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छिंदवाड़ा: गेहूं क्रय केद्रों पर अव्यवस्था का आलम, न सैनिटाइजर है, न ही पेयजल की व्यवस्था

प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बीच सरकारी क्रय केंद्रों पर अव्यवस्था का आलम है, छिंदवाड़ा में किसानों को इन क्रय केंद्रों पर न तो सैनिटाइजर मिल रहा है और ना ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था ही की गई है.

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Published : Apr 18, 2020, 1:08 PM IST

There is no sanitizer at the wheat procurement center in Chhindwara
गेहूं खरीदी केंद्र पर नहीं है सेनीटाइजर ना ही पानी


छिंदवाड़ा। जिले में 105 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें जिले भर के 39 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है, प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बीच सरकारी क्रय केंद्रों पर अव्यवस्था का आलम साफ नजर आ रहा है, किसानों को इन केद्रों पर न तो सैनिटाइजर मिल रहा है और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं, एक किसान ने बताया कि, उन्होंने अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन जब वो मौके पर पहुंचे तो कोरोना वायरस से बचाव के कोई इंतजाम नजर नहीं आए. किसानों को पीने के पानी के लिए भी भटकना पड़ रह है. खरीदी केंद्रों पर काम करने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया गया है.

क्रय केद्रों पर अव्यवस्था का आलम

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार पवार और बदनूर समिति का कहना है कि, यहां पर प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई, लेकिन वो लोग सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. लेकिन हम्माल किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने नजर नहीं आए. साथ ही खरीदी केंद्र पर इसका पालन करवाने के लिए किसी तरह के निशान ही बनाए गए हैं.

there-is-no-sanitizer-at-the-wheat-procurement-center-in-chhindwara
किसानों का आरोप गेहूं खरीदी केंद्र पर नहीं है सेनीटाइजर ना ही पानी

यह गोदाम लगभग 3 सालों से गेहूं खरीदी केंद्र बनाया जाता रहा है, इसकी क्षमता एक लाख बोरे तक की है, उन्होंने बताया कि सैनिटाइजर की एक बोतल यहां आने वाले लोगों के लिए रखी गई है, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें कोई ने सैनिटाइजर नहीं दिया गया.



छिंदवाड़ा। जिले में 105 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें जिले भर के 39 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है, प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बीच सरकारी क्रय केंद्रों पर अव्यवस्था का आलम साफ नजर आ रहा है, किसानों को इन केद्रों पर न तो सैनिटाइजर मिल रहा है और न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं, एक किसान ने बताया कि, उन्होंने अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन जब वो मौके पर पहुंचे तो कोरोना वायरस से बचाव के कोई इंतजाम नजर नहीं आए. किसानों को पीने के पानी के लिए भी भटकना पड़ रह है. खरीदी केंद्रों पर काम करने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया गया है.

क्रय केद्रों पर अव्यवस्था का आलम

केंद्र प्रभारी सुरेश कुमार पवार और बदनूर समिति का कहना है कि, यहां पर प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई, लेकिन वो लोग सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. लेकिन हम्माल किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने नजर नहीं आए. साथ ही खरीदी केंद्र पर इसका पालन करवाने के लिए किसी तरह के निशान ही बनाए गए हैं.

there-is-no-sanitizer-at-the-wheat-procurement-center-in-chhindwara
किसानों का आरोप गेहूं खरीदी केंद्र पर नहीं है सेनीटाइजर ना ही पानी

यह गोदाम लगभग 3 सालों से गेहूं खरीदी केंद्र बनाया जाता रहा है, इसकी क्षमता एक लाख बोरे तक की है, उन्होंने बताया कि सैनिटाइजर की एक बोतल यहां आने वाले लोगों के लिए रखी गई है, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें कोई ने सैनिटाइजर नहीं दिया गया.


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