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कोयला कंपनियों के निजीकरण का संयुक्त मोर्चा यूनियन ने किया विरोध, दी हड़ताल की चेतावनी - Labor union united front

छिंदवाड़ा में संयुक्त मोर्चा यूनियन ने केंद्र सरकार के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कंपनी के निजीकरण का विरोध किया है, साथ ही हड़ताल की चेतावनी दी है.

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Published : Jun 17, 2020, 2:56 PM IST

छिंदवाड़ा। संयुक्त मोर्चा यूनियन ने केंद्र सरकार के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कंपनी के निजीकरण करने के फैसले का विरोध किया है, साथ ही हड़ताल की चेतावनी दी है. यूनियन का कहना है कि, श्रम मंत्रालय ने 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम करने की नीति बनाई गई है, इसी के चलते कोयले की कुछ कम्पनियों को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है, जो कि मजदूरों का शोषण करेंगी, इस नीति को देखते हुए मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि, इस हड़ताल से अरबों का नुकसान होगा, इसकी जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की होगी.

बता दें, कुछ कोल माइंस का भारत सरकार निजीकरण करने जा रही है, मजदूरों को 8 घंटे की जगह 12 घंटे कार्य करने का नियम लाया जा रहा है. इस पर मजदूर यूनियन ने मिलकर विरोध जताया है और केंद्र सरकार को हड़ताल करने की चेतावनी दी है.

मजदूर यूनियन के लोगों का कहना है कि, कुछ कंपनियों को प्राइवेट हाथों में देते हुए मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. सरकार की इस नीति को देखते हुए मजदूर यूनियन ने हड़ताल करने का फैसला लिया है, साथ ही सरकार को चेतावनी दी है की, इसकी वजह से जो भी नुकसान होगा, उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी.

छिंदवाड़ा। संयुक्त मोर्चा यूनियन ने केंद्र सरकार के वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कंपनी के निजीकरण करने के फैसले का विरोध किया है, साथ ही हड़ताल की चेतावनी दी है. यूनियन का कहना है कि, श्रम मंत्रालय ने 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम करने की नीति बनाई गई है, इसी के चलते कोयले की कुछ कम्पनियों को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है, जो कि मजदूरों का शोषण करेंगी, इस नीति को देखते हुए मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि, इस हड़ताल से अरबों का नुकसान होगा, इसकी जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की होगी.

बता दें, कुछ कोल माइंस का भारत सरकार निजीकरण करने जा रही है, मजदूरों को 8 घंटे की जगह 12 घंटे कार्य करने का नियम लाया जा रहा है. इस पर मजदूर यूनियन ने मिलकर विरोध जताया है और केंद्र सरकार को हड़ताल करने की चेतावनी दी है.

मजदूर यूनियन के लोगों का कहना है कि, कुछ कंपनियों को प्राइवेट हाथों में देते हुए मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. सरकार की इस नीति को देखते हुए मजदूर यूनियन ने हड़ताल करने का फैसला लिया है, साथ ही सरकार को चेतावनी दी है की, इसकी वजह से जो भी नुकसान होगा, उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी.

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