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वंशवर्ती समाज के मजदूरों की गुहार, हमारी पुकार भी सुनो सरकार... - दमोह के मजदूर हो रहे परेशान

शादियों में इस्तेमाल होने वाली बांस की सामग्री बनाने वाले वंशवर्ती समाज के मजदूरों पर भी लॉकडाउन का गहरा असर हुआ है. इस बार शादियां न होने के चलते इनका सामान बिका नहीं, जिससे मजदूरों पर कर्ज बढ़ गया है. ऐसे में इन मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

DAMOH NEWS
पुकार सुनो सरकार...
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Published : May 6, 2020, 3:24 PM IST

दमोह। लॉकडाउन में अगर सबसे ज्यादा कोई परेशान हो रहा है तो वो हैं मजदूर, मजदूरों का एक ऐसा ही वर्ग है वंशवर्ती समाज, जो शादी विवाह में उपयोग होने वाले बांस का सामान बनाता है. लेकिन लॉकडाउन में शादियां बंद हैं जिससे इन लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ है. इन मजदूरों का कहना है कि वे कर्ज में भी डूब गए हैं, क्योंकि इस बार उन्होंने जो सामान बनाया था, वह बिक नहीं रहा है. ऐसे में इस मजदूर वर्ग ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

वंशवर्ती समाज के मजदूरों को लॉकडाउन में हुआ नुकसान

बांस से निर्मित टोकनी, पंखा, सूपा, डलिया, चुलिया सहित कूलर में उपयोग होने वाली खस की जाली का निर्माण वंशवर्ती समाज के मजदूर करते हैं. विशेष रूप से शादी में बांस से बनी सामग्रियों का इस्तेमाल शुरु होता है. भारतीय संस्कृति के अनुसार इनके द्वारा निर्मित की गई सामग्री शुभ मुहूर्त में उपयोग की जाती है. लॉकडाउन के कारण जहां शादी भी प्रभावित हुई है. ऐसे हालात में इन लोगों का व्यवसाय भी चौपट हो गया. अक्षय तृतीया पर भी हजारों की संख्या में होने वाले विवाह इस बार टल गए. जिसका नुकसान इस इस मजदूर वर्ग को हुआ.

नहीं बिक रहा बांस का सामान
नहीं बिक रहा बांस का सामान

कर्ज का बढ़ गया बोझ

वंशवर्ती समाज के मजदूरों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर बांस खरीदा था. लेकिन इस बार शादियां बंद होने से उनका सामान बिका ही नहीं, जिससे कर्ज का बोझ बढ़ गया है. जो सामान बनाया था वो इस बार बिका ही नहीं और आगे भी इसके बिकने की संभावना नहीं है. क्योंकि जो शादियां हो रही है वह बेहद सादे समारोह में हो रही है. इसलिए हमारा सामान बिक नहीं रहा.

शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी
शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी

सरकार से लगाई मदद की गुहार

वंशवर्ती समाज के मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें इस बार बहुत नुकसान हुआ है. इसलिए अब सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. अगर लॉकडाउन इसी तरह बढ़ता रहा और उनका सामान नहीं बिका तो उनकी स्थितियां और गंभीर हो जाएगी.

शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी
शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी

दमोह। लॉकडाउन में अगर सबसे ज्यादा कोई परेशान हो रहा है तो वो हैं मजदूर, मजदूरों का एक ऐसा ही वर्ग है वंशवर्ती समाज, जो शादी विवाह में उपयोग होने वाले बांस का सामान बनाता है. लेकिन लॉकडाउन में शादियां बंद हैं जिससे इन लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ है. इन मजदूरों का कहना है कि वे कर्ज में भी डूब गए हैं, क्योंकि इस बार उन्होंने जो सामान बनाया था, वह बिक नहीं रहा है. ऐसे में इस मजदूर वर्ग ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

वंशवर्ती समाज के मजदूरों को लॉकडाउन में हुआ नुकसान

बांस से निर्मित टोकनी, पंखा, सूपा, डलिया, चुलिया सहित कूलर में उपयोग होने वाली खस की जाली का निर्माण वंशवर्ती समाज के मजदूर करते हैं. विशेष रूप से शादी में बांस से बनी सामग्रियों का इस्तेमाल शुरु होता है. भारतीय संस्कृति के अनुसार इनके द्वारा निर्मित की गई सामग्री शुभ मुहूर्त में उपयोग की जाती है. लॉकडाउन के कारण जहां शादी भी प्रभावित हुई है. ऐसे हालात में इन लोगों का व्यवसाय भी चौपट हो गया. अक्षय तृतीया पर भी हजारों की संख्या में होने वाले विवाह इस बार टल गए. जिसका नुकसान इस इस मजदूर वर्ग को हुआ.

नहीं बिक रहा बांस का सामान
नहीं बिक रहा बांस का सामान

कर्ज का बढ़ गया बोझ

वंशवर्ती समाज के मजदूरों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर बांस खरीदा था. लेकिन इस बार शादियां बंद होने से उनका सामान बिका ही नहीं, जिससे कर्ज का बोझ बढ़ गया है. जो सामान बनाया था वो इस बार बिका ही नहीं और आगे भी इसके बिकने की संभावना नहीं है. क्योंकि जो शादियां हो रही है वह बेहद सादे समारोह में हो रही है. इसलिए हमारा सामान बिक नहीं रहा.

शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी
शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी

सरकार से लगाई मदद की गुहार

वंशवर्ती समाज के मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें इस बार बहुत नुकसान हुआ है. इसलिए अब सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. अगर लॉकडाउन इसी तरह बढ़ता रहा और उनका सामान नहीं बिका तो उनकी स्थितियां और गंभीर हो जाएगी.

शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी
शादियां न होने से हो रही वंशवर्ती सामाज के मजदूरों को परेशानी
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