छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायक पद से इस्तीफा देने वाले दीपक सक्सेना का कहना है कि प्रदेश और छिंदवाड़ा का विकास जरूरी है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनका सदन का सदस्य होना जरूरी है. उनके लिए एक सीट खाली करनी थी, इसलिए जनता के हित और नेतीजी का मान रखते हुए मैंने सीट खाली कर दी.
दरअसल छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि आखिर वे किस विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. वैसे तो कमलनाथ के लिए दीपक सक्सेना ने पहले भी कई बार मंच से घोषणा की थी कि वे छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ के लिए खाली करेंगे. वहीं पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने भी मुलताई विधानसभा सीट कमलनाथ के लिए खाली करने की बात कही थी. इसके अलावा सौंसर विधायक विजय चौरे ने भी अपनी सीट छोड़ने की इच्छा जताई थी, क्योंकि कमलनाथ का विधानसभा क्षेत्र सौंसर ही आता है.
हालांकि सीएम कमलनाथ के लिए दीपक सक्सेना ने सबसे पहले अपना इस्तीफा सौंपा है. दीपक सक्सेना का कहना है कि बोलने में और करने में काफी अंतर होता है. उन्होंने इस्तीफा देकर अपना वचन निभाया है. पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने आए सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने खुद मंच से कहा था कि पहली बार एक बेटा, बाप के लिए और बाप एक बेटे के लिए वोट डालेगा.
'शहर के लिए गर्व की बात'
नकुलनाथ के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ सौंसर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि खुद उनका कहना था कि वे सौंसर के वोटर हैं. विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने कहा था कि जिस विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटों से जीत होगी, वे वहां से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन दीपक सक्सेना के इस्तीफा देने के बाद अब कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे. दीपक सक्सेना का कहना है कि जिले और प्रदेश के विकास के लिए छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री कमलनाथ का विधायक चुना जाना यहां के लिए गर्व की बात होगी. वहीं उन्होंने कहा कि नकुलनाथ छिंदवाड़ा से लोकसभा में चुनकर जाएंगे.