ETV Bharat / state

कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके गहने गायब, अस्पताल प्रबंधन पर आरोप, परिजन ने एसपी से लगाई गुहार - दमोह जिला अस्पताल से गहने गायब

दमोह में कोरोना मृतका के परिजन ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर गहने न लौटाए जाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि महिला की मौत के बाद अस्पताल वालों ने सोने-चांदी के गहने रख लिए हैं, और बदले में गिलट के जेवर दिए जा रहे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

accusation on damoh district hospital
अस्पताल प्रबंधन पर गहने गायब करने के आरोप
author img

By

Published : Jun 19, 2021, 10:59 PM IST

दमोह। जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद अब अस्पताल प्रबंधन पर महिला के गहने न लौटाए जाने के आरोप लग रहे हैं. पूरे मामले को करीब डेढ़ महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक वह सुलझा नहीं है. लिहाजा पीड़ित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई है. एसपी के आदेश के बाद मामले की जांच और तेज कर दी गई है. मामले में पीड़ित परिजनों का कहना है कि अस्पताल से ही उनके पास गहने ले जाने के लिए फोन आया था, लेकिन जब वह गहने लेने गए तो उन्हें गहने नहीं मिले.

क्या है पूरा मामला ?

दमोह जिले के ग्राम आम चोपरा निवासी जय सिंह गौंड की पत्नी आशारानी को 23 अप्रैल को कोरोना होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन देर रात महिला की मौत हो गईथी. मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी गले में सोने की 20 मोतियों की माला, कानों में सोने के टॉप्स, नाक में सोने की नथ, चांदी की चूड़ियां और बिछिया सहित करीब 50 हजार का जेवर पहनकर अस्पताल गई थी. इस दौरान अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गई. मृतका का कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था. हालांकि बाद में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से गहने ले जाने के लिए परिजन को फोन किया गया था. लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें गहने नहीं दिए गए.

अस्पताल प्रबंधन पर गहने गायब करने के आरोप

मामले में क्यों फंसा है पेंच

दरअसल, सारा विवाद असली और नकली गहनों को लेकर है. अस्पताल प्रबंधन ने अपने पंचनामा में गहनों को गिलट का बताया है. जबकि परिजनों का कहना है कि गहने सोने और चांदी के थे. इसी बात को लेकर मामला अटका हुआ है. मृतका की बेटी संगीता का कहना है कि उसकी मां 23 अप्रैल को असली जेवर पहनकर गई थी. जिसकी कीमत करीब 50 से 60 हजार रुपए है, लेकिन अब अस्पताल वाले गहने नहीं दे रहे हैं. इसी बात को लेकर पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई है.

इंदौर के जिला अस्पताल में चूहों ने कुतरा शव: मॉर्चुरी में नहीं हैं सुरक्षा इंतजाम, पहले भी सामने आए कई मामले

महिला 23 अप्रैल को भर्ती हुई थी और उसी रात उसकी मौत हो गई थी. मृतका के जो जेवर हैं, वह अस्पताल के कर्मचारियों ने अपने समक्ष बरामद किया था. उसी संबंध में परिजनों ने एसपी महोदय को शिकायत दर्ज कराई है. मामले की जांच की जा रही है.

-गजराज सिंह, एएसआई

जब चाहें सामान ले जाएं

इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर ममता तिमोरी कहती हैं कि हमारे यहां एक रजिस्टर मेंटेन है, जिसमें एंट्री की जाती है. उस महिला के गहनों की भी उसी रजिस्टर में एंट्री है. नर्सों ने सारा सामान एक पैकेट बनाकर रख दिया था. वह लोग लेने भी आए थे, लेकिन अब आरोप लगा रहे हैं कि गहने सोने के हैं. इसी बात को लेकर वह लेने से इंकार कर रहे हैं. सिविल सर्जन ने आगे कहा कि परिजन जब चाहें अपना सामान ले जा सकते हैं.

दमोह। जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद अब अस्पताल प्रबंधन पर महिला के गहने न लौटाए जाने के आरोप लग रहे हैं. पूरे मामले को करीब डेढ़ महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक वह सुलझा नहीं है. लिहाजा पीड़ित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई है. एसपी के आदेश के बाद मामले की जांच और तेज कर दी गई है. मामले में पीड़ित परिजनों का कहना है कि अस्पताल से ही उनके पास गहने ले जाने के लिए फोन आया था, लेकिन जब वह गहने लेने गए तो उन्हें गहने नहीं मिले.

क्या है पूरा मामला ?

दमोह जिले के ग्राम आम चोपरा निवासी जय सिंह गौंड की पत्नी आशारानी को 23 अप्रैल को कोरोना होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन देर रात महिला की मौत हो गईथी. मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी गले में सोने की 20 मोतियों की माला, कानों में सोने के टॉप्स, नाक में सोने की नथ, चांदी की चूड़ियां और बिछिया सहित करीब 50 हजार का जेवर पहनकर अस्पताल गई थी. इस दौरान अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गई. मृतका का कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था. हालांकि बाद में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से गहने ले जाने के लिए परिजन को फोन किया गया था. लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें गहने नहीं दिए गए.

अस्पताल प्रबंधन पर गहने गायब करने के आरोप

मामले में क्यों फंसा है पेंच

दरअसल, सारा विवाद असली और नकली गहनों को लेकर है. अस्पताल प्रबंधन ने अपने पंचनामा में गहनों को गिलट का बताया है. जबकि परिजनों का कहना है कि गहने सोने और चांदी के थे. इसी बात को लेकर मामला अटका हुआ है. मृतका की बेटी संगीता का कहना है कि उसकी मां 23 अप्रैल को असली जेवर पहनकर गई थी. जिसकी कीमत करीब 50 से 60 हजार रुपए है, लेकिन अब अस्पताल वाले गहने नहीं दे रहे हैं. इसी बात को लेकर पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई है.

इंदौर के जिला अस्पताल में चूहों ने कुतरा शव: मॉर्चुरी में नहीं हैं सुरक्षा इंतजाम, पहले भी सामने आए कई मामले

महिला 23 अप्रैल को भर्ती हुई थी और उसी रात उसकी मौत हो गई थी. मृतका के जो जेवर हैं, वह अस्पताल के कर्मचारियों ने अपने समक्ष बरामद किया था. उसी संबंध में परिजनों ने एसपी महोदय को शिकायत दर्ज कराई है. मामले की जांच की जा रही है.

-गजराज सिंह, एएसआई

जब चाहें सामान ले जाएं

इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर ममता तिमोरी कहती हैं कि हमारे यहां एक रजिस्टर मेंटेन है, जिसमें एंट्री की जाती है. उस महिला के गहनों की भी उसी रजिस्टर में एंट्री है. नर्सों ने सारा सामान एक पैकेट बनाकर रख दिया था. वह लोग लेने भी आए थे, लेकिन अब आरोप लगा रहे हैं कि गहने सोने के हैं. इसी बात को लेकर वह लेने से इंकार कर रहे हैं. सिविल सर्जन ने आगे कहा कि परिजन जब चाहें अपना सामान ले जा सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.