दमोह। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय अल्प प्रवास पर दमोह जिले के हटा पहुंचे. उन्होंने कहा कि 1996 में उनकी सरकार ने पंचायतों को पूरे अधिकार दिए थे. शिक्षा कर्मियों व पंचायत कमिर्यों सहित कई पदों को भरने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत स्तर पर दी थी. लेकिन बीजेपी सरकार के आने के बाद ग्राम पंचायतों को पंगु बना दिया गया है. क्योंकि बीजेपी सरकार पूरी तरह से कमीशन के आधार पर चलती है. कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को अफसरों के हाथ में देने की वजह भी यही है. इस सरकार में कमीशनखोरी के लिए पूरा रैकेट चल रहा है.
इसलिए गिराई बीजेपी ने कमलनाथ सरकार : दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार जनहितैषी योजनाएं चला रही थी. इससे बीजेपी को डर था कि अगर ये सरकार पूरी 5 साल चल गई तो फिर बीजेपी को कभी सत्ता में आने को नहीं मिलेगा. इसलिए बीजेपी नेताओं ने धनबल के दम पर बिकाऊ विधायकों को खरीद लिया और कलमनाथ सरकार गिरा दी. उन्होंने कहा कि लेकिन खास बात यह है कि कोई आदिवासी विधायक नहीं बिका. केवल बिसाहूलाल को छोड़कर. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में बिजली 100 रुपये में 100 यूनिट कर दी गई. किसानों को कर्जा माफ किया लेकिन बीजेपी ने साजिश करके सरकार गिरा दी.
Also Read: ये खबरें भी पढ़ें...
|
किसी से डरने की जरूत नहीं : दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हुए कहा कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है. सब जानते हैं कि बीजेपी सत्ता के मद में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है. अब कुछ माह बाद ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. प्रेस वार्ता के दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री राजा पटेरिया एवं जिला कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष रतन चंद जैन मौजूद रहे. उन्होंने प्रेस वार्ता में प्रदेश सरकार पर युवाओं को लुभाने के लिए झूठी घोषणा करने का आरोप लगाए.