छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा जिला विकास के लिए एक मॉडल के तौर पर पहचाना जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा की हकीकत बताती एक तस्वीर सामने आई है, जहां पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विधानसभा क्षेत्र में सड़क नहीं होने से बीमारों को खाट के सहारे अस्पताल लेकर जाना पड़ता है.
जिस छिंदवाड़ा विकास मॉडल के नाम पर प्रदेश में सरकार बनी थी और उसी के नाम पर चली भी गई, उसकी तस्वीर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मॉडल की जमीनी हकीकत क्या है. सोचने को मजबूर करने वाली ये तस्वीर छिंदवाड़ा शहर से करीब 25 किमी दूर बदनूर गांव के मोयनाला टोला की है. गांव में करीब दो किमी सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
बारिश के मौसम में हालत ये रहते हैं कि अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे सिर्फ खाट के सहारे ही अस्पताल ले जाना पड़ता है. इस सड़क पर एंबुलेंस तो दूर पैदल चलना भी होता है. महज दो किमी दूर का सफर इन ग्रामीणों के लिए किसी संकट से कम नहीं होता है.
सरपंच से लेकर प्रधानमंत्री तक लगाई गुहार
ग्रामीणों ने सरपंच और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की है, लेकिन आज तक हालत नहीं बदले. पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ का गांव भी इसी विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है.