छिंदवाड़ा। कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद अगर आप सोच रहे हैं कि अब आप कोरोना महामारी से सुरक्षित हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि दूसरे डोज लगने के 15 दिन बाद शरीर में एंटीबॉडी विकसित होते हैं. छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के डीन ने दी जानकारी.
- डोज के 15 दिनों बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डीन डॉक्टर गिरीश रामटेके ने बताया कि कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन तो जरूर आ गई है, लेकिन दो डोज लगने के बाद किसी को भी यह भूल नहीं करना चाहिए कि वह अब सुरक्षित हैं. क्योंकि दूसरे डोज लगने के 15 दिनों के बाद शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित शुरू होती है. इसलिए वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को सारी सावधानी गाइडलाइन के अनुसार ही पालन करना होगा.
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- 6 महीने के बाद पड़ेगी बूस्टर डोज की जरूरत
मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि किसी भी वैक्सीन लगाने के बाद ऐसा नहीं है कि शरीर पूरी तरह सुरक्षित हो जाता है. बीच-बीच में वैक्सीन को क्षमता बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज दिए जाते हैं. इसलिए कोविड वैक्सीन में भी 6 महीने के बाद बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है.
- प्रदेश में दूसरा डोज लगने की हो चुकी है शुरुआत
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज मध्यप्रदेश में लगना शुरू हो गया है. जिसके चलते छिंदवाड़ा में भी 15 सेंटरों में फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरा डोज लगाया जा रहा है.