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छिंदवाड़ा की सुलोचना ने बनाई अनोखी मशीन, अब जापान में भी करेंगी देश का नाम रोशन

स्वच्छता मुहिम के तहत 8वीं कक्षा की एक छात्रा ने पूरी तरह से ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनर मशीन का बनाई है.

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Published : Feb 19, 2019, 1:56 PM IST

छिंदवाड़ा की सुलोचना काकोड़िया

छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक आदिवासी छात्रा ने पूरी तरह से ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनर मशीन बनाई है. इसे इंस्पायर अवॉर्ड के तहत देश में पहला स्थान भी मिला है. अब छात्रा सुलोचना काकोड़िया अपने मॉडल को लेकर जापान जाने की तैयारी में है.

बता दें कि इस मशीन की सहायता से बिना हाथ लगाए टॉयलेट, फर्श और दीवार जैसी चीजों को कम पानी में आसानी से साफ किया जा सकता है. आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुलोचना काकोड़िया का कहना है कि अधिकतर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट सफाई को घृणा की नजर से देखते हैं, लेकिन वहीं से सबसे ज्यादा गंदगी और बीमारी पैदा होती है. यही देखते हुए सुलोचना के मन में विचार आया कि कोई ऐसा यंत्र बनाया जाए, जो कम पानी में अच्छी सफाई करे, क्योंकि गांव में पानी की समस्या भी होती है. प्रधानमंत्री को अनोखा तोहफा देने वाली बेटी अपने स्कूल की बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री भी है.

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छिंदवाड़ा की सुलोचना काकोड़िया
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देश में पाया पहला स्थान
इन दिनों सुलोचना अपने अनोखे मॉडल को लेकर काफी चर्चा में है. बता दें कि इंस्पायर अवार्ड के तहत दिल्ली में कई प्रदेशों के मॉडल शामिल हुए थे, जिसमें सुलोचना के इस मॉडल को देश में पहला स्थान हासिल हुआ है.

बता दें कि सुलोचना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था और मां मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती है. सुलोचना सरकारी छात्रावास में रहकर देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. जिसके चलते उसने प्रधानमंत्री की मुहिम में हिस्सा लेते हुए इस मशीन का निर्माण किया है. अब सुलोचना चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मॉडल को पेटेंट करा कर देश में इसका उपयोग कराएं, जिससे उसकी मेहनत साकार हो.

छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक आदिवासी छात्रा ने पूरी तरह से ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनर मशीन बनाई है. इसे इंस्पायर अवॉर्ड के तहत देश में पहला स्थान भी मिला है. अब छात्रा सुलोचना काकोड़िया अपने मॉडल को लेकर जापान जाने की तैयारी में है.

बता दें कि इस मशीन की सहायता से बिना हाथ लगाए टॉयलेट, फर्श और दीवार जैसी चीजों को कम पानी में आसानी से साफ किया जा सकता है. आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुलोचना काकोड़िया का कहना है कि अधिकतर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट सफाई को घृणा की नजर से देखते हैं, लेकिन वहीं से सबसे ज्यादा गंदगी और बीमारी पैदा होती है. यही देखते हुए सुलोचना के मन में विचार आया कि कोई ऐसा यंत्र बनाया जाए, जो कम पानी में अच्छी सफाई करे, क्योंकि गांव में पानी की समस्या भी होती है. प्रधानमंत्री को अनोखा तोहफा देने वाली बेटी अपने स्कूल की बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री भी है.

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छिंदवाड़ा की सुलोचना काकोड़िया
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देश में पाया पहला स्थान
इन दिनों सुलोचना अपने अनोखे मॉडल को लेकर काफी चर्चा में है. बता दें कि इंस्पायर अवार्ड के तहत दिल्ली में कई प्रदेशों के मॉडल शामिल हुए थे, जिसमें सुलोचना के इस मॉडल को देश में पहला स्थान हासिल हुआ है.

बता दें कि सुलोचना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था और मां मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती है. सुलोचना सरकारी छात्रावास में रहकर देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. जिसके चलते उसने प्रधानमंत्री की मुहिम में हिस्सा लेते हुए इस मशीन का निर्माण किया है. अब सुलोचना चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मॉडल को पेटेंट करा कर देश में इसका उपयोग कराएं, जिससे उसकी मेहनत साकार हो.

Intro:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए एक आदिवासी छात्रावास के बाल कैबिनेट की प्रधानमंत्री ने फुली ऑटोमेटिक टॉयलेट क्लीन मशीन बनाया है जिससे इंस्पायर अवॉर्ड के तहत पूरे देश में पहला स्थान भी प्राप्त हुआ है अब वक अपने मॉडल को लेकर जापान जाने की तैयारी में है।


Body:छिंदवाड़ा के आदिवासी इलाका बिछुआ के सांभररबोह गांव के सरकारी छात्रावास में रह कर कढ़ाई करने वाली आठवीं की छात्रा सुलोचना का ककोड़िया ने स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए फुली ऑटोमेटिक टॉयलेट क्लीन मशीन का निर्माण किया है इस मशीन की सहायता से बिना हाथ लगाए टॉयलेट और फर्श और दीवार जैसी चीजों को कम पानी में आसानी से साफ किया जा सकता है।

बाल कैबिनेट की प्रधानमंत्री है सुलोचना।

आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुलोचना का कहना है कि अधिकतर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट सफाई को घृणा से देखते हैं लेकिन वहीं से सबसे ज्यादा गंदगी और बीमारी पैदा होती है उसी के देखते हुए उनके मन में विचार आया कि कोई ऐसा यंत्र बनाया है जो कम पानी में अच्छी सफाई करें क्योंकि गांव में पानी की समस्या भी होती है प्रधानमंत्री को अनोखा तोहफा देने वाली बेटी अपने स्कूल की बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री भी है।

देश में पाया पहला स्थान।
सुलोचना का काकोड़िया अपनी मॉडल को लेकर काफी चर्चित है इंस्पायर अवार्ड के तहत दिल्ली दिल्ली में कई प्रदेशों के मॉडल शामिल हुए थे जिसमें सुलोचना के इस मॉडल को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।


Conclusion:सुलोचना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था और माँ मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती है सुलोचना सरकारी छात्रावास में रह कर देश के लिए कुछ करने का जज्बा तो रखती है जिसके चलते उसने प्रधानमंत्री की मुहिम में हिस्सा लेते हुए इस मशीन का निर्माण किया है अब सुलोचना चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मॉडल को पेटेंट करा कर देश में इसका उपयोग कराएं जिससे उसकी मेहनत साकार हो।
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