं.
- राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों में चुक तो नहीं?
7 जनवरी को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जबेरा विधानसभा के ही ग्राम सिंग्रामपुर में आगमन हो रहा है. ऐसे में पिछले कई दिनों से बड़े स्तर पर प्रशासनिक तैयारियां चल रही हैं. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कई राउंड की बैठकें हो चुकी हैं. जिसमें विशेष रूप से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति तैयार की गई. क्षेत्र में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर डीजीपी सहित आईजी इंटेलिजेंस, आईजी लाइन ऑर्डर, आईजी पुलिस विभाग सहित तमाम आला अधिकारी अपने हाथों में कमान लिए हुए हैं. उन सबके बीच इस तरह का घटनाक्रम होना निश्चित रूप से पुलिस चूक को दर्शाता है. इस घटनाक्रम के बाद विधायक धर्मेंद्र लोधी न तो फोन ही उठा रहे हैं और न ही इस मामले पर अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं.
भाजपा विधायक की जन्मदिन पार्टी में चली गोलियां, दो की मौत
- सवाल जो अनुत्तरित हैं
इस पूरे मामले में तीन अहम बातें निकल कर सामने आई हैं. पहली बात यह है कि नोहटा थाना प्रभारी ने अपने बयान में कहा है कि मृतक अरविंद जैन हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और उसकी जिला बदर की फाइल जिलाधीश के पास लंबित है. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि एक हिस्ट्रीशीटर को विधायक प्रतिनिधि कैसे बना दिया गया? क्यों उसके बारे में पूरी पड़ताल करना जरूरी नहीं समझा गया? दूसरी बात यह है कि जिस बनवार ग्राम में यह घटना हुई वहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस की चौकी है. जब यह घटना हुई तो पुलिस ने तत्परता से घटनाक्रम को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया? पुलिस के रहते आरोपी फरार कैसे हो गए? इसके अलावा जो दूसरा महत्वपूर्ण प्रश्न है वह यह है कि कोरोना के मामले पूरे प्रदेश भर में तेजी से फिर से बढ़ने लगे हैं. ऐसे में हाल ही में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने कई जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने तथा विशेष रूप से एतिहात बरतने के निर्देश दिए हैं. इन सबके बाद भी आखिर जन्मदिन पर 100 से अधिक लोगों की भीड़ कैसे जमा हो गई ? जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया.
- क्या है मामला
बनवार में शराब खोरी के विवाद पर मोनू उर्फ जोगेंद्र परिहार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप उत्तेजित लोगों ने अरविंद जैन की पत्थर पटक कर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में मोनू की हत्या के आरोप में चार लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है. वहीं अरविंद की हत्या के मामले में भी 4 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है. मृतक्त अरविंद की हत्या के एक आरोपी कल्लू सिंह को पकड़ा जा चुका है जबकि दोनों पक्षों के शेष सात आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं.