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आंध्र प्रदेश में निम्न दबाव की वजह से भारी बारिश, बाढ़ का खतरा

Heavy rainfall in andhra pradesh, बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनने से आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हो रही है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

heavy rain
भारी बारिश (प्रतीकात्मक फोटो-PTI)

रायलसीमा (आंध्र प्रदेश): बंगाल की खाड़ी में बन रहे गंभीर निम्न दबाव के कारण आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट और रायलसीमा जिलों में भारी बारिश हो रही है. यह दबाव क्षेत्र तीव्र होकर तूफानी रूप ले रहा है. साथ ही यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार इसके गुरुवार को पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच पहुंचने का अनुमान है. इस वजह से श्रीपोट्टीश्रीरामुलु, नेल्लोर, प्रकाशम, वाईएसआर और चित्तूर सहित प्रभावित जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है. वहीं गुरुवार को पूरे राज्य में बारिश जारी रहने की उम्मीद है, साथ ही हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

वहीं अमरावती मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक स्टेला ने चेतावनी दी है कि बारिश के साथ तेज़ हवाएं भी चलेंगी. पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि श्रीपोट्टीश्रीरामुलु, नेल्लोर, प्रकाशम, वाईएसआर, अन्नामय्या, तिरुपति और चित्तूर जिलों में सबसे भारी बारिश हो सकती है. वहीं अनंतपुर, श्री सत्य साईं, बापटला, गुंटूर, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, डॉ. बीपी अंबेडकर कोनसीमा और काकीनाडा सहित अन्य क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.

भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून, जिसकी वजह से पूरे देश में व्यापक वर्षा हुई है, मंगलवार को आधिकारिक रूप से विदा हो . वर्तमान में दक्षिण भारत में पूर्व और उत्तर-पूर्व से हवाएं बह रही हैं, जो मानसून के मौसम के आगमन का संकेत है. अमूमन ऐसा मौसम आमतौर पर दिसंबर तक रहता है. इस वर्ष, दक्षिण-पश्चिम मानसून से आंध्र प्रदेश में औसतन 757 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 10.5 प्रतिशत अधिक थी.

ये भी पढ़ें - आंध्र प्रदेश में तीन दिनों तक भारी बारिश, तूफान की संभवाना, कई जिलों में रेड अलर्ट

रायलसीमा (आंध्र प्रदेश): बंगाल की खाड़ी में बन रहे गंभीर निम्न दबाव के कारण आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट और रायलसीमा जिलों में भारी बारिश हो रही है. यह दबाव क्षेत्र तीव्र होकर तूफानी रूप ले रहा है. साथ ही यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार इसके गुरुवार को पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच पहुंचने का अनुमान है. इस वजह से श्रीपोट्टीश्रीरामुलु, नेल्लोर, प्रकाशम, वाईएसआर और चित्तूर सहित प्रभावित जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है. वहीं गुरुवार को पूरे राज्य में बारिश जारी रहने की उम्मीद है, साथ ही हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

वहीं अमरावती मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक स्टेला ने चेतावनी दी है कि बारिश के साथ तेज़ हवाएं भी चलेंगी. पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि श्रीपोट्टीश्रीरामुलु, नेल्लोर, प्रकाशम, वाईएसआर, अन्नामय्या, तिरुपति और चित्तूर जिलों में सबसे भारी बारिश हो सकती है. वहीं अनंतपुर, श्री सत्य साईं, बापटला, गुंटूर, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, डॉ. बीपी अंबेडकर कोनसीमा और काकीनाडा सहित अन्य क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.

भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून, जिसकी वजह से पूरे देश में व्यापक वर्षा हुई है, मंगलवार को आधिकारिक रूप से विदा हो . वर्तमान में दक्षिण भारत में पूर्व और उत्तर-पूर्व से हवाएं बह रही हैं, जो मानसून के मौसम के आगमन का संकेत है. अमूमन ऐसा मौसम आमतौर पर दिसंबर तक रहता है. इस वर्ष, दक्षिण-पश्चिम मानसून से आंध्र प्रदेश में औसतन 757 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 10.5 प्रतिशत अधिक थी.

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