छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक आदिवासी छात्रा ने पूरी तरह से ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनर मशीन बनाई है. इसे इंस्पायर अवॉर्ड के तहत देश में पहला स्थान भी मिला है. अब छात्रा सुलोचना काकोड़िया अपने मॉडल को लेकर जापान जाने की तैयारी में है.
बता दें कि इस मशीन की सहायता से बिना हाथ लगाए टॉयलेट, फर्श और दीवार जैसी चीजों को कम पानी में आसानी से साफ किया जा सकता है. आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुलोचना काकोड़िया का कहना है कि अधिकतर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट सफाई को घृणा की नजर से देखते हैं, लेकिन वहीं से सबसे ज्यादा गंदगी और बीमारी पैदा होती है. यही देखते हुए सुलोचना के मन में विचार आया कि कोई ऐसा यंत्र बनाया जाए, जो कम पानी में अच्छी सफाई करे, क्योंकि गांव में पानी की समस्या भी होती है. प्रधानमंत्री को अनोखा तोहफा देने वाली बेटी अपने स्कूल की बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री भी है.
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देश में पाया पहला स्थान
इन दिनों सुलोचना अपने अनोखे मॉडल को लेकर काफी चर्चा में है. बता दें कि इंस्पायर अवार्ड के तहत दिल्ली में कई प्रदेशों के मॉडल शामिल हुए थे, जिसमें सुलोचना के इस मॉडल को देश में पहला स्थान हासिल हुआ है.
बता दें कि सुलोचना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था और मां मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती है. सुलोचना सरकारी छात्रावास में रहकर देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. जिसके चलते उसने प्रधानमंत्री की मुहिम में हिस्सा लेते हुए इस मशीन का निर्माण किया है. अब सुलोचना चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मॉडल को पेटेंट करा कर देश में इसका उपयोग कराएं, जिससे उसकी मेहनत साकार हो.