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गुलाब की खेती कर युवा ने बेरोजगारी को दी मात

जब देश में बेरोजगारी का आलम हो ऐसे में छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में रहने वाले धीरज घाघरे ने युवाओं को तकनीकी खेती कर उम्मीद की नई किरण दी है. धीरज ने बेरोजगारी को मात देकर आज लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं.

Rose cultivation
गुलाब की खेती
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Published : Jan 3, 2021, 3:00 PM IST

Updated : Jan 3, 2021, 4:25 PM IST

छिंदवाड़ा। कहते है मन में अगर जज्बा और हौसला हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. इस लाइन को चरितार्थ किया है छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में रहने वाले धीरज घाघरे ने. जहां एक ओर युवा वर्ग उच्च शिक्षा लेने के बावजूद बेरोजगार हैं तो वहीं दसूरी तरफ एमबीए पास आउट छात्र ने गुलाब की खेती कर बेरोजगारी को मात दी है.

लॉकडाउन में हो गया था 8 लाख का नुकसान

धीरज घाघरे ने गुलाब की खेती में एक नया मुकाम हासिल किया है लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष भरे दौर से गुजरना पड़ा. लॉकडाउन में फूलो की सप्लाई नहीं होने से आठ लाख रुपये का नुकसान हो गया. पर इन सबके बावजूद धीरज ने हिम्मत नहीं हारी.

युवा ने की गुलाब की खेती

लोन लेकर शुरू की थी खेती

धीरज बताते हैं कि एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद जब गुलाब की खेती का खयाल आया था. उनके पास इस खेती में लगाने के लिए पूंजी नहीं थी. जिसके चलते धीरज ने मध्यप्रदेश राज्य उद्यानिकी मिशन योजना के तहत 40 लाख रुपये का लोन लेकर पॉली हाउस में गुलाब की खेती शुरू की. इस खेती में खुद के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार दिया जा रहा हैं. यह सभी मजदूर गुलाब की खेती की देखरेख करते हैं.



नई दिल्ली- नागपुर तक होती हैं फूलों कि सप्लाई

गुलाब की तकनीकी खेती करने वाले धीरज हजारे बताते हैं कि इन फूलों की डिमांड नई दिल्ली और नागपुर जैसे बड़े शहरों तक हैं. जहां इन फूलों की सप्लाई की जा रही हैं. धीरज खुद भी इन फूलों की पैंकिग कर उसे अन्य शहरों में सप्लाई करते हैं.

छिंदवाड़ा। कहते है मन में अगर जज्बा और हौसला हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. इस लाइन को चरितार्थ किया है छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में रहने वाले धीरज घाघरे ने. जहां एक ओर युवा वर्ग उच्च शिक्षा लेने के बावजूद बेरोजगार हैं तो वहीं दसूरी तरफ एमबीए पास आउट छात्र ने गुलाब की खेती कर बेरोजगारी को मात दी है.

लॉकडाउन में हो गया था 8 लाख का नुकसान

धीरज घाघरे ने गुलाब की खेती में एक नया मुकाम हासिल किया है लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष भरे दौर से गुजरना पड़ा. लॉकडाउन में फूलो की सप्लाई नहीं होने से आठ लाख रुपये का नुकसान हो गया. पर इन सबके बावजूद धीरज ने हिम्मत नहीं हारी.

युवा ने की गुलाब की खेती

लोन लेकर शुरू की थी खेती

धीरज बताते हैं कि एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद जब गुलाब की खेती का खयाल आया था. उनके पास इस खेती में लगाने के लिए पूंजी नहीं थी. जिसके चलते धीरज ने मध्यप्रदेश राज्य उद्यानिकी मिशन योजना के तहत 40 लाख रुपये का लोन लेकर पॉली हाउस में गुलाब की खेती शुरू की. इस खेती में खुद के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार दिया जा रहा हैं. यह सभी मजदूर गुलाब की खेती की देखरेख करते हैं.



नई दिल्ली- नागपुर तक होती हैं फूलों कि सप्लाई

गुलाब की तकनीकी खेती करने वाले धीरज हजारे बताते हैं कि इन फूलों की डिमांड नई दिल्ली और नागपुर जैसे बड़े शहरों तक हैं. जहां इन फूलों की सप्लाई की जा रही हैं. धीरज खुद भी इन फूलों की पैंकिग कर उसे अन्य शहरों में सप्लाई करते हैं.

Last Updated : Jan 3, 2021, 4:25 PM IST
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