दमोह। जिले के बहुचर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में पथरिया विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह को आरोपी बनाया गया है. हटा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए सात दिनों के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिए है. एडीजे कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को गोविंद सिंह को गिरफ्तरा कर न्यायालय में पेश करने का भी आदेश दिया है. इस मामले में बसपा विधायक रामबाई सिंह का कहना है की उनके पति निर्दोष है और उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है.
पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह का कहना है कि हटा एडीजे कोर्ट ने मेरे पति का नाम देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में जोड़ा है यह उनका फैसला है. मैं फैसले का साम्मान करती हूं. लेकिन जो भी सबूत हमारे पास है हम उसे हाईकोर्ट में रखेंगे. उनका कहना कि एडीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाऊंगी और मुझे न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है, मुझे न्याया जरूर मिलेगा.
फरियादी के वकील ने दी जानकारी
इस मामले में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता मनीष नगाईच ने बताया कि देवेंद्र चौरसिया हत्यकांड में फरियादी महेश चौरसिया द्वारा प्राथमिकी में गोविंद सिंह को मुख्य आरोपी बताया था. गवाहों द्वारा गोविंद सिंह की हत्या करने में आरोपी होने की पुष्टि की थी. इसके बाबजूद हटा पुलिस द्वारा जो चालान न्यायालय में पेश किया. उसमें गोविंद सिंह के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य न होने का हवाला देकर एफआईआर से उनका नाम हटा दिया था. लेकिन न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी महेश चौरसिया द्वारा गोविंद सिंह को ही मुख्य आरोपी होने की गवाही दी थी. जिस के बाद अभियोजन की सहायता कर रहे फरियादी के अधिवक्ता गजेंद्र चौबे,मनीष नगाईच और अमिताभ चतुर्वेदी ने न्यायालय में देकर गोविंद सिंह को आरोपी बनाए जाने का आवेदन दिया था. अपर सत्र न्यायालय ने जवाब के लिए गोविंद सिंह को नोटिस जारी किया था. सुनवाई 8 जनवरी को नियत की थी. जिसपर फैसला देते हुए अपर सत्र न्यायालय ने गोविंद सिंह को हत्या के प्रकरण में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
क्या है पूरा मामला?
हटा के कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया, महेश चौरसिया और सोमेश चौरसिया पर 15 मार्च 2019 को डामर प्लांट ऑफिस के पास धारदार हथियारों और लोहे के सरिया से हमला किया गया था. हमले में घायल देवेन्द्र की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं सोमेश और महेश को गंभीर चोटें आईं. जिसके बाद शिकायत के आधार पर हटा थाने में गोविंद सिंह, चंदू सिंह, गोलू सिंह, लोकेश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. बता दें कि देवेन्द्र चौरसिया 12 मार्च 2019 को बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे.