छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के लोना पठार गांव में शौचालय बनकर तैयार तो हो गए हैं, लेकिन शौचालयों का ग्रामीण उपयोग करने से परहेज कर रहे हैं क्योंकि शौचालय में न तो पानी की पाइन ठीक तरह से काम कर रही है और न ही उसके दरवाजे ठीक से बंद होते हैं.
प्रदेश सरकार एक ओर मध्यप्रदेश को ओडीएफ घोषित करने की तैयार कर रही है, लेकिन छिंदवाड़ा जिले में सरकार की मदद से बने शौचालय कुछ और ही तस्वीर बयां कर रही है. यहां बने शौचालय विकास मॉडल की हकीकत बताने के लिए काफी हैं कि शौचालय में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है. लोना पठार गांव में रहने वाले ग्रामीण ने बताया कि एक से डेढ़ साल होने जा रहा है, लेकिन शौचालय ठीक तरीके से बने नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि मुझे कुछ भी बोलने की जरुरत नहीं है. शौचालय देखकर कोई भी ये अंदाजा लगा सकता है कि शौचालय सिर्फ दिखावे के लिए ही बने हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में 100 से 150 परिवार रहते हैं, लेकिन 20 से 30 ही शौचालय उपयोग किए जा रहे हैं. बाकी के लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं. प्रशासन की तरफ से आज तक कोई भी अधिकारी या निरीक्षक गांव में बने शौचालय को देखने तक नहीं आया है.