छिंदवाड़ा। जिले के बिछुआ के एक गांव में महुआ बीनने गए ग्रामीण पर एक बाघ ने हमला कर दिया. ग्रामीण ने हिम्मत दिखाते हुए बाघ के मुंह में पत्थर ठूंस दिया. इसके बाद बाघ को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. मामला बिछुआ के बोरिया के जंगल का है. रोज की भांति पति-पत्नी महुआ बीनने जंगल गए हुए थे. घायल सुनील घोतरे बताया कि वह बिछुआ खमारपानी से लगे बोरिया गांव के पास रहता है. बिछुआ से तकरीबन 25 किमी दूर जंगल में वह पत्नी के साथ महुआ बीनने गया था.
नाले के पास छिपा था बाघ : ग्रामीण ने बताया कि इसी दौरान उसे मुझे प्यास लगी. वह पास के ही नाले में पानी पीने चला गया. यहीं आसपास लकड़ी पड़ी हुई थी, जिसे मैं बीन रहा था. इसी दौरान अचानक बाघ ने हमला कर दिया. पहले उसने मेरे गाल और गर्दन में पंजा मारा, जिससे मैं गिर गया. वह कुछ समझ पाता इससे पहले ही बाघ ने हमला कर दिया. ग्रामीण ने बताया कि इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और एक पत्थर लेकर उसने बाघ के मुंह में भर दिया. आसपास खड़े लोग हल्ला करने लगे, जिसके बाद बाघ भाग गया.
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वनरक्षक ने अस्पताल में भर्ती कराया : ग्रामीण ने बताया कि इस पूरे संघर्ष में मेरे हाथ में बाघों के दांतों के निशान हो गए. वनरक्षक सुरेन्द्र सिंह जाटव ने घायल सुनील घोतरे को जिला चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया है. वनरक्षक ने बताया कि हमारी प्राथमिकता घायल के इलाज की थी, जिसे जिला चिकित्सालय लेकर आए हैं. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचेंगे. वन्यप्राणी बाघ है या फिर कुछ और अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, जांच के बाद ही पता चल सकेगा. हालांकि DFO एलके वासनिक का कहना है कि घायल को जो निशान दिख रहे हैं, उससे बाघ का हमला लग रहा है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी में पानी की तलाश में जानवरों का मूवमेंट रहता है.