दमोह। कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. जी हां इसी आवश्यकता को देखते हुए बटियागढ़ के एक युवक ने स्वास्थ्य विभाग की परेशानियों को कम कर दिया है. दरअसल बटियागढ़ में संचालित कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर तो, थे लेकिन कुछ सिलेंडर में फ्लोमीटर (flow meter) नहीं थे. जिसके कारण उनका उपयोग नहीं हो पा रहा था. डॉक्टर चाहते हुए भी सीमित संसाधनों के कारण मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे. इस समस्या से निपटने के लिए कोविड सेंटर में ही वॉलिंटियर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे अंकित राजपूत ने महज 200 रुपए के खर्च में ऑक्सीजन फ्लोमीटर (Oxygen flow meter) तैयार कर दिया. इतना ही नहीं फ्लोमीटर बनाने के बाद उसकी टेस्टिंग भी की गई और उसे टेस्टिंग में शतप्रतिशत खरा पाया गया. बाजार में मिलने वाले फ्लोमीटर वर्तमान परिस्थिति में 5 से 6 हजार के मिल रहे है.
- जिसे जरूरत उसे बनाकर देंगे फ्लोमीटर
फ्लोमीटर बनाने वाले अंकित राजपूत कहते हैं, कि कई सिलेंडर भरे रखे हुए थे. लेकिन फ्लोमीटर के अभाव में वह अनुपयोगी साबित हो रहे थे. इस समस्या से सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर भी परेशान थे. तब उसने यूट्यूब पर कुछ वीडियो देखें और फ्लोमीटर बनाने का निर्णय लिया. बाजार से सामग्री जुटाई और इस काम में जुट गया. पहले एक दो बार जब फ्लोमीटर बनाया तो वह परफेक्ट नहीं बना. दो-तीन प्रयासों में ही उसे सफलता मिल गई. अब वही मीटर उपयोग में भी आ रहे हैं. अंकित आगे कहते हैं कि दमोह जो भी इसके लिए परेशान हैं. वह उन्हें बनाकर दे सकते हैं, ताकि किसी को बाजार से महंगे दामों में न खरीदना पड़े.
ग्वालियर के मोनू ने बनाया सस्ता और मजबूत ऑक्सी फ्लोमीटर
- बहुत कारगर है अंकित के बनाए फ्लोमीटर
डॉक्टर आरआर बागरी का कहना है कि यह फ्लोमीटर बहुत ही कारगर है. इसे एक साधारण सी प्लास्टिक की बोतल, 20 एमएल की सिरेंज, एक आईवी सेट के द्वारा आसानी से तैयार किया गया है. चूकि इसमें कंट्रोल वाल्व नहीं है, इसलिए मरीज को ऑक्सीजन लगाने के पहले उसका मास्क अलग करना पड़ेगा. उसे लगाने के बाद ही मास्क लगाएं तथा ऑक्सी फ्लोमीटर से उसका ऑक्सीजन सेक्युरेशन चेक किया जाए. जितनी मरीज को आवश्यकता है उस हिसाब से सिलेंडर के बॉल द्वारा ऑक्सीजन सेट कर दी जाती है. बटियागढ़ में करीब 37 सिलेंडर में लगाया गया है. इसके अलावा इसे बड़ा मलाहरा तथा अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी भेजा गया है.