दमोह। आजीविका मिशन दमोह के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार ने जिले में बन रहे मास्क और सेनेटाइजर की तस्वीरें ट्विटर हैंडल पर शेयर की हैं. कोराना वायरस से बचाव के लिए देश में अपने-अपने स्तर पर प्रयास चल रहे हैं.वहीं दमोह जिला प्रशासन ने आवश्यक प्रबंधन में सारी शक्ति झोंक दी है. प्रयासों की इसी कड़ी में आजीविका मिशन के माध्यम से काटन बेस्ड वॉशेबल थ्री प्लाई मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई किट जैसी सहायक सामग्रियों का निर्माण किया जा रहा है.
आजीविका मिशन से जिले में 14 केन्द्रों के माध्यम से 156 समूह सदस्य मास्क बनाने का काम कर रहीं हैं और अब तक 50 हजार से अधिक मास्क तैयार कर विभिन्न विभागों एवं समुदाय को उपलब्ध करा चुकी हैं. जिले में स्थित सामुदायिक केन्द्र में सेनेटाइजर एवं पीपीई किट, सेनिटाइजर तैयार करने के लिए अस्थाई कार्यशाला भी स्थापित की गई है. जहां अब तक 3000 लीटर सेनिटाइजर विभागों को उपलब्ध कराया जा चुका है. 300 पीपीई किट का निर्माण प्रगति पर हैं.
हर विकास खंड़ में हो रहा निर्माण
जिले में प्रत्येक विकासखंड में मास्क निर्माण का कार्य किया जा रहा है. दमोह के आम चोपरा, तिदौनी, बटियागढ़ में बकायन एवं फुटेरा कला, जबेरा में सिंगपुर, नोहटा एवं बनवार, पथरिया में सूखा एवं पथरिया, पटेरा में कुम्हारी एवं हटा गैसावाद, रनेह और हिनौता मैं तेन्दूखेड़ा में मोहरा, हिनौती, समनापुर और धनगौर आदि केन्द्रों में लगभग 156 समूह मास्क बनाने का कार्य कर रहीं हैं. मास्क की सप्लाई निर्माण केंद्रों द्वारा विभिन्न विभागों के लिए एवं पंचायतों के लिए सीधे ही की जा रही है.
राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
आजीविका मिशन दमोह के द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए उपकरण राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना चुके हैं. जहां इन उपकरणों ने दमोह सहित आसपास के जिलों में लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति की है. वहीं भारत सरकार ने भी समूह द्वारा निर्मित किए गए जरूरी उपकरणों की तारीफ टि्वटर पर फोटो शेयर कर की है. कलेक्टर ने भी आजीविका मिशन के इस प्रयास की सराहना की है.